संकटग्रस्त जातियों से आप क्या समझते हैं इसको कैसे संरक्षित किया जा सकता है? - sankatagrast jaatiyon se aap kya samajhate hain isako kaise sanrakshit kiya ja sakata hai?

नमस्कार दोस्तों हमसे पूछा गया संकटग्रस्त जातियों से आप क्या समझते हैं वन्य जीव संरक्षण के लिए स्थापित किए गए कोई दो सुरक्षा क्षेत्र यहां पर बताने तो देखो संकटग्रस्त जातियों वह होती है आईयूसीएन हो जाए एक संरक्षण संगठन व आईओसीएल जो कि अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संगठन अंतर्राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संगठन संरक्षण संगठन तो यह क्या करता है कि जितने भी मतलब कि विश्व में हमारी पृथ्वी पर जितने भी जीव है जंतु है प्रकृति के जितने व्यापम पति उन सभी का यहां पर संरक्षण प्रदान करता है एक तरह से उनकी मतलब की एक तरह से उनका ब्यौरा रखता है डाटा रखता है ठीक है तो संकटग्रस्त जातियों से आप क्या समझते हैं तो यहां पर कुछ संकट कर जाती है वह होती है उनके अनुसार संकटग्रस्त जातियों के जैसे कि लोग जाति होती है विरोध जाति के होते कि जो खत्म होती है डायनासोर का जरा संकटग्रस्त होती है जो कि खत्म होने वाली है आगामी भविष्य में खत्म होने वाली है

आगामी भविष्य में खत्म होने वाली है और इसको मैं क्या कह सकते हैं पर आओगे भविष्य खत्म होने वाली हो या फिर यहां पर कह सकते हो कि जिनकी संख्या बहुत कम हो यहां पर ऐसे जीव जिनकी संख्या वहां पर ऐसी जातियां जिनकी संख्या बहुत कम है जिनकी संख्या बहुत कम है बहुत कम हो तो यह सारी संकटग्रस्त रहे होते जैसे कि यहां पर चाइना में एक पांडे मिलता है उसको भी संकटग्रस्त जातियों में आते हैं तो उसकी संख्या बहुत कम हो चुकी है और उसके अलावा यहां पर उदाहरण के लिए लिख देता हूं उदाहरण यह हो गया एक तो गैंडा हो गया गेंडा की जनसंख्या है वह बहुत कम होती जा रही है उसके अलावा घोड़ा बने एक राजस्थान का राज्य पक्षी है यह गो डाउन हो गया तो यह दो उदाहरण हो गए यहां पर आदि ठीक है इसके अलावा ही बहुत ही जाते हैं जो कि यहां पर विलुप्त होने वाले मतलब कि संकटग्रस्त है फिलहाल के लिए तो यह वाली जातियां इनकी संख्या बहुत कम हो गया अब वन्य जीव संरक्षण के लिए स्थापित करने के लिए मतलब इनको अगर सुरक्षा प्रदान की जा रही है उनकी संख्या को ध्यान में रखते हुए मतलब संकटग्रस्त जातियों को बचाने के लिए कुछ संरक्षण

उसके लिए कुछ क्षेत्र यहां पर मतलबी यहां पर निर्धारित किया गया कि वहां पर रखा जाएगा इनको इनकी संख्या में बदलाव किया जाएगा या फिर बढ़ाया जाएगा तो वह क्षेत्र कौन से यहां पर कोई सुरक्षित क्षेत्र यहां पर बताने की जहां पर वन्य जीव संरक्षण के लिए स्थापित किया जाते हैं तो यहां पर क्षेत्र की बात की गई है तो सबसे पहले सत्र की बात कर लेते हैं जैसे कि हमारे यहां पर राष्ट्रीय उद्यान की बात कर लेते हैं पहला यहां पर किसकी बात कर रहा हूं राष्ट्रीय उद्यान की राष्ट्रीय उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान क्या होते हैं वह क्षेत्र जहां पर प्रकृति के साथ-साथ मतलब कि पर्यावरण के साथ-साथ जो पुराने अवशेष होते हैं पर्यावरण के साथ-साथ वन्यजीवों वन्य जीवों का संरक्षण प्रदान किया जाता है और उसके अलावा भी यहां पर जैसे कि प्राकृतिक व शेष है उनका भी यहां पर संरक्षण किया जाता है प्राकृतिक अवशेष अवशेषों का संरक्षण किया जाता है तो देखो ऐसे यहां पर बात कह रहे तो इनके उदाहरण के लिए बता दें ताकि कहां-कहां पर होते हैं यह रणथंबोर हो गया तो उदाहरण के लिए यहां पर हो गया रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान जिसको बोलते हैं

रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान कहां पर है तंबौर राष्ट्रीय उद्यान सवाई माधोपुर इसके अलावा यहां पर और आधी लिख देता हूं यहां पर यह दोनों के दोनों कहां पर स्थित है यह है राजस्थान में स्थित है दोनों के जवान ठीक है तू ही राष्ट्रीय उद्यानों के जो पर्यावरण का संरक्षण करते हैं जिसके अंतर्गत और वन्यजीवों के संरक्षण प्रदान किया जाता है और क्या करते अवशेषों का भी यहां पर ध्यान में रखा जाता है इसके अलावा यहां पर दूसरों की बात करो यहां पर राष्ट्रीय दांत हो गया उसके अलावा होता है यहां पर अभ्यारण जिसको बोलते हम तो अभ्यारण लिख दे तो यहां पर अभ्यारण अभ्यारण की बात करता हूं तो अभ्यारण में क्या होता है कि जैसे कि उसको घूमने के लिए बनाया जाता है ठीक है घूमने के लिए बनाया जाता है घूमने के लिए लेकिन क्या होता है कि उसमें प्रतिबंध लगाए जाते हैं कुछ किसके लिए प्रतिबंध शिकार पर लगाए जाते हैं कि कोई शिकार नहीं कर सकता कोई मतलब की जीव जंतु के वहां पर बने जिओ का ऑफर हानि नहीं पहुंचा सकता कोई प्रतिबंध है वहां पर शिकार पर ठीक है इस प्रकार किया किया जाता है उनका मतलब कि संरक्षण प्रदान किया जाता है वन्यजीवों का तो यह जैसे कि यहां पर सरिस्का हो गया हमारा अभ्यारण सरिस्का अभ्यारण एक तो यहां पर यह हो गया यह भी

राजस्थान में और जहां पर सबसे ज्यादा यहां पर गोडाउन पर मिलते हैं जो राज्य पक्षी है सॉरी अक्षया ठीक है तो घोड़ा वन यहां पर सर इसका मिलते हैं और यह अलवर में स्थित है और राजस्थान में भी स्थित है अलवर राजस्थान में ठीक तो राजस्थान हो गया यहां पर राजस्थान तो आधी आप लिख देता हूं मैं तो ऐसे यहां पर मत लगे अभ्यारण होते जो घूमने के लिए बनाए जाते हैं लेकिन इनका क्या किया जाता है कि एक क्षेत्र विशेष होता है जिसमें प्रतिबंध लगाया जाता कि इसमें शिकार नहीं किया जा सकता और यहां पर में लगे जो वन्य जीव है उनको मतलब की हानि नहीं पहुंचा सकता कोई तो जैसे कि गोडाउन वहां पर रखे जाते हैं ताकि उनका यहां पर संरक्षण प्रदान किया जा सके तो यह यहां पर हमारे उदाहरण हो चुके हैं धन्यवाद

संकटग्रस्त जातियों से आप क्या समझते हैं संरक्षण के लिए किए गए विभिन्न प्रकार के?

- सुभेद्य (Vulnerable) जातियाँ ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या घट रही है। यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएँगी । नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं

संकटग्रस्त जातियों से आप क्या समझते?

लुप्तप्राय प्रजातियां, ऐसे जीवों की आबादी है, जिनके लुप्त होने का जोखिम है, क्योंकि वे या तो संख्या में कम है, या बदलते पर्यावरण या परभक्षण मानकों द्वारा संकट में हैं। साथ ही, यह वनों की कटाई के कारण भोजन और/या पानी की कमी को भी द्योतित कर सकता है।

जातियों से क्या अभिप्राय है?

जाति (अंग्रेज़ी: species, स्पीशीज़) जीवों के जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में सबसे बुनियादी और निचली श्रेणी होती है। जीववैज्ञानिक दृष्टिकोण से ऐसे जीवों के समूह को एक जाति बुलाया जाता है जो एक दुसरे के साथ सन्तान उत्पन्न करने की क्षमता रखते हो और जिनकी सन्तान स्वयं आगे सन्तान जनने की क्षमता रखती हो।

भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा संकटग्रस्त जातियों का वर्गीकरण कब प्रस्तुत किया गया था?

Answer: भारतीय वन्यजीव संस्थान ने वर्ष 1972 में लुप्तप्राय प्रजातियों को वर्गीकृत किया