तेजी से बढ़ने वाले छाया देने वाले पेड़ों के नाम : घर में या आसपास घनी छाया देने वाले ये वृक्ष लगायें। तेजी से बढ़ने वाले ये छायादार पेड़ हवा शुद्ध करते हैं और माहौल की हरियाली और सुंदरता बढ़ाते हैं। ये सभी छायादार वृक्ष भारत में आसानी से मिल जाते हैं और इनकी देखभाल भी मुश्किल नहीं है। गर्मी के मौसम में ऐसे पेड़ ठंडी छाया देते हैं और वातावरण के तापमान को कम करते हैं। Show
छायादार वृक्ष के फ़ोटो व लाभ | Chhayadar Ped ke naam or Fast growing shade TreesTable of Contents
नीचे बताए गए सभी पेड़ पूरे भारत भर में मिलते हैं, ये पेड़ तेजी से बढ़ते हैं और इनकी देखभाल भी आसान है। हम अक्सर ही अपने आसपास पार्क और पब्लिक प्लेस पर ऐसे पेड़ देखते हैं जो लोगों को घनी छाया देते हैं। ये सभी पेड़ न सिर्फ देखने में हरे-भरे और छायादार हैं, साथ ही इनके आयुर्वेदिक फायदे भी हैं। ये वृक्ष अच्छी खासी ऊंचाई तक बढ़ते हैं, इसलिए एक लिमिट के बाद इनको गमले से निकालकर जमीन में लगाना सही तरीका है। 1) मौलश्री या बकुल का पेड़ | Mimusops elengi in hindiइसे बोलचाल में मौलसिरी (Maulshree tree) भी कहा जाता है। बड़े लान हो या कच्चे रास्तों के किनारे लगाना हो, मौलश्री के पेड़ बहुत अच्छी चॉइस है। इसकी ऊंचाई करीब 15 मीटर तक होती है। मौलश्री के कम ऊंचाई वाले पेड़ भी खूब घनी छाया देते हैं। इसकी गाढ़े हरे रंग की पत्तियां चमकदार और घनी निकलती हैं। इसके सफेद फूल खुशबूदार होते हैं। मौलश्री वृक्ष2) पुत्रजीवक का पेड़ | Putranjiva roxburghii in hindiवर्षभर सदाबहार रहने वाले पुत्रजीवक के पेड़ का आयुर्वेदिक महत्व भी है। इसकी ऊंचाई करीब 10 मीटर तक होती है। ये पेड़ एक समान रूप से हर तरफ बढ़ता है जिससे अच्छी और समान छाया प्रदान करता है। पुत्रजीवक की सुंदर पत्तियां गाढ़े हरे रंग की और छोटी-छोटी होती हैं। Public places, सड़क व रास्तों के किनारे लगाने के लिए पुत्रजीवक वृक्ष बहुत बढ़िया Shade Tree है जिससे आते-जाते लोगों को घनी छाया मिले। 3) नीम का पेड़ | Azadirachta indica in hindiनीम के फायदे और उपयोग के बारे में कौन नहीं जानता। नीम का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। ये सदाबहार वृक्ष बहुत मजबूत प्रकृति का होता है। कैसी भी मिट्टी हो या पानी की कमी हो, नीम का पेड़ आसानी से लग जाता है और बढ़ता जाता है। नीम का वृक्ष अपने आस-पास के माहौल को किटाणु / रोगाणु मुक्त करता है और हवा भी शुद्ध करता है। प्राचीन काल से ही सड़कों और रास्तों के किनारे छाया देने के लिए गुणकरी नीम का पेड़ लगाने की परंपरा रही है। इसकी औसत ऊंचाई 13 से 16 मीटर तक हो सकती है। पढ़ें> खुशबू से घर महकाएं, रातरानी लगायें 4) कदंब का पेड़ | Anthocephalus cadamba in hindiकदंब का सुंदर वृक्ष भगवान श्रीकृष्ण को बहुत पसंद था। इसके फल खाए जाते हैं और सेहत के लिए अच्छे होते हैं। इस पेड़ की ऊंचाई करीब 10 मीटर के लगभग होती है। इसके गोल सुगंधित फूल अच्छी खुशबू देते हैं और इससे इत्र, Perfume भी बनते हैं। कदंब का पेड़ बढ़ने के बाद फैलकर घनी छाया देता है। बहुत ठंडे मौसम वाली जगह में इस पेड़ को नुकसान हो सकता है। 5) पीपल का वृक्ष | Ficus religiosa in hindiइस पेड़ की अधिकतम ऊंचाई 30 मीटर तक हो सकती है। पीपल का वृक्ष पूरे भारत भर में पाया जाता है और इसका धार्मिक महत्व भी है। पीपल हवा में ऑक्सीजन छोड़ता है और घनी छाया भी देता है। पीपल की पुरानी पत्तियां अप्रैल के महीने में झड़ जाती हैं और डार्क रंग की नयी पत्तियां निकलती हैं। 