Show रावण की सोने की लंका का कलात्मक चित्रण लंका एक पौराणिक द्वीप है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत आदि हिन्दू ग्रन्थों में मिलता है[1] है। इसका राजा रावण था। यह 'त्रिकुट' नामक तीन पर्वतों से घिरी थी। रामायण के अनुसार, जब रावण ने हनुमान को दण्ड देने के लिए उनकी पूँछ में कपड़े लपेटकर उसको तेल में भिगोकर आग लगा दी थी तब हनुमान ने पूरी लंका में कूद-कूदकर उसे जला दिया था। जब राम ने रावण का वध किया तब उसके भाई विभीषण को लंका का राजा बनाया। आज का श्री लंका ही पौराणिक लंका माना जाता है। पाण्डवों के समय रावण के वंशज ही लंका पर राज्य कर रहे थे। महाभारत के अनुसार, युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ की पूर्ति के लिए सहदेव अश्व लेकर लंका गये थे। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
क्या श्रीलंका में अभी भी सोने की लंका है?क्या सोने की लंका अभी भी श्रीलंका में मौजूद है? जी हां अभी भी सोने की लंका है ।
क्या रावण की लंका आज भी है?आज के युग के अनुसार रावण का राज्य विस्तार, इंडोनेशिया, मलेशिया, बर्मा, दक्षिण भारत के कुछ राज्य और संपूर्ण श्रीलंका पर रावण का राज था। श्रीलंका की श्रीरामायण रिसर्च कमेटी के अनुसार रामायण काल से जुड़ी लंका वास्तव में श्रीलंका ही है।
सोने की लंका किसकी है?रामायण काल में रावण की एक सोने की लंका थी, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती थी। बताया जाता है कि रावण ने यह लंका अपने कुबेर से छीनी थी। लेकिन वह महल न तो रावण का था और न ही कुबेर का। बल्कि सोने की लंका महादेव और माता पार्वती ने बनवाई थी।
श्रीलंका को सोने की लंका क्यों कहते हैं?उन्हें किसी तरह के आलीशान महलों की जरूरत नहीं थी। मगर एक बार पार्वती ने शिव से कहा कि देवताओं की तरह हमारा भी कोई महल होना चाहिए। तब शिव ने विश्वकर्मा और कुबेर को बुलाकर समुद्र के बीच सोने का महल बनवाया। इसे ही सोने की लंका कहा गया।
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