A Complete Information Show समाजशास्त्र की वास्तविक प्रकृति का स्पष्टीकरण राबर्ट वीर स्टीड ने इस प्रकार दिया है-
अतः उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि समाजशास्त्र की प्रकृति वैज्ञानिक है। कार्ल मार्क्स का रेखीय सिद्धान्त अथवा सामाजिक परिवर्तन का रेखीय सिद्धान्त। समाजशास्त्र को विज्ञान मानने में तीन आपत्तियाँ।समाजशास्त्र को विज्ञान मानने में कुछ विचारकों द्वारा आपत्तियों की विवरण निम्नलिखित है- (1) घटनाओं की जटिलता एवं परिवर्तनशीलता- सामाजिक घटनाएँ अमूर्त होती हैं। इन घटनाओं में जटिलता भी पायी जाती है, क्योंकि समाज सदैव परिवर्तनशील रहता है। अतः इनका वैज्ञानिक अध्ययन सम्भव नहीं है। युवा तनाव का कारण। अथवा युवा सक्रियता या असंतोष के कारण तथा प्रकृति की पूरी जानकारी। (2) निष्पक्षता (वस्तुनिष्ठता) का अभाव- किसी भी शास्त्र को वैज्ञानिक होने के लिए यह आवश्यक होता है कि उसमें वस्तुनिष्ठता हो, परन्तु समाजशास्त्र में इसका अभाव दिखाई पड़ता है। (3) घटनाओं के माप में कठिनाई– सामाजिक घटनाओं की प्रवृत्ति अमूर्त एवं गुणात्मक है, जिसके कारण उनकी माप नहीं की जा सकती है। अतः समाजशास्त्र को विज्ञान के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। You may also likeAbout the authorPradeep Patelसमाजशास्त्र विज्ञान क्यों हैं?समाजशास्त्र एक विशुद्ध विज्ञान है, व्यावहारिक विज्ञान नहीं - समाजशास्त्र विशुद्ध विज्ञान है क्योंकि इसका सम्मुख उद्देश्य मानव समाज से संबंधित सामाजिक घटनाओं का अध्ययन, विश्लेषण एवं निरूपण कर ज्ञान का संग्रह करना है।
समाजशास्त्र समाज का एक विज्ञान है यह कथन किसका है?यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से सम्बन्धित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचन और विवेचनात्मक विश्लेषण की विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करता है, अक्सर जिसका ध्येय सामाजिक कल्याण के अनुसरण में ऐसे ज्ञान को लागू करना होता है।
समाजशास्त्र की परिभाषा दीजिए क्या समाजशास्त्र एक विज्ञान है?ओडम के अनुसार," समाजशास्त्र वह विज्ञान हैं, जो समाज का अध्ययन करता हैं।" एबल के अनुसार," समाजशास्त्र सामाजिक संबंधों, उनके प्रकारों, स्वरूपों तथा जो कोई उन्हें प्रभावित करता हैं अथवा उनसे प्रभावित होता है, उनका वैज्ञानिक अध्ययन हैं।"
समाजशास्त्र की खोज कब हुई थी?एक विषय के रूप में सर्वप्रथम समाजशास्त्र का अध्ययन येल विश्वविद्यालय (अमेरिका) में सन् 1836 में शुरू हुआ।
|