संविदा सफाई कर्मचारियों का शासनादेश मूल वेतन का कितना है? - sanvida saphaee karmachaariyon ka shaasanaadesh mool vetan ka kitana hai?

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यूपी सरकार ने स्थानीय निकायों में कॉन्ट्रैक्ट पर लगे सफाईकर्मियों का मानदेय बढ़ाकर उनके अच्छे दिन ला दिए हैं. नगर निगम, पालिका परिषद व नगर पंचायतों में कार्यरत करीब 35 हजार सफाई कर्मचारियों को अब हर माह करीब 13,380 रुपये मानदेय मिलेगा. अभी उन्हें मात्र 3600 रुपये मिल रहे हैं.

सचिव नगर विकास श्रीप्रकाश सिंह ने बृहस्पतिवार को शासनादेश जारी करते हुए नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बोर्ड से प्रस्ताव पास करते हुए शासन से भुगतान की स्वीकृति लेकर बढ़ा हुआ मानदेय देना शुरू कर दें.

राज्य सरकार ने वेतन समिति 2008 की सिफारिश के आधार पर वित्त विभाग से जारी शासनादेश के मुताबिक संविदा सफाई कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय किया है. वेतन समिति ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन और ग्रेड पे पर सौ फीसदी महंगाई भत्ते के बराबर मानदेय करने की सिफारिश की है. चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को इस समय वेतन 5200-20200 व ग्रेड पे 1800 दिया जा रहा है. इसके आधार पर संविदा सफाईकर्मियों को न्यूनतम वेतनमान 5200 और ग्रेड पे 1800 पर सौ फीसदी महंगाई भत्ता के बराबर मानदेय दिया जाएगा जो 13,380 के आसपास होगा. बढ़े मानदेय का लाभ 26 अगस्त 2005 को जारी शासनादेश के आधार पर रखे गए संविदा कर्मियों को ही मिलेगा.

रामपुर : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी मजदूर यूनियन ने जिला अधिकारी व नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन देकर ठेके पर सफाई कार्य करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्हें दूर करने की मांग उठाई। इस दौरान मांगों को लेकर उनके द्वारा प्रदर्शन भी किया गया।

गुरुवार को संगठन के प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ता अधिकारियों के कार्यालय के समक्ष पहुंचे और प्रदर्शन करने के उपरांत चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपे। प्रमुख मांगे ठेका सफाई कर्मचारियों को तीस दिन का पूरा वेतन दिलाया जाए। चार दिन के अवकाश का पैसा नहीं काटा जाए। उनके वेतन से काटा जा रहा पीएफ उनके खातों में जमा कराया जाए। उसकी जानकारी संबंधित कर्मचारियों को भी प्रति माह उपलब्ध कराई जाए। मृत ठेका कर्मचारियों के स्थान पर उनके आश्रितों को सेवा का अवसर प्रदान किया जाए। जिला अध्यक्ष अनिल राज के साथ ज्ञापन देते समय प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह वाल्मीकि, उपाध्यक्ष धर्म कुमार वाल्मीकि, रविराज, रोहित,अजय, अतुल भारती, आकाश इत्यादि शामिल रहे।

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राज्यमंत्री से वेतन दिलाने की गुहार

रामपुर : राष्ट्रीय स्वच्छकार परिषद के अध्यक्ष ने राज्यमंत्री बल्देव औलख को पत्र भेजकर ठेका सफाई कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिलने की शिकायत करते हुए भुगतान दिलाने को कहा है।

पत्र में कहा गया है कि रामपुर नगर पालिका परिषद में ठेके पर सफाई कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। इससे उन्हें काफी आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। उन्हें भुगतान दिलाया जाए। भुगतान नहीं मिलने पर आंदोलन की धमकी दी गई है।

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ठेका कर्मचारियों को किया जाए स्थाई

रामपुर : स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ के प्रान्तीय महामंत्री दीप लव ने ठेका सफाई कर्मियों को 7500 रुपये प्रतिमाह वेतन दिए जाने एवं संविदा सफाई कर्मियों को 15 -16 वर्षो से स्थाई करने की मांग उठाई है। उन्होंने सफाई कर्मियों की दुर्दशा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सुधार कराने की मांग की है।

