किसी के मरने के बाद कपड़ों का क्या करें? - kisee ke marane ke baad kapadon ka kya karen?

  • मृत व्‍यक्तियों के कपड़े क्‍यों नहीं पहनने चाह‍िए

    what to do with a loved ones clothes after death आपने अक्‍सर सुना होगा क‍ि मृत व्‍यक्तियों के कपड़े नहीं पहनने चाह‍िए। लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि ऐसा क‍िस वजह से क‍िया जाता है? क्‍योंक‍ि सनातन धर्म में हर बात और हर कर्म की एक मजबूत वजह और तर्क है। ऐसे में इस कर्म के पीछे क्‍या कारण है आइए जानते हैं?

  • अतीत की यादों में बांधकर रख सकती हैं

    ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार, जब हमारा कोई प्रिय अपने प्राण त्यागता है तब उसके साथ जुड़े रहने के लिए हमारे पास केवल उसकी यादें शेष बच जाती हैं। जिसमें कुछ उनका सामान भी है। अगर हम मृत व्यक्ति का सामान अपने पास रखते हैं और उसका उपयोग भी करते हैं तब यह हमें मानसिक रूप से कमजोर कर सकता है, हमें उस दुखद क्षण को भूलने नहीं देता, अपने आप को जीवन की गति के साथ आगे बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि उन वस्तुओं को दान कर दिया जाए जो आपको अतीत की यादों में बांधकर रख सकती है।

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  • आत्‍मा को कभी भी रोकें नहीं

    मृत्यु के बाद भी जीवन है। मृत्यु अंत नहीं बल्कि उस आत्मा की एक नई शुरुआत है इसल‍िए आपको कोशिश करनी चाहिए कि मृतक के कपड़ों या अन्य किसी सामान की वजह से, मुक्त हो चुकी आत्मा की यात्रा को बाधित नहीं करनी चाह‍िए। मान्‍यता है क‍ि आत्मा स्वच्छंद है। जीवन त्‍यागने के बाद शायद वह एक नए शरीर की तलाश में जुटने जा रही होती है। इसल‍िए उसे रोकें नहीं, आगे बढ़ने दें, एक नया आगाज करने दें। इसी वजह से मृतक से संबंध‍ित वस्‍तुओं के प्रयोग से बचना चाह‍िए।

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  • मृतक के कपड़ों को क‍िसी गरीब को दान में दे दें

    ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार, मृतक के कपड़े हमेशा दान कर देने चाहिए। इसके पीछे का मनोवैज्ञानिक मत है क‍ि मृतक के कपड़ों को हर समय देखने से उसके आस-पास होने का अहसास होता है। साथ ही उससे जुड़ी यादें कई बार लोगों को अवसाद का भी श‍िकार बना देती हैं। इसल‍िए भी मृतक के कपड़ों को दान करने के ल‍िए कहा जाता है।

नई दिल्‍ली: जब कोई अपना इस दुनिया से चला जाता है तो अक्‍सर लोग उसकी चीजों को याद के रूप में संभालकर रखते हैं. इन चीजों में आमतौर पर कपड़े (Clothes) जरूर शामिल होते हैं. कई बार लोग अपने गुजरे हुए मां-बाप या अन्‍य मृत रिश्‍तेदारों (Dead Loved Ones) के इन कपड़ों को पहन भी लेते हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए. सनातन धर्म में मरे हुए व्‍यक्ति के कपड़े पहनने की सख्‍त मनाही की गई है और इसके पीछे के कारण भी बताए गए हैं. 

...इसलिए नहीं पहने जाते मृतकों के कपड़े 

– मृतकों के कपड़े न पहनने का एक बड़ा और सबसे अहम कारण यह है कि ऐसा करना आपको कमजोर बनाता है. मृत परिजन के कपड़े पहनने से उनकी याद ज्‍यादा सताएगी और वह मानसिक रूप से कमजोर करेगी. ऐसे में व्‍यक्ति मृत परिजन को भूलकर आगे नहीं बढ़ पाता है. लिहाजा ये कपड़े किसी जरूरतमंद को दान कर देना ही बेहतर होता है. 

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– मृत व्‍यक्तियों की आत्‍माएं भी अपने चहेते लोगों का मोह नहीं छोड़ पाती हैं, ऐसे में मृतकों की चीजों को रखना उन्‍हें अपने से बांधे रखना है. जबकि आत्‍माओं को भटकना नहीं चाहिए, बल्कि जल्‍द से जल्‍द नए शरीर में प्रवेश कर लेना चाहिए. 

