रावण की पत्नी मंदोदरी कहां की रहने वाली थी - raavan kee patnee mandodaree kahaan kee rahane vaalee thee

रावण की पत्नी मंदोदरी कहां की रहने वाली थी - raavan kee patnee mandodaree kahaan kee rahane vaalee thee

मन्दोदरी रामायण के पात्र, पंच-कन्याओं में से एक हैं जिन्हें चिर-कुमारी कहा गया है। मन्दोदरी मयदानव की पुत्री थी। उसका विवाह लंकापति रावण के साथ हुआ था।

हेमा नामक अप्सरा से उत्पन्न रावण की पटरानी जो मेघनाथ की माता तथा मायासुर की कन्या थी। अतिकाय रावण की दूसरी पटरानी हेममालिनी का पुत्र था व मेघनाद और अक्षयकुमार मन्दोदरी के पुत्र थे। रावण को सदा यह अच्छी सलाह देती थी और कहा जाता है कि अपने पति के मनोरंजनार्थ इसीने शतरंज के खेल का प्रारम्भ किया था। इसकी गणना भी पंचकन्याओं में है

सिंघलदीप की राजकन्या और एक मातृका का भी नाम मन्दोदरी था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

मंदोदरी महान ऋषि कश्यप के पुत्र मायासुर की गोद ली हुई पुत्री थी, रावण से शादी के पच्यात मंदोदरी के तीन पुत्र हुए जिनका नाम मेघनाद अक्षकुमार और अतिक्य था कुछ कथाओं के अनुसार मंदोदरी अपने पूर्व जन्म में एक मेंडकी थी और सप्तऋषि के आशीर्वाद से उन्हें मनुष्य रूप मिला था

मंदोदरी के पूर्व जन्म की संपूर्ण कथा Archived 2020-10-30 at the Wayback Machine

mp

मेरठ: दशहरे के दिन देश भर में रावण वध का मंचन होता है और रावण के पुतले जलाए जाते हैं, लेकिन रावण की ससुराल में यह परंपरा थोड़े बदलाव से मनाई जाती है. माना जाता है कि रावण की ससुराल मेरठ में है और यहां राम और रावण दोनों के अनुयायी रहते हैं. इसलिए यहां रावण की पूजा भी होती है और रावण का पुतला भी फूंका जाता है. मेरठ का प्राचीन नाम मयराष्ट्र है और इसे लंकेश की महारानी मंदोदरी का पीहर कहा जाता है.

राम हो या रावण...इनसे जुड़ी किवदंतियां पूरे देश मे मौजूद है. मेरठ में रावण से जुड़ी किदवंती यह है कि यह शहर रावण का ससुराल और उसकी पत्नी मंदोदरी का मायका है. मायके के नाम से ही इसे प्राचीनकाल में मयराष्ट्र और फिर मेरठ कहा जाने लगा. यहां दशहरे के दिन घर-घर में रावण की पूजा होती है.

यहां रावण की पूजा दामाद के रूप में नहीं, उसे अपने काल के महाविद्वान और परमज्ञानी होने के कारण पूजा जाता है. दशहरे के दिन सुबह घर के लोग इस अनुष्ठान को करते हैं. एक लकड़ी की पटरे पर रावण के 10 सिर बनाए जाते हैं. रावण के 10 सिर गाय के गोबर से स्थापित किए जाते हैं और फिर मंत्रोच्चारण के साथ इन सिरों की पूजा की जाती है. घर के लोग खास करके पढ़ने-लिखने वाले बच्चे इस पूजा के माध्यम से रावण से बुद्धि और ज्ञान मांगते हैं.

रावण की इस पूजा के बाद गाय के गोबर से बनाए हुए सिरों को बहते जल में प्रवाहित कर दिया जाता है. शाम को रामलीला के मंचन के साथ रावण के पुतले फूंके जाते हैं. रावण की पूजा अनुष्ठान से जुड़े पंडित विद्याचरण त्रिपाठी बताते हैं कि रावण अपने काल का महाविद्वान और परमज्ञानी था.

News Reels

भगवान राम ने खुद उसके वध के बाद इस बात को स्वीकारा है. श्रीराम ने लक्ष्मण से रावण के चरणों की ओर खड़े होकर ज्ञान मांगने को कहा था. श्रीराम के अनुयाई आज भी इस पूजा के जरिए रावण से ज्ञान की अभिलाषा रखते हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के केंद्र मेरठ में रावण की ससुराल होने की किदवंती भी जुड़ी हुई है इसलिए यहां यह पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है.

