जानिए किसे नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष, कहां पहनना होता है वर्जितअमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Thu, 28 Jan 2021 04:41 PM IST Show
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष का आध्यात्मिक और ज्योतिष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का स्वरुप माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू से हुई थी। रुद्राक्ष पहनने से शारीरिक लाभ के साथ मानसिक लाभ भी मिलता है। लेकिन किन लोगों के लिए रुद्राक्ष वर्जित है या किस समय पर रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए, इस बारे में कम लोग जानते होंगे। आइए पंडित अवधेश मिश्रा के द्वारा जानते हैं कि किस व्यक्ति को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए एवं किस समय पर रुद्राक्ष पहनना वर्जित होता है। शराब व मांसाहार करने वालों को नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष पहन कर न सोएं रुद्राक्ष शवयात्रा में पहनकर न जाएं रुद्राक्ष जन्म वाले स्थान पर न पहने रुद्राक्ष
Author: Shivani SinghPublish Date: Tue, 10 May 2022 03:00 PM (IST)Updated Date: Tue, 10 May 2022 03:08 PM (IST) Rudraksha Wearing Rules अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में हर तरह के कष्टों को खत्म करना चाहता है तो उसे रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसके नियम जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि नियमों का पालन न करने से शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होगी। नई दिल्ली, Rudraksha Wearing Rules: शास्त्रों में रुद्राक्ष का काफी महत्व बताया गया है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। इसी कारण जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसी कारण रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं। जिनकी अपने अलग-अलग महत्व है। माना जाता है कि जो व्यक्ति रुद्राक्ष को नियम और विधि के अनुसार पहन लें तो वह हर तरह के संकटों से छुटकारा पा लेता है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी सही हो जाती है। जानिए रुद्राक्ष पहनने से पहले कौन से नियम जानना बेहद जरूरी है, जिससे इसे धारण करने के पूर्ण फल प्राप्त हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता सती ने खुद को अग्नि में प्रवेश कराकर देह का त्याग कर दिया था तब भगवान शिव के रुदन से निकले आंसू पृथ्वी पर कई जगह गिरे और उनसे प्रकृति को रुद्राक्ष के रूप में एक चमत्कारी तत्व की प्राप्ति हुई थी। रुद्राक्ष पहनने के नियम
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instagram/eternalzencanada/bhagyajyotishsansthan5 डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' Edited By: Shivani Singh
रुद्राक्ष धारण करने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
रुद्राक्ष पहनने के क्या क्या नियम है?रुद्राक्ष पहनने के नियम. रुद्राक्ष कलाई, गले और ह्रदय पर ही पहना जाता है। ... . हाथ पर 12, गले पर 36 और ह्रदय पर 108 दाने धारण किए जाते हैं।. रुद्राक्ष का एक दाना भी धारण किया जा सकता है, पर दाना ह्रदय तक, लाल धागे में लटका होना चाहिए।. इसे धारण करने का सबसे शुभ मुहूर्त शिवरात्रि, सावन का महीना या सोमवार का दिन माना जाता है।. रुद्राक्ष पहनने के नुकसान क्या क्या हो सकते हैं?अन्यथा रुद्राक्ष पहनने के नुकसान हो सकते हैं।. बिना नियमपूर्वक पहना गया रुद्राक्ष मन को अस्थिरता देता है।. रुद्राक्ष पहनने के बाद नियम पालन न करने से यह व्यक्ति को पथभ्रष्ट कर देता है।. शराब व मांस का सेवन करने से रुद्राक्ष का बुरा असर पड़ता है।. रुद्राक्ष कितने दिन में असर दिखाता है?रुद्राक्ष कितने दिनों में दिखाता है असर? सिद्ध किया गया रुद्राक्ष का चमत्कारिक प्रभाव केवल 7 दिनों में ही असर दिखाने लगता है.
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