Show साहित्यिक अनुवाद से आप क्या समझते है?साहित्यिक अनुवाद अपने मूल प्रस्थान में एक सर्जनात्मक और सांस्कृतिक कर्म है । इस कार्य के तहत् चूँकि भाषिक विनिमय के माध्यम से हम एक भिन्न संस्कृति को लक्ष्य भाषा की संस्कृति में विन्यस्त करते हैं, इसलिए यह कार्य सांस्कृतिक होने के साथ-साथ सामयिक और नैतिक भी होता है ।
साहित्य में अनुवाद का क्या महत्व है?भारत जैसे बहुभाषी देश में अनुवाद की उपादेयता स्वयं सिद्ध है। भारत के विभिन्न प्रदेशों के साहित्य में निहित मूलभूत एकता के स्वरूप को निखारने के लिए अनुवाद ही एक मात्र अचूक साधन है। इस तरह अनुवाद द्वारा मानव की एकता को रोकनेवाली भौगोलिक और भाषायी दीवारों को ढहाकर विश्वमैत्री को और सुदृढ़ बना सकते हैं।
साहित्यिक अनुवाद की प्रमुख समस्या क्या है?सामान्यत इसके अनुवाद में दो समस्याऐं सामने आती हैं , शैली की प्रधानता तथा अभिव्यंजना प्रधानता। यहाँ अनुवादक को कथ्य के साथ - साथ कथ्य पद्धति पर पर्याप्त ध्यान देना होता है। कहीं - कहीं यदि कविता की पंक्तियाँ आ जाए तो वहाँ काव्यानुवाद सी समस्याऐं आती हैं।
साहित्य में होने वाले अनुवाद को कौनसा अनुवाद कहा जाता है?4. साहित्य विधा के आधार पर अनुवाद 1. काव्यानुवाद : स्रोत-भाषा में लिखे गए काव्य का लक्ष्य-भाषा में रूपान्तरण काव्यानुवाद कहलाता है।
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