Show सांसारिक भोग में लीन होने से क्या उत्पन्न होता है क ईष्या?सांसारिक भोग में लीन होने से क्या उत्पन्न होता है? (क) ईर्ष्या
कवयित्री हिंदू और मुसलमान दोनों को किसकी आराधना करने के लिए प्रेरित करती हैं * 1 Point?कवयित्री के अनुसार प्राणी अपनी ज्ञानेन्द्रियों, कर्मेन्द्रियों को उनके गुण-कर्म में प्रवृत करने पर किसे नहीं पाएगा?
कवयित्री ललद्यद क्या अपनाने को कहती है?कवयित्री कैसा जीवन अपनाने को कहती है? (क) भोग और आनंद का (ख) सुख और समृद्धि का (ग) वैरागी का (घ) त्याग और तपस्या का 5. भवसागर से पार कराने वाला नाविक कौन है? (क) माझी (ख) ज्ञानी (ग) ईश्वर (घ) इनमें से कोई नहीं 6.
भवसागर से पार कराने वाला नाविक कौन है 1 Point क माझी ख ज्ञानी ग ईश्वर घ इनमें से कोई नहीं?✔ ईश्वर कवयित्री ललद्यद के अनुसार भवसागर को पार कराने वाला नाविक ईश्वर है। कवयित्री ललद्यद जीवन को नाव कहती हैं, जिसे इस जीवन रूपी नाव को संसार रूपी भवसागर से पार लगाना ही के लिए ईश्वर की भक्ति का सहारा लेना पड़ता है।
|