उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था? Show
उस समय के तिब्बत के पहाड़ों की यात्रा सुरक्षित नहीं थी। लोगों को डाकुओं का भय बना रहता था। डाकू पहले लोगों को मार देते और फिर देखते की उनके पास पैसा है या नहीं। तथा तिब्बत में हथियार रखने से सम्बंधित कोई क़ानून नहीं था। इस कारण लोग खुलेआम पिस्तौल बन्दूक आदि रखते थे। साथ ही, वहाँ अनेक निर्जन स्थान भी थे, जहाँ पुलिस का प्रबंध नहीं था। 632 Views लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया? लङ्कोर के मार्ग में लेखक का घोड़ा थककर धीमा चलने लगा था। उनका घोड़ा बहुत सुस्त था। इसलिए वे अपने साथियों से बिछड़ गया और अकेले में रास्ता भूल गया। वे रास्ता भटककर एक-डेढ़ मील ग़लत रास्ते पर चले गए थे। उन्हें वहाँ से वापस आना पड़ा। 579 Views अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ा? लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा- 900 Views लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया? लेखक ने शेकर विहार में सुमति को यजमानों के पास जाने से रोका था क्योंकि अगर वह जाता तो उसे बहुत वक्त लग जाता और इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परंतु दूसरी बार लेखक ने उसे रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि वे अकेले रहकर मंदिर में रखी हुई हस्तलिखित पोथियों का अध्ययन करना चाहते थे। 549 Views थोंगला के पहले के आख़िरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के वावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों? लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला इसका मुख्य कारण था - संबंधों का महत्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। पहली बार लेखक के साथ बौद्ध भिक्षु सुमति थे। सुमति की वहाँ जान-पहचान थी। पर पाँच साल बाद बहुत कुछ बदल गया था। भद्र वेश में होने पर भी उन्हें उचित स्थान नहीं मिला था। उन्हें बस्ती के सबसे गरीब झोपड़ी में रुकना पड़ा। यह सब उस समय के लोगों की मनोवृत्ति में बदलाव के कारण ही हुआ होगा। वहाँ के लोग शाम होते हीं छंङ पीकर होश खो देते थे और सुमति भी साथ नहीं थे। 874 Views These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 2 ल्हासा की ओर. प्रश्न-अभ्यास ( पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4. दूसरी बार, लेखक को वहाँ के मंदिर में रखी अनेक मूल्यवान हस्तलिखित पुस्तकें मिल गई थीं। वह एकांत में उनका अध्ययन करना चाहता था। इसलिए उसने सुमति को यजमानों के पास जाने की अनुमति दे दी। प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. दो बैलों की कथा : कहानी ‘ल्हासा की ओर’ यात्रा-वृत्तांत है। यह कहानी, संस्मरण, व्यंग्य, निबंध सबसे अलग हैं। इसका मुख्य विषय है-यात्रा का वर्णन। पूरा पाठ यात्रा से आरंभ होकर यात्रा पर समाप्त होता है। इसमें मानव-चरित्र के अनुभव बहुत संक्षिप्त रूप में आए हैं। जबकि कहानी, रेखाचित्र और संस्मरण में मानव-चरित्र का चित्रण है। निबंध में विचार-विवेचन है। इसलिए वह भी यात्रा-वृत्तांत से अलग विधा है। भाषा-अध्ययन प्रश्न 13.
प्रश्न 14. प्रश्न 15. Hope given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 2 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions try to provide online tutoring for you. तिब्बत में लोग हथियार लेकर क्यों घूमते फिरते हैं?उत्तर : उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को लूट-पाट तथा अपनी हत्या हो जाने का भय बना रहता था। जब सन 1929 ई. में सांकृत्यायन ने तिब्बत की यात्रा की थी, तब वहाँ हथियार रखने से संबंधित कोई कानून नहीं था। अतः वहाँ के लोग खुलेआम पिस्तौल तथा बंदूक लेकर घूमते थे।
उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किसका भय बना रहता था?उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था ? उत्तर:- उस समय तिब्बत के पहाड़ों की यात्रा सुरक्षित नहीं थी। लोगों को डाकुओं का भय बना रहता था। डाकू पहले लोगों को मार देते और फिर देखते कि उनके पास पैसा है या नहीं तथा तिब्बत में हथियार रखने से सम्बंधित कोई कानून नहीं था।
तिब्बत में हथियार के कानून की क्या व्यवस्था है?Answer: उस समय तिब्बत मे किसी कानून की और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही थी । लोग लाठी को ही बन्दूक की भाँति रखते थे । लोगो को रेलगाड़ी मे जाते समय जान व माल का खतरा बना रहता था ।
उस समय तिब्बत में कौन सा कानून न होने की बात कही गई है?Answer: तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण उस समय यात्रियों को डाकुओं से मारे जाने का खतरा था।
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