यूपी सरकार नगर निकायों व जल संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार कर रही है। इसका प्रस्ताव नगर विकास विभाग तैयार करेगा।


चुनावी साल में नगर निकायों व जल संस्थानों में संविदा, दैनिक वेतन व वर्कचार्ज पर काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार नियमितीकरण का तोहफा दे सकती है। इस श्रेणी के सभी कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।


संविदा सफाई कर्मचारियों का शासनादेश मूल वेतन का कितना है? - sanvida saphaee karmachaariyon ka shaasanaadesh mool vetan ka kitana hai?



उम्मीद है कि वर्ष 2016 से लंबित नियमितीकरण के प्रकरण पर सरकार जल्द फैसला ले सकती है। फिलहाल सभी नगर निकायों में 31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त संविदा, दैनिक वेतन और वकचार्ज के कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है। इसके बाद नगर विकास विभाग इन कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव तैयार करेगा।


पिछली सरकार में ही इस श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा उठा था। इस पर तत्कालीन सपा सरकार ने 24 फरवरी 2016 को नियमितीकरण के संबंध में शासनादेश तो जारी कर दिया था, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई थी। 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले भी सपा सरकार ने कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित प्रकरण को निस्तारण का प्रचार किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।


प्रदेश में सरकार बदली तो स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। इसके मद्देनजर स्थानीय निकाय निदेशालय ने उन नगर निकायों से ब्योरा मांगा है, जिन्होंने अब तक विवरण नहीं भेजा है।


लखनऊ समेत 313 नगर निकायों ने नहीं भेजा ब्योरा

नई सरकार बनने के बाद नगर निकायों के संविदा, दैनिक वेतन व वकचार्ज पर काम करने वाले कर्मियों की मांगों को देखते हुए सरकार द्वारा ब्योरा मांगा गया था। इसके बावजूद लखनऊ, अयोध्या, अलीगढ़, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद व मेरठ नगर निगम समेत 307 नगर निकायों और कानपुर, झांसी, आगरा व वाराणसी जलसंस्थानों ने ब्योरा नहीं भेजा है।


इस श्रेणी के कर्मचारियों का होना है नियमितीकरण

31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त विभिन्न संवर्ग के जिन कर्मचारियों का नियमितीकरण होना है, उनमें अधिकांश लिपिक व चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कर्मचारी हैं। इनमें चपरासी, पंप चालक, लेखा लिपिक, सफाई कर्मचारी, प्लंबर, वर्क सुपरवाइजर, चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, आशुलिपिक, ड्राफ्टमैन व स्टोर कीपर आदि के पद शामिल हैं। शासन के पास अब तक करीब 558 कर्मियों का ब्योरा उपलब्ध हो चुका है।

सफाई कर्मी का वेतन कितना है 2022?

ग्रामीण सफाई कर्मी का वेतनमान 5,200 रुपए और 1800 ग्रेड पे।

संविदा कर्मी का वेतन कितना है?

इस क्रम में संस्थान प्रशासन ने शासी निकाय की बैठक कर केवल नर्सिंग कर्मचारियों का वेतन 16500 रुपये से बढ़ाकर 18150 रुपये कर दिया है। यह बढ़ा हुआ वेतन जनवरी 2022 से लागू होगा। संस्थान के सभी कर्मचारी तथा संगठन के पदाधिकारियों में खुशी की लहर है।

सफाई कर्मी का वेतन कितना मिलता है?

साल 2021 से सफाई कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई कंपनियां तो 47,00 रुपये प्रति घंटा भी देने के लिए तैयार है। वहीं खिड़की और गटर साफ करने वाली कंपनी गटर बॉय सालाना 82 लाख रुपये तक देने के लिए तैयार है।

सफाई कर्मी का वेतन कितना है २०२१?

सफाई कर्मियों हेतु सभी संविदा कर्मचारियों को 14 हजार रुपये से लेकर 18 हजार रूपए तक का वेतन ग्रेड पे के अनुसार प्रतिमाह प्रदान किया जायेगा।