गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता। Show गोदी का चाँद नन्हा बालक है और दूसरा चाँद आसमान में चमकने वाला चाँद है। बच्चों को आज भी चाँद प्यारा लगता है। एक चाँद दूसरे चाँद की माँग करता है। दोनों में गहरा रिश्ता है। बालक आसमान के चाँद को खिलौना समझता है और लेने की हठ करता है। माँ चाँद की छाया दर्पण में दिखलाकर उसे बहलाती है। चाँद की परछाईं भी तो चाँद ही है। 434 Views खुद का परदा खोलने से क्या आशय है? खुद का परदा खोलने से यह आशय है कि अपने वास्तविक स्वरूप को दर्शाना। जब हम किसी दूसरे को नंगा करने का प्रयास करते हैं तब हम स्वयं नंगे हो जाते हैं। दूसरे के रहस्य को उजागर करना अपने को बेपर्दा करना है। यदि कोई व्यक्ति दूसरे की निंदा करता है तो वह स्वयं की बुराई कर रहा होता है। इसलिए शायर ने कहा है कि मेरा रहस्य खोलने वाले अपने रहस्यों को भी बता रहे हैं। 264 Views ‘किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो लें हैं’- इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तना-तनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए। किस्मत शायर पर रोती है अर्थात् उससे गिला-शिकवा करती है जबकि शायर अपनी किस्मत पर रोता है। उसकी किस्मत ही खराब है। इस प्रकार शायर और किस्मत में तना-तनी चलती रहती है। दोनों का संबंध अटूट जो है। कवि कहता है कि उसका भाग्य भी कभी उसके साथ नहीं रहा। किस्मत सदैव उसके खिलाफ रही। इसलिए वह किस्मत पर भरोसा नहीं करता। जब भी भाग्य की चर्चा होती है तो वह उसके नाम पर रो लेता है। 387 Views शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर यह भाव व्यंजित करना चाहता है कि जो संबंध बादलों की घटा का बिजली के साथ है, वही संबंध भाई का बहन के साथ है। राखी कोई साधारण वस्तु नहीं है। इसके लच्छे बिजली चमक की तरह रिश्तों की पवित्रता को व्यंजित करते हैं। बिजली चमककर किसी सत्य का उद्घाटन कर जाती है, इसी प्रकार राखी के लच्छे भी चमककर संबंधों के उत्साह का उद्घाटन कर जाते हैं। शायर ने रक्षाबंधन के त्योहार का रोचक वर्णन किया है। रक्षाबंधन के कच्चे धागे ऐसे हैं जैसे बिजली के लच्छे। रक्षाबंधन सावन मास में आता है। सावन मास में बादल होते हैं। घटा का जो संबंध बिजली से है वही संबंध भाई का बहन से है। कवि कहना चाहता है कि यह पवित्र बंधन बिजली की तरह चमकता है। 490 Views सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व। रक्षाबंधन का त्योहार सावन में आता है। सावन के महीने में आकाश में घटाएँ घिर आती हैं। घटाओं के मध्य बिजली चमकती है। इन घटाओं का संबंध रक्षाबंधन के पर्व से है। सावन का जो संबंध झीनी घटा से है और घटा का जो संबंध बिजली से है-रक्षाबंधन के पर्व मंं वही संबंध भाई का अपनी बहन से है। 313 Views Advertisement Remove all ads Advertisement Remove all ads Short Note शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है? Advertisement Remove all ads Solutionशायर राख के लच्छे को बिजली की चमक कहकर भाई-बहन के संबंध की घनिष्टता को व्यक्त करना चाहता है। भाई-बहन को शायर बादल की घटा तथा बिजली के रूप में अभिव्यक्त करता है। राखी उसी घनिष्टता का प्रतीक है, जो प्रत्येक भाई के हाथ में राखी के धागे के रूप में दिखाई देता है। यह दोनों के मध्य प्रेम तथा पवित्रता का सूचक है। Concept: काव्य भाग Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 9: फ़िराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गज़ल) - अभ्यास [Page 60] Q 1.PrevQ 2. APPEARS INNCERT Class 12 Hindi - Aaroh [हिंदी - आरोह १२ वीं कक्षा] Chapter 9 फ़िराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गज़ल) Advertisement Remove all ads Solution : शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर यह बताना चाहता है कि सावन मास में रक्षाबंधन के दिन बरसा में जिस तरह बिजली चमकती है उसी प्रकार बहन चमकती राखी बाँधकर भाई के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है। रक्षाबंधन एक मीठा बंधन है। सावन का जो संबंध झीनी घटा से है, घटा का जो संबंध बिजली से है वही संबंध भाई का बहन से होता है। DisclaimerWe strive continuously to provide as precisely and as timely contents as possible, however, we do not guarantee the accuracy, completeness, correctness, timeliness, validity, non-obsolescence, non-infringement, non-omission, merchantability or fitness of the contents of this website for any particular purpose. Notify us by email if we have published any copyrighted material or incorrect informations. Solutions For All Chapters Aroh Class 12 पाठ के साथप्रश्न 1. उत्तर: प्रश्न 2. उत्तर: प्रश्न 3. उत्तर: टिप्पणी करें।(क) गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता। (ख) सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व। उत्तर: (ख) रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार सावन के महीने में आता है। सावन की घटाएँ जब घिर आती हैं तो चारों ओर खुशी की बयार बहने लगती है। राखी का यह त्यौहार इस मौसम के द्वारा और अधिक सार्थक हो जाता है। सावन की काली-काली घटाएँ भाई को संदेश देती हैं कि तेरी बहन तुझे याद कर रही है। यदि तू इस पवित्र त्यौहार पर नहीं गया तो उसकी आँखों से मेरी ही तरह बूंदें टपक पड़ेगी। कविता के आसपासप्रश्न 1. उत्तर: हिंदी के प्रयोग- आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी उर्दूके प्रयोग- उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके लोकभाषा के प्रयोग- रह-रह के हवा में जो लोका देती है। आपसदारीप्रश्न 1. (ख) आबो ताबे अश्आर न पूछो तुम भी आँखें रक्खो हो ये जगमग बैतों की दमक है या हम मोती रोले हैं। ऐसे में तू याद आए हैं अंजमने मय में रिंदो को, रात गए गर्दै पे फरिश्ते बाबे गुनह जग खोले हैं। (ग) “ये कीमत भी अदा करे हैं हम बदुरुस्ती-ए-होशो हवास अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरप्रश्न 1. उत्तर: प्रश्न
2. उत्तर: प्रश्न 3. उत्तर: प्रश्न 4. उत्तर: प्रश्न 5. उत्तर: प्रश्न 6. उत्तर: प्रश्न 7. उत्तर: प्रश्न 8. उत्तर: प्रश्न 9. उत्तर: प्रश्न 10. आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ीं उत्तर: प्रश्न 11. अथवा उत्तर: प्रश्न 12. उत्तर: शायर राखी के लक्ष्य को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यतीत करना चाहता है?शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है? Solution : शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर यह बताना चाहता है कि सावन मास में रक्षाबंधन के दिन बरसा में जिस तरह बिजली चमकती है उसी प्रकार बहन चमकती राखी बाँधकर भाई के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है। रक्षाबंधन एक मीठा बंधन है।
खुद का परदा खोलने का क्या आशय है?खुद का परदा खोलने का तात्पर्य है कि अपना असली चेहरा दूसरों को दिखा देते हैं। शायर कहता है कि जब हम किसी की बुराई कर रहे होते हैं, तो हम यह भूल जाते हैं कि हम सामने वाले को अपना असली चेहरा दिखा देते हैं।
|