रुद्राक्ष पहन ke क्या नहीं करना चाहिए? - rudraaksh pahan kai kya nahin karana chaahie?

जानिए किसे नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष, कहां पहनना होता है वर्जित

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Thu, 28 Jan 2021 04:41 PM IST

हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष का आध्यात्मिक और ज्योतिष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का स्वरुप माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू से हुई थी।

रुद्राक्ष पहनने से शारीरिक लाभ के साथ मानसिक लाभ भी मिलता है। लेकिन किन लोगों के लिए रुद्राक्ष वर्जित है या किस समय पर रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए, इस बारे में कम लोग जानते होंगे। आइए पंडित अवधेश मिश्रा के द्वारा जानते हैं कि किस व्यक्ति को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए एवं किस समय पर रुद्राक्ष पहनना वर्जित होता है।

शराब व मांसाहार करने वालों को नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष
पंडित अवधेश मिश्रा के अनुसार, जो भी व्यक्ति शराब या मांसाहार भोजन करता है, उसे रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। इससे हानि हो सकती है।

पहन कर न सोएं रुद्राक्ष
सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय शरीर अशुद्ध रहता है। यह भी कहा जाता है कि तकिए के नीचे रुद्राक्ष रखकर सोने से आत्मिक शांति मिलती है।

शवयात्रा में पहनकर न जाएं रुद्राक्ष
किसी की शवयात्रा में या श्मशान के लिए रुद्राक्ष धारण करके बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए। इसकी एक प्रमुख वजह है, दरअसल भगवान शिव को जीवन और मृत्यु से परे माना जाता है। इसलिए उनके अंश माने जाने वाले रुद्राक्ष को पहनकर जीवन और मृत्यु से जुड़े स्थानों पर नहीं जाना चाहिए।

जन्म वाले स्थान पर न पहने रुद्राक्ष
घर में जिस जगह पर बच्चों का जन्म हुआ हो, वहां रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनने से पहले जान लें ये नियम, वरना फायदे की जगह होगा भारी नुकसान

Author: Shivani SinghPublish Date: Tue, 10 May 2022 03:00 PM (IST)Updated Date: Tue, 10 May 2022 03:08 PM (IST)

रुद्राक्ष पहन ke क्या नहीं करना चाहिए? - rudraaksh pahan kai kya nahin karana chaahie?

Rudraksha Wearing Rules अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में हर तरह के कष्टों को खत्म करना चाहता है तो उसे रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसके नियम जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि नियमों का पालन न करने से शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होगी।

नई दिल्ली, Rudraksha Wearing Rules: शास्त्रों में रुद्राक्ष का काफी महत्व बताया गया है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। इसी कारण जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसी कारण रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं। जिनकी अपने अलग-अलग महत्व है। माना जाता है कि जो व्यक्ति रुद्राक्ष को नियम और विधि के अनुसार पहन लें तो वह हर तरह के संकटों से छुटकारा पा लेता है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी सही हो जाती है। जानिए रुद्राक्ष पहनने से पहले कौन से नियम जानना बेहद जरूरी है, जिससे इसे धारण करने के पूर्ण फल प्राप्त हो।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता सती ने खुद को अग्नि में प्रवेश कराकर देह का त्याग कर दिया था तब भगवान शिव के रुदन से निकले आंसू पृथ्वी पर कई जगह गिरे और उनसे प्रकृति को रुद्राक्ष के रूप में एक चमत्कारी तत्व की प्राप्ति हुई थी।

रुद्राक्ष पहन ke क्या नहीं करना चाहिए? - rudraaksh pahan kai kya nahin karana chaahie?

रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • प्रात:काल जब रुद्राक्ष धारण करें तो रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए, साथ ही इसे सोने से पहले और रुद्राक्ष को हटाने के बाद भी दोहराया जाना चाहिए। रुद्राक्ष को एक बार निकाल लेने के बाद उस पवित्र स्थान पर रखना चाहिए जहां आप पूजा करते हैं।
  • रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए।
  • एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। स्नान करने के बाद शुद्ध करके ही इसे धारण करें।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का मनन करें।इ सके साथ ही शिव मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते रहें।
  • रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए। कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • रुद्राक्ष माला को आपने धारण कर लिया है तो अब इसे किसी और को बिल्कुल न दें। इसके साथ ही दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को बिल्कुल धारण न करें।
  • रुद्राक्ष की माला को हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए। लेकिन 27 मनकों से कम नहीं होनी चाहिए।
  • रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें। मनके के छिद्रों में धूल और गंदगी जम सकती है। जितनी बार हो सके इन्हें साफ करें.. अगर धागा गंदा या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसे बदल दें। सफाई के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से धो लें। यह इसकी पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है।
  • रुद्राक्ष गर्म प्रकृति के होते हैं। जिसके कारण कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है। इसलिए बेहतर है कि इसका उपयोग न करें बल्कि पूजा घर में रखकर रोजाना पूजा करें। 

Pic Credit- instagram/eternalzencanada/bhagyajyotishsansthan5

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Edited By: Shivani Singh

  • # spiritual
  • # religion
  • # Precautions to wearing Rudraksha
  • # How to wear Rudrakasha
  • # Rudraksha Rules
  • # Rudraksha wearing Rules
  • # Rudraksh Pahnane ke niyam
  • # Importance of Rudraaksha
  • # Benefits of Rudraaksha
  • # Lord Shankar
  • # रुद्राक्ष
  • # रुद्राक्ष पहनने के नियम
  • # Lifestyle and Relationship
  • # Spirituality
  • # Religion

रुद्राक्ष धारण करने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?

रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए

रुद्राक्ष पहनने के क्या क्या नियम है?

रुद्राक्ष पहनने के नियम.
रुद्राक्ष कलाई, गले और ह्रदय पर ही पहना जाता है। ... .
हाथ पर 12, गले पर 36 और ह्रदय पर 108 दाने धारण किए जाते हैं।.
रुद्राक्ष का एक दाना भी धारण किया जा सकता है, पर दाना ह्रदय तक, लाल धागे में लटका होना चाहिए।.
इसे धारण करने का सबसे शुभ मुहूर्त शिवरात्रि, सावन का महीना या सोमवार का दिन माना जाता है।.

रुद्राक्ष पहनने के नुकसान क्या क्या हो सकते हैं?

अन्यथा रुद्राक्ष पहनने के नुकसान हो सकते हैं।.
बिना नियमपूर्वक पहना गया रुद्राक्ष मन को अस्थिरता देता है।.
रुद्राक्ष पहनने के बाद नियम पालन न करने से यह व्यक्ति को पथभ्रष्ट कर देता है।.
शराब व मांस का सेवन करने से रुद्राक्ष का बुरा असर पड़ता है।.

रुद्राक्ष कितने दिन में असर दिखाता है?

रुद्राक्ष कितने दिनों में दिखाता है असर? सिद्ध किया गया रुद्राक्ष का चमत्कारिक प्रभाव केवल 7 दिनों में ही असर दिखाने लगता है.