निम्नलिखित प्रश्न का भाव स्पष्ट कीजिए − Show Solutionकवि ने एक दूसरे के प्रति सहानुभूति की भावना को उभारा है। इससे बढ़कर कोई पूँजी नहीं है। यदि प्रेम, सहानुभूति, करुणा के भाव हो तो वह जग को जीत सकता है। वह सम्मानित भी रहता है। महात्मा बुद्ध के विचारों का भी विरोध हुआ था परन्तु जब बुद्ध ने अपनी करुणा, प्रेम व दया का प्रवाह किया तो उनके सामने सब नतमस्तक हो गए। Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? APPEARS IN6 सहानुभूति चाहिए महाविभूति है यही का क्या भाव है?इन पंक्तियों का भाव है कि प्रत्येक मनुष्य को प्रत्येक मनुष्य के जीवन में समय-असमय आने वाले हर दुख-दर्द में सहानुभूति होनी चाहिए, क्योंकि एक-दूसरे के दुख-दर्द का बोझ सहानुभूति की प्रवृत्ति होने से कम हो जाता है। वास्तव में सहानुभूति दर्शाने का गुण महान पूँजी है। पृथ्वी भी सदा से अपनी सहानुभूति तथा दया के कारण वशीकृता ।
सहानुभूति ही महाविभूति है क्यों स्पष्ट कीजिए?कवि कहता है कि जिस मनुष्य के हृदय में दूसरे प्राणियों के लिए सहानुभूति का भाव है वह धनी है। दूसरों के प्रति सहानुभूति ही सबसे बड़ी पूंजी है। जो मनुष्य दूसरों के प्रति सहानुभूति रखता है वह सभी को वश में कर सकता है। यह संपूर्ण पृथ्वी अपने आप उसके वश में हो जाती है।
महात्मा बुद्ध के विरुद्धवाद से क्या आशय है?Answer: महात्मा बुद्ध के तत्तकालीन समाज उनका विरोदी था, परंतु उनकी दया भावना और प्रेम भावना ने विरोध के स्वर का सर्वनाश कर दिया। जो व्यक्ति उनके विरोधी थे, वे भी उनकी महानता के सामने नतमस्तक हो गए और बौद्ध धर्म अपनाया। कवि के अनुसार, वहीं मनुष्य ' मनुष्यता के गुणों ' का प्रतिनिधि बन सकता है, जो उदार और परोपकारी है।
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