श्री कृष्ण कौन से वंश के हैं? - shree krshn kaun se vansh ke hain?

विषयसूची

  • 1 क्या कृष्ण के वंशज आज भी है?
  • 2 राजा ययाति की जाति क्या थी?
  • 3 क्या श्री कृष्ण अहीर थे?
  • 4 भगवान कृष्ण का वंश कब तक चला?
  • 5 क्या कृष्ण अहीर थे?
  • 6 श्री कृष्ण का वंश कब तक चला?

क्या कृष्ण के वंशज आज भी है?

इसे सुनेंरोकेंक्या श्री कृष्ण जी के वंशज अभी हैं? जी हाँ यदुवंशी क्षत्री उन्ही के वंशज हैं।

राजा ययाति की जाति क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंययाति, चन्द्रवंशी राजा थे। वे राजा नहुष के छः पुत्रों याति, ययाति, सयाति, अयाति, वियाति तथा कृति में से एक थे।

श्री कृष्ण जी कौन सी जाति के थे?

इसे सुनेंरोकेंश्री कृष्ण के पिता वासुदेव जी की जाति क्षत्रिय यदुवंशी ओर कुल चंद्रवंशी था। यादवोंके पूर्वज राजा यदु भी एक क्षत्रिय यदुवंशी थे । यदुवंशी अपने नाम के पीछे यादव लगाते हैं। इससे पता चलता है की, श्री कृष्ण भगवान की जाति क्षत्रिय यदुवंशी था।

भगवान कृष्ण के असली वंशज कौन है?

इसे सुनेंरोकेंइस बीजक के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के 181 वे वंशज के रूप में करौली राजपरिवार सहित यदुवंशी जादौन परिवारों को माना जाता है। कृष्ण के वंशज के रूप में जो ऐतिहासिक तथ्य मिलते हैं उसके अनुसार भगवान कृष्ण के परपोते के वंशज में वज्र नाभ का नाम प्रमुख रूप से सामने आता है, जो चंद्र वंश या चंद्रवंश के उप-कबीले हैं ।

क्या श्री कृष्ण अहीर थे?

इसे सुनेंरोकेंहा, श्री कृष्ण अहीर थे. यदुकुल में श्री कृष्ण का जन्म वासुदेव जी के पुत्र के रूप में हुआ था. वासुदेव जी यदुवंशी और यादव राजकुमार थे. अत्री गोत्र से संबंधित प्रत्येक व्यक्ति अहीर है.

भगवान कृष्ण का वंश कब तक चला?

इसे सुनेंरोकेंमहाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद भगवान श्रीकृष्ण 36 वर्ष तक द्वारका में राज्य करते रहे। महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद भगवान श्रीकृष्ण 36 वर्ष तक द्वारका में राज्य करते रहे। उनके सुशासन में समानवंशी भोज, वृष्णि, अंधक आदि यादव राजकुमार असीम सुख भोग रहे थे।

राजा ययाति की कितनी रानियां थी नाम लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंययाति की 2 पत्नियां देवयानी और शर्मिष्ठा थीं। देवयानी गुरु शुक्राचार्य की पुत्री थी, तो शर्मिष्ठा दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री थीं। पहली पत्नी देवयानी के यदु और तुर्वसु नामक 2 पुत्र हुए और दूसरी शर्मिष्ठा से द्रुहु, पुरु तथा अनु हुए।

पुरवा के पुत्र कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंनहुष, पुरवा के पुत्र आयु का पुत्र था। वृत्रासुर के वध से उत्पन्न ब्रह्महत्या का प्रायश्चित्त करने के लिए जब इंद्र एक हजार वर्ष तक तप करते रह गए तो नहुष को स्वर्ग का राजा बनाया गया। उसने ऐश्वर्य के मद में इंद्राणी का अपमान किया जिससे इंद्राणी ने उसे अजगर हो जाने का शाप दे दिया।

क्या कृष्ण अहीर थे?

श्री कृष्ण का वंश कब तक चला?

