शिवलिंग पर कमलगट्टा क्यों चढ़ाया जाता है? - shivaling par kamalagatta kyon chadhaaya jaata hai?


श्रावण मास में भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से मनुष्य का कल्याण तो होता ही है, साथ ही वह समस्त संसार के कल्याण के लिए भी महाऔषधि तैयार कर लेता है। पांच तत्व में जल तत्व बहुत महत्वपूर्ण है। पुराणों में शिवाभिषेक का बहुत महत्व बताया गया है।


अत: मनचाहे फल की प्राप्ति के लिए श्रावण मास में निम्न उपाय करें :-


- भगवान को जूही के फूल चढ़ाने से घर में कभी भी अन्न-धान्य की कमी नहीं रहती है।

- श्रावण में हार सिंगार के फूल अर्पण करने से सर्वसुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

- श्रावण मास में शिवजी का सुगंधित पदार्थों से अभिषेक करने से भौतिक सुख साधनों में वृद्धि होती है।

- श्रावण मास में शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करने से मनुष्य समस्त भौतिक सुख प्राप्त कर शिवलोक प्राप्त होता है।
- भांग एवं सफेद अकाव के पुष्प चढ़ाने से शिवशंकर प्रसन्न होकर उत्तम आशीर्वाद देते हैं।

- भगवान शिवजी को बिल्वपत्र, कमल पुष्प या कमल गट्टा बीज अर्पण करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

- इस माह में भगवान भोलेनाथ को धतूरे के पुष्प अर्पण करने से पुत्र प्राप्ति होती है।

विषयसूची

  • 1 शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से क्या होता है?
  • 2 रामेश्वरम में किसकी पूजा की जाती है?
  • 3 रामेश्वरम् क्यों प्रसिद्ध है?
  • 4 रामेश्वरम में कौन से भगवान हैं?

शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंजौ- शिवलिंग पर जौ अर्पित करने से सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती है । बेलपत्र- भगवान भोलेनाथ की बेलपत्र से पूजा करने से सभी संकट दूर होते है । दूर्वा- भगवान भोलेनाथ की दूर्वा से पूजन करने दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।

रामेश्वरम में किसकी पूजा की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंमान्‍यता तो यह भी है कि रामेश्‍वरम में शिव की पूजा विधिवत करने से ब्रह्महत्‍या जैसे दोष से भी मुक्ति मिल जाती है। रामेश्‍वरम को दक्षिण भारत का काशी कहा जाता है। यहां की धरती को भी भोलेबाबा और मर्यादा पुरुषोत्‍तम श्रीराम की कृपा से मोक्ष देने का आशीर्वाद प्राप्‍त है।

भगवान शिव की उपासना कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंपूजा स्थल पर बैठकर चौकी पर भगवान शिव और पार्वती का चित्र स्थापित कर पवित्रीकरण करें. उसके बाद भगवान शिव का जल से अभिषेक करें. पूजा में शिव जी को बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल अर्पित करें. भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध चढ़ाएं.

शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ा सकते हैं क्या?

इसे सुनेंरोकेंलंबी आयु के लिए शिवलिंग पर सफदे वस्त्र व जनेऊ अर्पित करें। इससे भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में आशातीत सफलता भी प्राप्त होती है।

रामेश्वरम् क्यों प्रसिद्ध है?

इसे सुनेंरोकेंरामेश्‍वरम को हिंदूओं के सबसे पवित्र स्‍थानों में से एक माना जाता है, इसे चार धाम की यात्राओं में से एक स्‍थल माना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान राम, भगवान विष्‍णु के सातवें अवतार थे जिन्‍होने यहां अपनी पत्‍नी सीता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए यहां से श्री लंका तक के लिए एक पुल का निर्माण किया था।

रामेश्वरम में कौन से भगवान हैं?

इसे सुनेंरोकेंभगवान शिव को समर्पित रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग देशभर में प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। मान्यताओं के अनुसार यहां मौजूद शिवलिंग शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। रामेश्वरम में हर साल लाखों श्रृद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है। सावन के महीने में इस मंदिर की विशेषताएं ओर भी अधिक हो जाती है।

शिवलिंग पर कमलगट्टा क्यों चढ़ाया जाता है?

