चेचक के वायरस से संक्रमित होने के 15 से 20 दिनों के बाद आपके सारे शरीर पर खुजली के साथ लाल दाग और फोड़े-फुंसी हो जाते हैं। चिकन पॉक्स के लक्षण हैं बुखार, थकान, भूख ना लगना और मांसपेशियों में दर्द रहना। यह एक सामान्य बीमारी है जो नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को अपना शिकार बनाती है। इस बीमारी से बचने का एक सामान्य टीका है। जिसे ज्यादातर लोगों को दिया जाता है। Show
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क्या कहना है डॉक्टर का बच्चों के लिए ज्यादा घातक तुरंत ले डॉक्टरों से परामर्श चिकन पॉक्स में क्या करे - Chicken pox hone par kya karna chahiye in hindiकई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! चिकन पॉक्स एक बहुत ही जल्दी फैलने वाली बीमारी है, जिसे आम भाषा में छोटी माता या माता निकलना भी कहा जाता है। ये बीमारी “वेरिसेला जोस्टर” (Varicella zoster) नामक वायरस के कारण होती है जिसमें व्यक्ति के पूरे शरीर पर द्रव से भरे हुए छाले या दाने हो जाते हैं। ये दाने पहले चेहरे और पीठ पर होते हैं और फिर पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। इससे व्यक्ति को बुखार और छालों में खुजली जैसे लक्षण कई होते हैं जो बहुत ही ज्यादा परेशान करने वाले होते हैं। (और पढ़ें - मुंह में छाले होने पर क्या करना चाहिए) वैसे तो चिकन पॉक्स अपने आप या कुछ घरेलू उपाय करने से ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी इससे कई अन्य समस्याएं व जटिलताएं हो सकती हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में चिकन पॉक्स जानलेवा भी हो सकता है। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय) इस लेख में क्या माता निकलना खतरनाक होता है, चिकेनपॉक्स में क्या करे, क्या न करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बतया गया है।
क्या चिकन पॉक्स खतरनाक होता है - Kya chicken pox khatarnak hota haiवैसे तो चिकन पॉक्स से ग्रस्त लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए ये गंभीर और यहां तक की जानलेवा भी हो सकता है। बड़े लोगों को माता निकलने पर अन्य जटिलताएं होने की संभावना अधिक होती है हालांकि, इनके मामले बहुत कम होते हैं। गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनके लिए चिकन पॉक्स ज्यादा खतरनाक होता है। इस बात का ध्यान रखें कि आपके परिवार के हर सदस्य को चिकन पॉक्स के टीके लगे हों और आगे भी समय-समय पर लगते रहें। चिकन पॉक्स के लिए लगाए जाने वाले टीके को वेरिसेला वैक्सीन (Varicella vaccine) कहा जाता है। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायें) अगर चिकन पॉक्स के छाले बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाएं, तो जटिलताएं होने की सम्भावना अधिक होती है। (और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण) चिकन पॉक्स से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं, जिनके कारण व्यक्ति की हालत बिगड़ सकती है और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है -
चिकन पॉक्स में क्या करना चाहिए - Chicken pox ho to kya kareचिकन पॉक्स के लिए कोई इलाज नहीं होता है, लेकिन ये कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ तरीकों से इसमें होने वाली परेशानी को कम किया जा सकता है। चिकन पॉक्स के लिए प्राथमिक उपचार निम्नलिखित हैं -
(और पढ़ें - चिकन पॉक्स का घरेलू उपचार) नीचे वाले भाग में माता निकलने पर क्या नहीं करने चाहिए के बारे में बताया गया है। चिकन पॉक्स में क्या न करें - Chicken pox me kya nahi karna chahiyeचिकन पॉक्स होने पर बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है, जैसे -
चिकन पॉक्स के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए - Chicken pox ke liye doctor ke pas kab jayeसम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ जब माता निकली है तो क्या करना चाहिए?चेचक की बीमारी में कई घरेलू उपचार करके आराम पाया जा सकता है। इसमें नीम को बड़ा असरदार माना गया है। नीम के पत्तों को पहले पीस लें और फिर शरीर में हुए दानों पर इसके लेप को लगाएं, जिससे दर्द में आराम मिलता है। इसके अलाव नीम को नहाने वाले पानी में डालकर उबाल लें, और फिर इस पानी से रोगी को नहालाएं।
माता कितने दिन रहती है?सोसायटी में छोटी माता के नाम से प्रचलित चिकन पॉक्स का डॉक्टरी इलाज कराने से लोग बचते हैं। इसके पीछे माता का डर छिपा रहता है। लोग झाड़-फूक, और पुरानी मान्यताओं का सहारा लेते हैं। इस दौरान संक्रमण फैलने के चांसेज बढ़ जाते हैं और मरीज के शरीर से वायरस का असर खत्म होने में सात से दस दिन का समय लगता है।
शरीर पर माता क्यों निकलती है?हम सभी जानते हैं कि चिकन पॉक्स या खसरा रोग एक से दूसरे में फैलने वाली बीमारी है। इसमें व्यक्ति की बॉडी पर लाल और छोटे दाने होने लगते हैं, जिसमें काफी खुजली होती है। भारत के ज्यादातर इलाकों में इस बीमारी को माताजी कहा जाता है।
छोटी माता कितने दिन में ठीक हो जाती है?जब कोई रोगी विषाणु से ग्रस्त होता है तो उसे यह बीमारी हो जाती है। चेचक का घरेलू उपचार करते समय आपको बीमारी के ठीक होने के समय तक धैर्य बनाए रखना है क्योंकि चेचक रोग का उद्भवकाल विषाणु के शरीर में जाने से 14-16 दिन का माना जाता है। वैसे यह 10-21 दिन का भी हो सकता है। यह आमतौर पर 5-10 दिनों तक रहता है।
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