अहीर और यादव में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंयदु के वंशज यादव कहलाए। यदुवंशीय भीम सात्वत के वृष्णि आदि चार पुत्र हुये व इन्हीं की कई पीढ़ियों बाद राजा आहुक हुये, जिनके वंशज आभीर या अहीर कहलाए। इस पंक्ति से स्पष्ट होता है कि यादव व आभीर मूलतः एक ही वंश के क्षत्रिय थे तथा “हरिवंश पुराण” मे भी इस तथ्य की पुष्टि होती है।

कृष्ण जी को ठाकुर क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंशब्दकोश में इसे ठाकुर लिखा गया है, जो देवता का पर्याय है। ब्राह्मणों के लिए भी इसका उपयोग किया गया है। अनंत संहिता में “श्री दामनामा गोपालः श्रीमान सुंदर ठाकुरः” का उपयोग भी किया गया है, जो भगवान कृष्ण संदर्भ में है। इसलिए विष्णु के अवतार की देव मूर्ति को ठाकुर कहते हैं।

क्या श्री कृष्ण अहीर थे | अहीर की परिभाषा | अहीर किस जाति में आते हैं – अहीर भारत का एक समुदाय हैं. इस समुदाय के अधिकतर लोगो को यादव समुदाय के रूप में जाना जाता हैं. क्योंकि यादव समुदाय दोनों नाम को समनार्थी मानते हैं. अहीर यदुवंशी क्षत्रिय है. जिनका पारंपरिक काम मवेशी पालन और कृषि करना हैं.

वे पुरे भारत में पाए जाते है. लेकिन उत्तरी भारतीय क्षेत्र में ज्यादा पाए जाते हैं. उन्हें कई नामो से जाना जाता है. जैसे की गवली और गोप से भी जाना जाता हैं.

लेकिन काफी लोग यह जानना चाहते है की क्या श्री कृष्ण आहिर थे. तो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको क्या श्री कृष्ण अहीर थे, अहीर की परिभाषा, अहीर कितने प्रकार के होते है. तथा अहीर किस जाते में आते है. यह संपूर्ण जानकारी आपको हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ शेयर करेगे.

तो आइए चलो जानते है संपूर्ण जानकारी.

श्री कृष्ण कौन से वंश के हैं? - shree krshn kaun se vansh ke hain?

  • क्या श्री कृष्ण अहीर थे
  • अहीर की परिभाषा
  • अहीर का इतिहास
  • अहीर किस जाति में आते हैं
  • अहीर कितने प्रकार के होते हैं
  • अहीर अभीर शब्द का उल्लेख
  • निष्कर्ष

क्या श्री कृष्ण अहीर थे

हा, श्री कृष्ण अहीर थे. यदुकुल में श्री कृष्ण का जन्म वासुदेव जी के पुत्र के रूप में हुआ था. वासुदेव जी यदुवंशी और यादव राजकुमार थे. अत्री गोत्र से संबंधित प्रत्येक व्यक्ति अहीर है. दुसरे शब्दों में कहा जाए तो प्रत्येक सोमवंशी अहीर है.

इसी सोमवंश में यदु हुए तो यादव भी अहीर हैं. प्रत्येक यादव अहीर माने जाते हैं. अब यादव और अहीर एक है तो इसी कुल में जन्म लेने वाले श्री कृष्ण भी अहीर हैं.

अहीर की परिभाषा

अहीर शब्द संस्कृत के आभीर का प्राकृत रूप है जिसका अर्थ निडर होता हैं. आभीर (निडर) जो हर तरफ से भय को दूर करने की क्षमता रखते हैं.

अहीर का इतिहास

अहीर उत्तरी और मध्य भारतीय क्षेत्र में फैले हुए है. यह एक पशुपालक जाति हैं. महाभारत और श्री मदभागवत गीता में भी अहीर का अस्तित्व देखने मिलता है. उस युग में उन्हें अहीर, आभीर, गोप या ग्वाला कहा जाता था. कुछ विद्वानों का मानना है की यह आर्यों से पहले आए है. लेकिन शारीरक गठन के अनुसार इन्हें आर्य माना जाता हैं.

श्री कृष्ण कौन से वंश के हैं? - shree krshn kaun se vansh ke hain?

अहीर या अभीर यदुवंशी राजा यहुक के वंशज माने जाते हैं. शक्ति संगम तंत्र में उल्लेख किया गया है की राजा ययाति के दो पत्नी थी. जिनके नाम देवयानी और शर्मिष्ठा था. देवयानी से दो पुत्र हुए जिनके नाम यदु और तुर्वशु था.

जो यदु के वंशज यादव कहलाए. अहीर भारत की प्राचीन जाति हैं. जो अराजकता के लिए काफी प्रसिद्ध मानी जाती हैं.

अहीर किस जाति में आते हैं

अहीर भारत का एक समुदाय हैं. इस समुदाय के अधिकतर लोगो को यादव समुदाय के रूप में जाना जाता हैं. क्योंकि यादव समुदाय दोनों नाम को समनार्थी मानते हैं. अहीर यदुवंशी क्षत्रिय है. जिनका पारंपरिक काम मवेशी पालन और कृषि करना हैं.