6) शिरीष का पेड़ | Albizzia lebbek in hindiतेजी से बढ़ने वाला छायादार शिरीष का वृक्ष 20 से 25 मीटर की ऊंचाई तक पहुँच सकता है। खूब हरा-भरा ये पेड़ फैलकर बड़े क्षेत्र को छाया प्रदान करता है। एक बार बढ़ जाने के बाद इसे पानी की कमी से भी फर्क नहीं पड़ता है। सूखे मौसम को भी ये झेल जाता है। शिरीष वृक्ष7) आम का पेड़ | Mangifera indica in hindiभारत में खूब लोकप्रिय ये पेड़ 30 -40 मीटर ऊंचे हो सकते हैं और इनकी उम्र 300 वर्ष या उससे ज्यादा भी हो सकती है। आम के पेड़ बहुत शुभ माने जाते हैं और ये वास्तु दोष को दूर करते हैं। घनी छाया, मीठे फल, लकड़ी की वजह से आम खूब लगाया जाता है। भारत में आम के वृक्ष का आयुर्वेदिक और धार्मिक महत्व सभी जानते हैं। 8) करंज का पेड़ | Pongamia pinnata in hindiइस पेड़ को आपने बहुत से पार्क और उद्यानों में देखा होगा लेकिन आप इसका नाम नहीं जानते होंगे। इसकी औसत ऊंचाई (10-15 मीटर) होती है। इसकी पत्तियां चौड़ी और चमकदार हरे रंग की होती हैं। गर्मी के मौसम में खिलने वाले करंज के फूल सफेद-हल्के बैगनी रंग (Lilac color) के होते हैं। करंज के बीजों से Biofuel बनता है। करंज का वृक्ष तेजी से बढ़ता है और वर्ष भर घनी छाया देता है। बड़े आँगन और घर के बाहर, सार्वजनिक जगहों पर लगाने के लिए करंज उपयुक्त है। करंज वृक्ष9) शीशम का वृक्ष | Dalbergia sissoo or Indian Redwood in hindiखूब तेजी से बढ़ने वाला शीशम के पेड़ की मजबूत लकड़ी फर्निचर आदि बनाने के लिए भी प्रयोग होती है। शीशम की पत्ती का आयुर्वेदिक महत्व है। शीशम वृक्ष की जड़ें भूमि को उपजाऊ बनाती हैं। शीशम के पेड़ की ज्यादा देखभाल करने की जरूरत नहीं होती है। इसकी ऊंचाई 60 फुट तक हो सकती है। इसकी हल्के हरे रंग की घनी पत्तियां पेड़ के आस-पास छायादार क्षेत्र बनाए रखती हैं। पढ़ें> मधुमालती की सुंदर, महकदार लता के फायदे, कैसे लगाये 10) अर्जुन का पेड़ | Terminalia Arjuna in hindiये वृक्ष 20-25 मीटर ऊंचाई तक बढ़ता है। अर्जुन का पेड़ शुद्ध रूप से भारतीय यानि देसी है। पौराणिक मान्यता है कि माँ सीता को अर्जुन का वृक्ष बहुत प्रिय था। कई सारी आयुर्वेदिक दवाओ में अर्जुन की छाल (bark) व पेड़ के अन्य हिस्सों का उपयोग किया जाता है। मजबूत प्रकृति वाले अर्जुन के पेड़ बहुत कम ही रोग या फंगस का शिकार होते हैं। इसकी सुंदर, चिकनी पत्तियां और चौड़ाई में फैला शीर्ष भाग अच्छी छाया देते हैं। अर्जुन वृक्षआप भी छाया देने वाले इन पेड़ों के नाम (Chayadar ped) की जानकारी अपने दोस्तों में व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक शेयर जरूर करें, जिससे कई लोग इस जानकारी से लाभ उठा सकें। ये भी पढ़ें > मनी प्लांट की देखभाल कैसे करें, 15 बेस्ट केयर टिप्स घर में लगाने के लिए 15 शुभ पौधे और उनके लाभ ऑक्सीजन देने वाले 25 पौधों की लिस्ट और फायदे पौधे में कोकोपीट डालने के फायदे, कब, कैसे, कितना डालें गमले में लगाने के 9 पौधे जो कम केयर में भी चल जाते हैं सबसे ज्यादा छाया कौन सा पेड़ देता है?पीपल का वृक्ष पूरे भारत भर में पाया जाता है और इसका धार्मिक महत्व भी है। पीपल हवा में ऑक्सीजन छोड़ता है और घनी छाया भी देता है।
छाया के लिए अच्छा पेड़ कौन सा है?वास्तुशास्त्र के अनुसार अश्वगंधा का पेड़ लगाने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सबसे शुभ पौधा कौन सा होता है?शास्त्रों के अनुसार, केले का पौधा घर के वास्तु के लिए अच्छा है क्योंकि इसे भगवान विष्णु का प्रतीक कहा जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है; और लोग अक्सर इस दिन भगवान विष्णु के साथ केले के पौधे की पूजा करते हैं। इसलिए, यह वास्तु के अनुसार घर के लिए सबसे शुभ पौधों में से एक है।
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