समुद्री तट पर मैंग्रोव वन आवश्यकता एवं महत्व
मैंग्रोव वन क्या हैं? Show
मैंग्रोव वन की आवश्यकता
भारत में मैंग्रोव का फैलाव
जलवायु परिवर्तन के दौर में मैंग्रोव वन का महत्व
आगे की राह
समुद्र तट के पास कौन से वन पाए जाते हैं?मैंग्रोव सामान्यत: ऐसे पेड़-पौधे होते हैं जो तटीय क्षेत्रों में खारे पानी में पाए जाते हैं। ये उष्णकटिबन्धीय और उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इन वनस्पतियों को तटीय वनस्पतियाँ अथवा कच्छीय वनस्पतियाँ भी कहा जाता है। ये वनस्पतियाँ समुद्र तटों पर, नदियों के मुहानों व ज्वार प्रभावित क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
मैंग्रोव वन भारत में कहाँ कहाँ पाए जाते हैं?केरल के बैकवाटर में मैंग्रोव वन का घनत्व उच्च है। तमिलनाडु के पिचावरम में मैंग्रोव वनों से आच्छादित जल विस्तृत क्षेत्र में फैला है। यह कई जलीय पक्षी प्रजातियों का घर है। पश्चिम बंगाल में भारत के मैंग्रोव कवर का 42.45% हिस्सा है, इसके बाद गुजरात 23.66% और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 12.39% हैं।
समुद्र तट क्या है?जहाँ समुद्र व स्थल मिलते हैं उस रेखा को तटरेखा (Shore line) कहा जाता है तथा इस रेखा से लगा हुआ संकरा स्थलीय क्षेत्र समुद्र तट (Sea Coast) कहलाता है। तट रेखा व समुद्र तट में अन्तर होता है। तट रेखा वह सीमा है जहाँ धरातल पर स्थल समाप्त होकर जल (समुद्र) की ओर महाद्वीपीय भग्न इस शुरू हो जाता है।
भारत का सबसे बड़ा समुद्री तट कौन सा है?यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा समुद्र तटो में गिना जाता है। मरीना बीच भारत के बंगाल की खाड़ी के साथ चेन्नई, तमिलनाडु में एक प्राकृतिक शमरी समुद्र तट रहा हैै। यह तट 13 किमी. रेतीली नदी दक्षिण के वाइस नगर से उत्तर में फोर्ट सेंट जॉर्ज तक फैैला हुआ हैै।
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