HomeRavan told Lakshman on his deathbed in Hindiरावण ने मरते समय लक्ष्मण को तीन बातें बताई थी | What Ravan told Lakshman on his deathbed रावण ने मरते समय लक्ष्मण को तीन बातें बताई थी | What Ravan told Lakshman on his deathbed in Hindi Show
जिस समय रावण मरणासन की अवस्था में धरती पर पड़ा हुआ था, राम ने लक्ष्मण से कहा, राजनीति शास्त्र का महान विद्वान इस दुनिया से विदा ले रहा है, तुम जाकर उस प्रकांड विद्वान से कुछ जीवन की शिक्षा ले लो। भईया की आज्ञा अनुसार लक्ष्मण रावण के सिर के पास जाकर खड़े हो गए। रावण ने लक्ष्मण से कुछ नहीं कहा, तब लक्ष्मण वापस भईया राम के पास चले आए। राम ने इसे देखकर कहा, लक्ष्मण शिक्षा हमेशा गुरु के चरणों के पास ही बैठकर ली जाती है, यह सुनकर लक्ष्मण रावण के पैरों के पास जाकर बैठ गए तब महाज्ञानी तथा प्रकांड विद्वान रावण ने लक्ष्मण को जीवन की तीन अमूल्य बातें बताई । महापंडित रावण ने मरते समय लक्ष्मण को बताई थी ये बड़े काम की 3 बातें 🏹:१. पहला उपदेश: रावण ने लक्ष्मण को सबसे पहली बात यह बताई कि शुभ कार्य को जितना जल्दी 🕒 हो
सके कर लेना चाहिए। उसके लिए कभी लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए, वरना जीवन कब समाप्त हो जाए किसी को पता नहीं। (क्योकि रावण ने कई शुभ कार्यो को किसी कारण वश टाल रखा था, जिसे वह कभी पूरा नहीं कर पाया।) तथा अशुभ कार्य को जितना टाला जा सके उसे टाल देना चाहिए। ✍️ रामायण चौपाई हिंदी अर्थ सहितरावण ने मरते समय लक्ष्मण से क्या कहा था यह आप जान चुके है, रावण द्वारा लक्ष्मण को कहीं गयी ये तीन बातें आज भी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। महाज्ञानी की यह तीन बाते आपको कैसी लगी, कृपया नीचे हमें कमेंट करके बतायें। धन्यवाद आज पूरे देश में दशहरा मनाया जा रहा है. आज का ये दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. रावण ने मां सीता को बंदी बना रखा था और इस एक पाप की वजह से ही उसका अंत हुआ. लेकिन रावण शक्तिशाली योद्धा होने के साथ-साथ बहुत ही ज्ञानी और विद्वान भी था. रामायण की कहानी के अनुसार, रावण का वध भगवान राम के हाथों हुआ था. माना जाता है कि रावण दुनिया का महान विद्वान था. रावण के मरते वक्त राम ने लक्ष्मण से कहा कि रावण नीति और शक्ति का महान ज्ञाता है. ऐसे समय में तुम्हें महाज्ञानी रावण से सफल जीवन का ज्ञान प्राप्त कर लेना चाहिए. ये सुनकर लक्ष्मण दशानन के पैरों में जाकर बैठ गए. तब महाज्ञानी तथा प्रकांड विद्वान रावण ने लक्ष्मण को जीवन की तीन अमूल्य बातें बताई. आइए जानते हैं उन तीन बातों के बारे में. 1. पहला उपदेश सम्बंधित ख़बरेंरावण ने लक्ष्मण को सबसे पहली बात यह बताई कि शुभ कार्य को जितना जल्दी हो सके, कर लेना चाहिए. उसके लिए कभी ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए. वरना जीवन कब समाप्त हो जाए, किसी को पता नहीं. और अशुभ कार्य को जितना टाला जा सके, जीवन के लिए उतना अच्छा है. 2. दूसरा उपदेश रावण ने लक्ष्मण को दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात ये बताई कि शत्रु तथा रोग को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए. छोटे से छोटा रोग भी प्राण घातक हो सकता है. छोटे से छोटा शत्रु भी खतरनाक हो सकता है. रावण ने राम, लक्ष्मण और उनकी वानर सेना को तुच्छ समझा था और वही रावण की मृत्यु का कारण भी बने. 3. तीसरा उपदेश रावण ने लक्ष्मण को तीसरी ज्ञान की बात यह बताई कि, अपने जीवन से जुड़े राज को यथासंभव गुप्त ही रखना चाहिए. उसे किसी भी व्यक्ति को नहीं बतानी चाहिए. चाहे वह अपका सबसे प्रिय क्यों ना हो. यदि वह रहस्य किसी के सामने आ गया तो उसका जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. रावण के नाभि में अमृत कुंड होने का रहस्य विभीषण को पता था और यही रावण की हार की वजह बन गया. रावण ने मरते समय लक्ष्मण को कौन सी बात बताई थी?माना जाता है कि रावण दुनिया का महान विद्वान था. रावण के मरते वक्त राम ने लक्ष्मण से कहा कि रावण नीति और शक्ति का महान ज्ञाता है. ऐसे समय में तुम्हें महाज्ञानी रावण से सफल जीवन का ज्ञान प्राप्त कर लेना चाहिए. ये सुनकर लक्ष्मण दशानन के पैरों में जाकर बैठ गए.
रावण ने लक्ष्मण को तीन बातें क्या बताएं?रावण ने राम, लक्ष्मण और उनकी वानर सेना को तुक्छ समझा था, और वही रावण के मृत्यु का कारण बने। ३. तीसरा उपदेश: रावण ने लक्ष्मण को तीसरी ज्ञान की बात यह बताई कि, अपने जीवन से जुड़े राज को यथासंभव गुप्त ही रखना चाहिए। उसे किसी भी व्यक्ति से नहीं बतानी चाहिए, चाहे वह अपका सबसे प्रिय क्यों ना हो।
मरते समय रावण ने क्या कहा?ये राम मैं शक्ति में कही भी तुमसे पीछे नही था बल्कि में हर चेत्र में मैं तुमसे आगे ही था । फिर भी में तुमसे युद्ध यार गया क्यों क्योंकि मेरे पास लक्षण जैसा भाई नही था। इस लिए मैं ये युद्ध तुमसे हार गया। यही बात रावण ने राम से मरते वक्त कही होगी।
रावण ने मरते समय लक्ष्मण को क्या शिक्षा दी थी?रावण ने लक्ष्मण को शिक्षा दी कि शुभ कार्य करने में कभी देरी नहीं करनी चाहिए. जैसे ही किसी शुभ कार्य का चिंतन हो या मन में विचार आए उसे तुरंत कर ड़ालना चाहिए. इसके अलावा अशुभ को जितना टाल सकते हो उसे टाल दो.
|