संविधान सभा ने संविधान के प्रारूप को कब अंगीकार किया था - sanvidhaan sabha ne sanvidhaan ke praaroop ko kab angeekaar kiya tha

| Updated: Nov 26, 2019, 7:57 AM

हमारे संविधान को अंगीकार किए जाने की इस साल 70वीं सालगिरह है। इस वजह से इस साल 26 नवंबर यानी संविधान दिवस को खूब जोरोशोर से मनाया जाएगा। संविधान दिवस के मौके पर आज कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होगा। आइए इस मौके पर आपको हम अपने संविधान से जुड़ीं 10 खास बातें बताते हैं...

संविधान सभा ने संविधान के प्रारूप को कब अंगीकार किया था - sanvidhaan sabha ne sanvidhaan ke praaroop ko kab angeekaar kiya tha
फाइल फोटो

हमारे संविधान को अंगीकार किए जाने की इस साल 70वीं सालगिरह है। इस वजह से इस साल 26 नवंबर यानी संविधान दिवस को खूब जोरोशोर से मनाया जाएगा। संविधान दिवस के मौके पर आज कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होगा। आइए इस मौके पर आपको हम अपने संविधान से जुड़ीं 10 खास बातें बताते हैं...
  1. 26 नवंबर को संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?
    संविधान को 26 नवंबर, 1949 में अंगीकार किया गया था। इसी वजह से 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
  2. कितने समय में हमारा संविधान तैयार हुआ?
    संविधान सभा ने दो साल, 11 महीने और 18 दिन में हमारे संविधान को तैयार किया।
  3. हमारा संविधान कैसे लिखा गया था?
    हमारे संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखा गया था। उसके बाद कैलिग्राफ किया था। इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग नहीं की गई थी।
  4. संविधान सभा के प्रमुख सदस्य कौन-कौन थे?
    संविधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन भारत के राज्यों की सभाओं द्वारा किया गया था। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. भीमराव आंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
  5. संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
    11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को इसका स्थायी अध्यक्ष चुना गया था। वह अंत तक इस पद पर बने रहे थे।
  6. संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
    डॉ.भीमराव आंबेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारत के संविधान को तैयार करने में उनकी बड़ी भूमिका थी। इसलिए उनको भारतीय संविधान का निर्माता भी माना जाता है।
  7. इसमें कितने भाग और अनुच्छेद हैं?
    इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में बंटे थे और इसमें सिर्फ 8 अनुसूचियां थीं।
  8. भारतीय संविधान लागू कब से हुआ?
    भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 से प्रभाव में आया। इसलिए ही 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
  9. संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में किसने लिखा?
    दोनों ही भाषाओं में संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। रायजादा का खानदानी पेशा कैलिग्राफी का था। उन्होंने नंबर 303 के 254 पेन होल्डर निब का इस्तेमाल कर संविधान के हर पेज को बेहद खूबसूरत इटैलिक लिखावट में लिखा है। इसे लिखने में उन्हें 6 महीने लगे थे।
  10. संविधान के हर पेज को चित्रों से किसने सजाया?
    भारतीय संविधान के हर पेज को चित्रों से आचार्य नंदलाल बोस ने सजाया है। इसके अलावा इसके प्रस्तावना पेज को सजाने का काम राममनोहर सिन्हा ने किया है। वह नंदलाल बोस के ही शिष्य थे। संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है।

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26 नवंबर, 1949 और 26 जनवरी, 1950। भारत के संविधान के इतिहास की ये दो अहम तारीखें हैं। 26 नवंबर, 1949 को हमारा संविधान अंगीकार किया गया तो 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया। संविधान को जिस तारीख को अंगीकार किया गया यानी 26 नवंबर, उस दिन को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस। आइए आज संविधान दिवस के मौके पर हम जानते हैं कि हमारा संविधान कैसे तैयार किया गया, यानी इसका इतिहास क्या है और इससे जुड़ीं कुछ रोचक बातें क्या हैं...

