श्रीलंका संकट
प्रिलिम्स के लिये:श्रीलंका, आर्थिक संकट, विदेशी मुद्रा, आयात और निर्यात, आईएमएफ, सार्वजनिक ऋण, जैविक खेती। Show
मेन्स के लिये:भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्रीलंका के संकट का प्रभाव, श्रीलंका संकट में भारत की भूमिका, भारत के हित पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव चर्चा में क्यों?श्रीलंका जिसकी आबादी 22 मिलियन है, अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, यह सात दशकों में सबसे खराब स्थिति है, जिसके कारण लाखों लोगों को भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है।
श्रीलंका संकट का कारण:
भारत को श्रीलंका संकट की चिंता क्यों?
भारत के लिये अवसर:
श्रीलंका संकट में भारत द्वारा मदद:
आगे की राह
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला हाथी दर्रा का उल्लेख निम्नलिखित में से किसके मामलों के संदर्भ में किया गया है? (2009) (a) बांग्लादेश उत्तर: (d) व्याख्या:
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेसश्रीलंका में संकट के कारण क्या है?श्रीलंका में संकट विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण उत्पन्न हुआ है, जो पिछले दो वर्षों में 70% घटकर फरवरी 2022 के अंत तक केवल 2 बिलियन अमेरिकी डाॅलर रह गया है। इस बीच देश पर वर्ष 2022 के लिये लगभग 7 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का विदेशी ऋण दायित्व है।
श्रीलंका की मुख्य समस्या क्या है?विदेशी कर्ज की मार: श्रीलंका की पूरी अर्थव्यवस्था में विदेशी कर्ज का बड़ा योगदान है। कोरोना ने तोड़ी कमर: श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में लगभग 10 फीसदी योगदान पर्यटन का है। महंगाई ने खराब किया खेल: रूस और युक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत में आसमान उछाल आया।
श्रीलंका की आर्थिक स्थिति क्यों खराब हुई?2009 के गृह युद्ध के बाद श्रीलंका का ज़ोर घरेलू बाज़ार में सामानों की आपूर्ति पर रहा, उन्होंने विदेशी बाज़ार में पहुंचने की कोशिश नहीं की. इसलिए दूसरे देशों से आमदनी तो कम हुई ही, आयात का बिल भी बढ़ता गया. इमेज कैप्शन, राष्ट्रपति राजपक्षे को 2019 में टैक्स कटौती से जुड़े निर्णय के लिए भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा.
श्रीलंका के बिगड़ते हालात के मुख्य कारण क्या है?महामारी की वजह से दुनिया भर का पर्यटन बंद हो गया और श्रीलंका इससे व्यापक रूप से प्रभावित हुआ। कोविड-19 की वजह से श्रीलंका का पर्यटन क्षेत्र लगभग खत्म सा हो गया जोकि जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा था। कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र पर दबाव बढ़ता गया इस वजह से भी विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई।
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