इसे सुनेंरोकें- भगवान शिवजी को बिल्वपत्र, कमल पुष्प या कमल गट्टा बीज अर्पण करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। – इस माह में भगवान भोलेनाथ को धतूरे के पुष्प अर्पण करने से पुत्र प्राप्ति होती है।

शंकर जी को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंशिव जी (Shiva Ji) की पूजा में कुछ चीजों को वर्जित बताया गया है, जैसे- हल्‍दी, सिंदूर, शंख आदि. इन चीजों को शिवलिंग (Shivling) पर चढ़ाने से पूजा का फल नहीं मिलता है.

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भगवान शिव की पूजा के दौरान लोग कभी शिवलिंग पर भांग-धतूरा तो कभी दूध, चंदन और भस्म चढ़ाते हैं. भगवान शिव को बैरागी कहा जाता है. यही वजह है कि उनके शिवलिंग पर कभी भी आम जिन्दगी में इस्तेमाल होने वाली चीजें नहीं चढ़ाई जाती हैं. अगर आप भी इस सावन भोलेबाबा के व्रत या उनकी पूजा करने वाले हैं तो भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 7 चीजें.

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शंख से न चढ़ाएं जल-
भगवान श‌िव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध क‌िया था. शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान व‌िष्‍णु का भक्त था. इसल‌िए व‌िष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है, श‌िव की नहीं.


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तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं -
तुलसी को भगवान व‌िष्‍णु ने पत्नी रूप में स्वीकार क‌िया है. इसल‌िए तुलसी से श‌िव जी की पूजा नहीं होती.

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त‌िल या तिल से बनी कोई वस्तु न चढ़ाएं-
यह भगवान व‌िष्‍णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है, इसल‌िए इसे भगवान श‌िव को नहीं अर्प‌ित क‌िया जाना चाह‌िए.

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कभी न चढ़ाएं टूटे हुए चावल-
भगवान श‌िव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्प‌ित क‌िए जाने के बारे में शास्‍त्रों में ल‌िखा है. टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है, इसल‌िए यह श‌िव जी को नहीं चढ़ता.

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शि‍व को नहीं भाता कुमकुम-
कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है, जबक‌ि भगवान श‌िव वैरागी हैं, इसल‌िए श‌िव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता.


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हल्दी-
शिवलिंग पर कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.

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नारियल पानी
शिव जी की पूजा नारियल से होती है लेकिन नारियल पानी से नहीं क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली सारी चीज़ें निर्मल होनी चाहिए यानि जिसका सेवन ना किया जाए. नारियल पानी देवताओं को चढ़ाये जाने के बाद ग्रहण किया जाता है इसीलिए शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है.

शिवजी पर कमलगट्टा चढ़ाने से क्या होता है?

आपके घर के क्‍लेश समाप्‍त हो जाते हैं। सावन में शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से आपकी खाली झोली भर जाती हैं और भोलेबाबा आपको सुयोग्‍य पुत्र प्राप्‍त होने का आशीर्वाद देते हैं। अगर आपके घर में कोई बुखार से पीड़ित है तो उस व्‍यक्ति के हाथ से स्‍पर्श करवाकर शिवलिंग पर गंगाजल मिश्रित जल चढ़वाने से उसके शरीर का ताप कम हो जाता है।

धन प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए?

शिवपुराण के अनुसार, धन प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर जल में अक्षत यानी चावल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से धन संबंधित समस्या का अंत होता है और कर्ज की समस्या से भी मुक्ति मिलती है।

शिवलिंग पर काली मिर्च क्यों चढ़ाई जाती है?

शनि के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भी काली मिर्च का टोटका खास है. शनि देव के कष्ट से छुटकारा पाने के लिए काले कपड़े में काली मिर्च और 11 रुपए बांधकर दान करें. इस टोटका से शनि की ढैय्या से छुटकारा मिल जाता है.

शिवलिंग पर सबसे पहले क्या चढ़ाना चाहिए?

सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए। इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें।

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