यहां से शुरू होती है कहानी
1946 में ब्रिटिश शासन ने भारत को आजादी देने के लिए गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया। इसकी शुरुआत हुई भारत में ब्रिटिश शासन द्वारा एक कैबिनेट मिशन भेजे जाने से। कैबिनेट मिशन को ब्रिटिश सरकार और भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों से मिलना था। मिलकर उनको भारतीय संविधान के ढांचे का मसौदा तैयार करने के मकसद से संविधान सभा के गठन की संभावना पर चर्चा करना था।

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संविधान सभा का गठन
साल 1946 में कैबिनेट मिशन प्लान के तहत संविधान सभा का गठन किया गया। डॉ.राजेंद्र प्रसाद को इसका सभापति और डॉ.बी.आर.आंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 13 समितियों का गठन किया गया।

शुरू में संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे। प्रोविंसेज के 292 प्रतिनिधि, राज्यों के 93 प्रतिनिधि, चीफ कमिशनर प्रोविंसेज के 3, बलुचिस्तान के 1 प्रतिनिधि शामिल थे। बाद में मुस्लिम लीग ने खुद को इससे अलग कर लिया जिसके बाद संविधान सभा के सदस्यों की संख्या 299 रह गई।

पहला ड्राफ्ट और उस पर चर्चा
जनवरी 1948 में भारत के संविधान का पहला प्रारूप चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया। 4 नवंबर, 1948 को चर्चा शुरू हुई और 32 दिनों तक चली। इस अवधि के दौरान 7,635 संशोधन प्रस्तावित किए गए जिनमें से 2,473 पर विस्तार से चर्चा हुई। 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों तक संविधान सभा की बैठक हुई जिस दौरान संविधान को अंतिम रूप दिया गया गया।

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संविधान पर हस्ताक्षर और अंगीकार किया गया
24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारत के संविधान पर हस्ताक्षर किया। हस्ताक्षर करने वालों में 15 महिला सदस्य भी शामिल थीं।

26 नवंबर, 1949 को इस संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।

प्रेम बिहारी नारायण रायजादा
संविधान की मूल प्रति को हिंदी और इंग्लिश में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। रायजादा के परिवार का पेशा कैलिग्राफी था। उन्होंने संविधान के हर पेज को खूबसूरत लिखावट और इटैलिक में लिखा है। उन्होंने नंबर 303 के 254 पेन होल्डर निब का संविधान लिखने के लिए इस्तेमाल किया। संविधान लिखने में उनको छह महीने लगे। भारत सरकार द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन हाउस में उनको एक कमरा आवंटित किया गया था। जब उनसे मेहनताना पूछा गया था तो उन्होंने कुछ भी लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने सिर्फ एक शर्त रखी कि संविधान के हर पृष्ठ पर वह अपना नाम लिखेंगे और अंतिम पेज पर अपने नाम के साथ अपने दादा का भी नाम लिखेंगे।

चित्रकारी
संविधान के हर पेज चित्रों से सजाने काम का काम आचार्य नंदलाल बोस को सौंपा गया था। नंदलाल बोस की पंडित जवाहर लाल नेहरू से शांतिनिकेतन में मुलाकात हुई थी, जहां पंडित नेहरू ने उनके सामने यह प्रस्ताव रखा था। उनके मार्गदर्शन में उनके शिष्यों ने संविधान को डिजाइन देने का काम किया। बड़ी-बड़ी तस्वीरों को नंदलाल बोस ने खुद से पेंट किया। संविधान के सबसे अहम पेज 'प्रस्तावना' को अपनी कला से सजाने का काम व्यौहार राममनोहर सिन्हा ने किया। वह नंदलाल बोस के एक शिष्य थे।

संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है।

सबसे लंबा संविधान
भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा और सबसे विस्तृत संविधान है। इसमें 25 भाग, 448 आर्टिकल्स और 12 शेड्यूल हैं। मूल संविधान में 395 आर्टिकल्स और 9 शेड्यूल थे। भारतीय संविधान की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि इसको तैयार करते समय सांस्कृतिक, धार्मिक और भौगोलिक विविधता का ध्यान रखा गया।

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उधार का थैला
भारत के संविधान को उधार का थैला भी कहा जाता है। इसमें कई अहम चीजों को अन्य संविधानों से लिया गया है। आजादी, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों को फ्रांस के संविधान से लिया गया है। 5 वर्षीय योजना का आइडिया यूएसएसआर से लिया गया था। सामाजिक-आर्थिक अधिकार का सिद्धांत आयरलैंड से लिया गया। सबसे अहम, जिस कानून पर सुप्रीम कोर्ट काम करता है, वह जापान से लिया गया। ऐसी कई और चीजें हैं जो अन्य देसों के संविधान से ली गई हैं।

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संविधान सभा ने कब संविधान को अंगीकार किया?

संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया।

संविधान का पहला प्रारूप कब तैयार हुआ?

तब इन रिपोर्टों के आधार पर, बी. एन. राऊ, जो कि संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे, ने अक्टूबर 1947 में भारतीय संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार किया। उस मसौदे में 240 खंड और 13 अनुसूचियां थीं।

संविधान के प्रारूप को तैयार करने में कितना समय लगा था?

राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था

भारत का संविधान कब स्वीकृत किया गया है?

यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।