Mandodari Ka Janm Kahan Hua Tha

Pradeep Chawla on 12-05-2019

राजस्थान के जोधपुर में मंडोर नामक स्थान से एक प्राचीन मान्यता जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यहां मंदोदरी और रावण का विवाह हुआ था। यहां के मंडोर रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक जगह के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहीं रावण ने मंदोदरी के संग सात फेरे लिए थे।

जोधपुर के कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि वे रावण के वंशज हैं। जब श्रीराम ने युद्ध में रावण का वध कर दिया था, तब उसके वंशज यहां आ गए और फिर यहीं बस गए। वे आज भी उसी माता की पूजा करते हैं जो रावण की कुलदेवी थी।

रामायण के मुताबिक मयासुर ने ब्रह्माजी के वरदान से अप्सरा हेमा के लिए मंडोर का निर्माण किया। हेमा अत्यंत रूपवती थी। जब मयासुर और हेमा की संतान हुई तो वह भी बहुत सुंदर थी। उसका नाम उन्होंने मंदोदरी रखा। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान का नाम मंडोर होने के पीछे मंदोदरी भी एक कारण है।

बाद में मयासुर का इंद्र के साथ विवाद हो गया तो उसे वह स्थान छोड़कर जाना पड़ा। ऐसे में मंडूक ऋषि ने मंदोदरी को देखरेख की। जब मंदोदरी विवाह योग्य हो गई तो मयासुर ने उसके लिए वर की खोज की, लेकिन उसे कहीं भी ऐसा वर नहीं मिला जो मंदोदरी के लिए उपयुक्त हो।

आखिरकार उसकी खोज रावण पर जाकर पूरी हुई। रावण अत्यंत विद्वान, पराक्रमी, बलशाली, वैभवशाली और कुशल योद्धा था। उसे मंदोदरी के लिए यही वर पसंद आया। उसने रावण से अपनी पुत्री के साथ विवाह की बात की और रावण ने विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

कहा जाता है कि मंडोर में ही रावण-मंदोदरी का विवाह हुआ और वह स्थान अब भी मौजूद है जहां उन्होंने फेर लिए थे। लोगों के मुताबिक आज यह जगह लगभग खंडहर हो चुकी है और खामोशी के लफ्जों से उस दौर की कहानी कहती है।

कैसी थी मंदोदरी

रामायण और विभिन्न ग्रंथों में मंदोदरी के बारे में जो जिक्र आता है उसके मुताबिक वह बहुत सुंदर, गुणवान और पतिव्रता महिला थी। रावण के खोटे कर्मों को देखकर उसने अनेक बार उसे ऐसे कार्यों का त्याग करने की सलाह दी, लेकिन उसने कभी मंदोदरी की बात नहीं मानी।

अगर वह सही समय पर मंदोदरी की बात मान लेता तो रावण का इतिहास कुछ और ही होता। मंदोदरी बहुत सुंदर भी थी। यहां तक कि जब हनुमानजी ने लंका में उसे देखा तो एक बार वे भी उसे मां सीता समझ बैठे थे।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments Rk on 25-02-2022

Place of birth in mandodari

Bhagvt kuretee on 04-06-2021

Angd mandodari ka putr to thha

Pardeep Vats on 03-01-2021

kya raavan aur baali mein yudh huya tha

Prakash chandra shukla on 20-04-2020

मंदोदरी की जन्म तिथि, समय, और जन्म स्थान ...?

Bhupender singh on 19-04-2020

क्या मंदोदरी का विवाह से पहले कोई पुत्र था

Bhupendra singh on 19-04-2020

क्या बाली पुत्र अगंद मंदोदरी पुत्र था

केशूलाल on 12-04-2020

रामायण काल कितने वर्ष पुराना है।केशूलाल

Kuldeep on 04-04-2020

Ravan ki wafe kha ki thi

Pratap Singh Kushwaa on 15-10-2019

मंदोदरी कहा जन्मी। कहां की (स्थान)थी?

प्रताप सिंह कुशवाहा on 15-10-2019

मंदोदरी का जन्म स्थान एवं पालन पोषण स्थान। क्या है ☝️

Mandodri ka jnm bhumi on 20-07-2019

Mandodri ka jnm bhumi

mandotri ka janmsthan on 01-06-2019

mandotri ka janmsthan


रावण की पत्नी मंदोदरी का गांव कौन सा है?

मंदोदरी का जन्म हेमा नाम की अप्सरा के गर्भ से हुआ था, जिसका विवाह मायासुर से हुआ था। मायासुर ने अपनी पत्नी हेमा के लिए मंडोर नगर का निर्माण किया था। जो इस समय राजस्थान में है। वहीं, यह भी कहा जाता है कि मंदोदरी मध्यप्रदेश के मंदसोर के राजा की पुत्री थी।

रावण का ससुराल कहाँ पर है?

मान्यता है कि रावण की ससुराल जोधपुर में है. रावण की पत्नी महारानी मंदोदरी जोधपुर के मंडोर के राजा की पुत्री थी. लंका से जब रावण बारात लेकर जोधपुर के मंडोर आए थे, तब उनके साथ बारात में गोदा गोत्र के श्रीमाली ब्राह्मण भी यहां आए थे.

मंदोदरी के कितने पति थे?

रावण से शादी के बाद मंदोदरी के तीन पुत्र हुए जिनका नाम 'मेघनाद', 'अक्षकुमार' और 'अतिक्य' था। रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी ने रावण के भाई विभीषण से विवाह किया था।

मंदोदरी ने दूसरी शादी क्यों की?

रावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीराम ने विभीषण को लंका का नया राजा बनाने की सलाह दी और उन्हें मंदोदरी से विवाह करने का प्रस्ताव दिया. हालांकि मंदोदरी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और खुद को राज्य से अलग कर लिया. कुछ समय बाद वह विभीषण से विवाह करने पर सहमत हो गईं.