रुवाइयां और गज़ल का शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है? - ruvaiyaan aur gazal ka shaayar raakhee ke lachchhe ko bijalee kee chamak kee tarah kahakar kya bhaav vyanjit karana chaahata hai?

Short Note

शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?

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Solution

शायर राख के लच्छे को बिजली की चमक कहकर भाई-बहन के संबंध की घनिष्टता को व्यक्त करना चाहता है। भाई-बहन को शायर बादल की घटा तथा बिजली के रूप में अभिव्यक्त करता है। राखी उसी घनिष्टता का प्रतीक है, जो प्रत्येक भाई के हाथ में राखी के धागे के रूप में दिखाई देता है। यह दोनों के मध्य प्रेम तथा पवित्रता का सूचक है।

Concept: काव्य भाग

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Chapter 9: फ़िराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गज़ल) - अभ्यास [Page 60]

Q 1.PrevQ 2.

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NCERT Class 12 Hindi - Aaroh [हिंदी - आरोह १२ वीं कक्षा]

Chapter 9 फ़िराक गोरखपुरी (रुबाइयाँ, गज़ल)
अभ्यास | Q 1. | Page 60

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