चारू चन्द्र की चंचल किरणें पंक्ति में कौन सा अलंकार है क रूपक ख अनुप्रास ग यमक घ श्लेष? - chaaroo chandr kee chanchal kiranen pankti mein kaun sa alankaar hai ka roopak kh anupraas ga yamak gh shlesh?

चारु चंद्र की चंचल किरणें में कौन सा अलंकार है?

(A) यमक अलंकार
(B) उपमा अलंकार
(C) अनुप्रास अलंकार
(D) श्लेष अलंकार

Explanation : चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थीं जल-थल में। पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है। अनुप्रास अलंकार की परिभाषा – जहाँ व्यंजनों की आवृत्ति बार-बार हो, चाहे उनके स्वर मिलें या ​न मिलें वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार शब्दालंकार के तीन भेद– 1. अनुप्रास, 2. यमक और 3. श्लेष में से एक है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में अनुप्रास अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।....अगला सवाल पढ़े

Tags : अनुप्रास अलंकार अलंकार अलंकारिक शब्द

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चारु चंद्र की चंचल किरणें कौन सा अलंकार है?

अनुप्रास अलंकार की बानगी है यह कविता 'चारु चंद्र की चंचल किरणें'

चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में कौनसा अलंकार है * अनुप्रास अलंकार यमक अलंकार वक्रोक्ति अलंकार?

अनुप्रास अलंकार अनुप्रास का अर्थ है दोहराना। जहां कारण उत्पन्न होता है अर्थात् काव्य में जहां एक ही अक्षर की आवृत्ति बार-बार होती है, वहां अनुप्रास अलंकार होता है। (जब किसी काव्य पंक्ति में कोई वर्ण की आवृत्ति होती है वहां अनुप्रास अलंकार होता है।) तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।

यमक अलंकार का उदाहरण क्या है?

काली घटा का घमंड घटा। पहली बार 'घटा' शब्द का प्रयोग बादलों के काले रंग की और संकेत कर रहा है। दूसरी बार 'घटा' शब्द बादलों के कम होने का वर्णन कर रहा है। अतः 'घटा' शब्द का दो बार प्रयोग और अलग अलग अर्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।

चारु चंद्र की चंचल किरणें किसकी रचना है?

स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में। मानों झीम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से॥ जाग रहा यह कौन धनुर्धर, जब कि भुवन भर सोता है? भोगी कुसुमायुध योगी-सा, बना दृष्टिगत होता है॥

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