अहीर कितने प्रकार के होते हैं

अहीर यदुवंशी,नंदवंशी और ग्वालवंशी इन तिन प्रकार से विभाजित किया गया हैं. प्रमुख रूप से देखा जाए तो अहीर को तिन सामाजिक वर्ग में बांटा गया हैं. यदुवंशी, नंदवंशी और ग्वालवंशी. इनको वंशोत्प्ती के हिसाब से विभाजित किया गया हैं.

जिसमे यदुवंशी स्वयं को राजा यदु का वंशज बताते हैं. नंदवंशी स्वयं को महाराजा नंद के वंशज बताते हैं. तथा ग्वालावंशी स्वयं को श्री कृष्ण के ग्वाल मित्रों से संबंधित बताते हैं.

एक दंतकथा के अनुसार जब श्री कृष्ण असुरो का वध करने जाते है तब माता यशोदा उन्हें उन्हें रोकती है फिर भी श्री कृष्ण अपने बालमित्रों के साथ यमुना पार करके चले जाते हैं. कृष्ण के साथ यमुना पार करने वाले यही बालसखा अहीर नंदवंशी कहलाए. कुछ इतिहासकरों के अनुसार यदुवंशी और नंदवंशी समानार्थी हैं.

ऐतिहासिक स्त्रोत के अनुसार देखा जाए तो यदु नरेश वासुदेव और नंद बाबा निकट के संबंधी और यदुवंशी थे. नंद बाबा की कोई संतान नही थी. इसलिए यदु राजकुमार श्री कृष्ण ही नंदवंश के पूर्वज कहलाए.

श्री कृष्ण कौन से वंश के हैं? - shree krshn kaun se vansh ke hain?

अहीर अभीर शब्द का उल्लेख

अभीर शब्द का उल्लेख पतंजलि के महाभाषय, अष्टध्यायी और संस्कृत साहित्य इतिहास में भी मिलता हैं. जो की अहीर जाती की प्राचीनता को दर्शाता हैं.

निष्कर्ष

दोस्तों कुछ लोगो के मन में सवाल था की क्या श्री कृष्ण अहीर थे. तो आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताया की हा श्री कृष्ण अहीर ही थे. उनका जन्म यदुवंशी राजा वासुदेव जी के पुत्र के रूप में हुआ था. वासुदेव जी यादव राजा थे. अहीर और यादव एक ही माने जाते हैं. इसलिए श्री कृष्ण अहीर थे.

इसके अलावा हमने आपको अहीर के इतिहास के बारे में बताया. तथा अहीर को तिन प्रकार में बांटा गया हैं. यदुवंशी, नंदवंशी और ग्वालवंशी यह भी बताया.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल (क्या श्री कृष्ण अहीर थे | अहीर की परिभाषा | अहीर किस जाति में आते हैं) अच्छा लगा होगा. धन्यवाद.

श्री कृष्ण के असली वंशज कौन हैं?

यदुकुल क शुरुवद यदु से हुआ और क्रिष्ण के जीवनकाल मे इस कुल का अन्त हुआ। यदव बहुत हि ञनिऔर शूर योधा थे। ञदुकुल में ही पैदा हुए थे सारे श्रीकृष्ण के पूर्वज जैसे कि वासुदेव, और श्रीकृष्ण के संतान जैसे कि प्रद्यमन और अनिरुद्ध। यादव वंश भारतीय इतिहास का एक मशहूर वंश है।

क्या भगवान श्री कृष्ण राजपूत थे?

दरअसल श्रीकृष्ण का जन्म यदुवंशी क्षत्रियों में हुआ था,परिस्थितिवश उनका लालन पालन गोकुल में आभीर ग्वालों के बीच हुआ था,जबकि उन ग्वालो का यदुवंश से कोई सम्बन्ध नही था। आज के जादौन, भाटी, जाड़ेजा, चुडासमा, सरवैया, रायजादा,सलारिया, छोकर, जाधव राजपूत ही श्रीकृष्ण के वास्तविक वंशज हैं ।

क्या कृष्ण जी ठाकुर थे?

जब यदुवँश शिरोमणि भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध के आक्रमण से बचाने के किए मथुरा वासियों को मथुरा से ले जा कर द्वारका में बसाया था तो सभी यदुवंशियो ने यादव शिरोमणि श्री कृष्ण जी को ठाकुर कहा था जिसका अर्थ होता है पालनकर्ता,उसके हर यदुवंशियो के घर के जीवित मुखिया नाम के पहले ठाकुर पदवी लगाने लगे ।

भगवान श्री कृष्ण के पूर्वज कौन थे?

भगवान श्रीकृष्ण के पूर्वज महाराजा यदु थे। यदु के पिता का नाम ययाति था। ययाति प्रजापति ब्रह्मा की 10वीं पीढ़ी में हुए थे