– किसी परिजन की मृत्‍यु के बाद उसकी आत्‍मा की शांति के लिए दान-पुण्‍य किया जाता है. इस दौरान मृतकों के कपड़े-सामान भी दान कर दिए जाएं तो बेहतर होता है, ताकि वो किसी के उपयोग में आ सकें. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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Loved Ones Clothes After Death: सनातन धर्म में हर बात और हर कर्म की एक मजबूत वजह और तर्क है. आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण के बारे में-

Loved Ones Clothes After Death

Loved Ones Clothes After Death: आपने अक्सर सुना होगा कि किसी व्यक्ति के मरने के बाद उनके कपड़े नहीं पहनने चाहिए. लेकिन बहुत से लोग मृत प्रियजनों की याद में उनसे जुड़ी चीजों को हमेशा अपने पास रखते हैं जिसमें से एक कपड़े भी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं किसी व्यक्ति के मरने के बाद उनके कपड़ें क्यों नहीं पहनने चाहिए? सनातन धर्म में हर बात और हर कर्म की एक मजबूत वजह और तर्क है. आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण के बारे में-Also Read - Numerology Predictions May 7: अंक ज्योतिष के अनुसार कैसा रहेगा आज का दिन, कौन सा रंग और कौन सा अंक है आपके लिए शुभ, जानें

– ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर हम मृडत व्यक्ति का सामना अपने पास रखते हैं या उसे उपयोग करते हैं तो यह हमें मानसिक रूप से कमजोर करता है और उस व्यक्ति को भूलने नहीं देता. ऐसे में जरूरी है कि आप मृत व्यक्ति का सामान किसी को दान कर दें. Also Read - Shardiya Navratri Puja Vidhi, Timings: जानिए नवरात्रि में पूजा विधि और कलश स्थापना के नियम...शुभ-अशुभ

– मृतक के कपड़ों या अन्य किसी सामान की वजह से मृत व्यक्ति की आत्मा को ना रोकें. ऐसा माना जाता है कि जीवन त्यागने के बाद आत्मी किसी नए शरीर की तलवाश करने लगती है इसलिए उसे रोकें नहीं. ऐसे में मृत व्यक्ति की चीजों का इस्तेमाल करने से बचें. Also Read - Uttarakhand: सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को होंगे बंद

– मृतक के कपड़े हमेशा दान कर देने चाहिए. मृतक के कपड़ों को हर समय देखने से उसके आस-पास होने का अहसास होता है. ऐसे में मृतक के कपड़ों को किसी को दान कर दें.

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faith newsLoved Ones Clothes After Death

Published Date: September 2, 2021 9:13 AM IST

मृत व्यक्ति के कपड़ों का क्या करना चाहिए?

आत्‍मा को कभी भी रोकें नहीं मृत्यु के बाद भी जीवन है। मृत्यु अंत नहीं बल्कि उस आत्मा की एक नई शुरुआत है इसल‍िए आपको कोशिश करनी चाहिए कि मृतक के कपड़ों या अन्य किसी सामान की वजह से, मुक्त हो चुकी आत्मा की यात्रा को बाधित नहीं करनी चाह‍िए। मान्‍यता है क‍ि आत्मा स्वच्छंद है।

क्या हमें मरे हुए लोगों के कपड़े रखने चाहिए?

प्रियजन की मौत (Loved Ones death) का सदमा बहुत गहरा होता है लेकिन उसकी याद (Memory) में उसके कपड़े (Clothes) पहनना ठीक नहीं है. इससे व्‍यक्ति उस दुख से बाहर नहीं निकल पाता है, साथ ही सनातन धर्म में भी इसकी मनाही की गई है.

मरे हुए व्यक्ति के कपड़े क्यों नहीं पहनने चाहिए?

गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मृत व्यक्ति के वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। भूलकर भी अपने शरीर पर इन्हें धारण नहीं करना चाहिए। अगर आप मरे हुए व्यक्ति के कपड़े पहनते हैं तो उसकी आत्मा आपके शरीर के साथ जुड़ जाती है। और मृत व्यक्ति की यादें आपको सताने लगती है।

पुराने कपड़े जलाने से क्या होता है?

फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा का निर्माण होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा कभी फटी बनियान, जांघिये या फटे कपड़े न पहने। टावेल भी आपका कहीं से फटा या पुराना नहीं होना चाहिए।

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