आवारा मसीहा के लेखक कौन है?(A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल Show आवारा मसीहा के लेखक विष्णु प्रभाकर है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत प्रसिद्ध लेखक एवं उनकी रचनाएँ या रचना और रचनाकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। हिंदी के प्रसिद्ध कवि व उनकी प्रसिद्ध रचनाओं का परिचय आईएएस, पीसीएस, कर्मचारी चयन आयोग, बीएड., सब इंस्पेक्टर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी होगी। हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं उनकी रचनाएँ : सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - काठ की घंटियां, बांस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएं, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूंटियों पर टंगे लोग, क्या कह कर पुकारूं, पागल कुत्तों का मसीहा (लघु उपन्यास), सोया हुआ जल (लघु उपन्यास) केदारनाथ सिंह - अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहाँ से देखो, बाघ, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ, तालस्ताय और साइकिल, सृष्टि पर पहरा कुँवर नारायण - चक्रव्यूह, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, आत्मजयी, इन दिनों उदय प्रकाश - सुनो कारीगर, अबूतर कबूतर, रात में हारमोनियम, एक भाषा हुआ करती है, कवि ने कहा, दरियायी घोड़ा, तिरिछ, दत्तात्रेय के दुख, पॉलगोमरा का स्कूटर, अरेबा परेबा।....अगला सवाल पढ़े Tags : पुस्तक और लेखक Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams Latest Questionsआवारा मसीहा के लेखक का नाम क्या है?विष्णु प्रभाकरआवारा मसीहा / लेखकnull
आवारा मसीहा क्या उपन्यास है?'आवारा मसीहा' यह किताब लेखक विष्णु प्रभाकरजी ने मार्च 1974 में प्रकाशित की। इस पुस्तक में शरतचन्द्र चटर्जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है। 'आवारा मसीहा' यह किताब का अनुवाद अनेक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इस पुस्तक में उनके अपने चरित्र के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाली कुछ और कथाएँ बताई गई है।
आवारा मसीहा को लिखने में कितने वर्ष लगे?यशपाल जी के आग्रह पर ही मैंने यह काम अपने हाथों में लिया।" विष्णु जी ने 1959 में शरतबाबू की जीवनी लिखने के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी और उन्हें "आवारा मसीहा" लिखने में 14 साल लगे। इसे लिखने के लिए वैसे उन्होंने 1965 तक सारी सामग्री जुटा डाली थी। यह किताब लिखने के कारण विष्णु प्रभाकर भी अमर हो गए थे।
विष्णु प्रभाकर को आवारा मसीहा के लिए कौन सा सम्मान मिला?डॉ. सुभाष रस्तोगी सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार (1976), साहित्य अकादमी पुरस्कार (1993) तथा पद्म भूषण सम्मान (2005) से सम्मानित विष्णु प्रभाकर (21 जून, 1912-11 अप्रैल, 2009) के जीते जी 'आवारा मसीहा' उनके नाम का, उनके कृतित्व का पर्याय बन गया था।
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