रोमन साम्राज्य का समाज कितने वर्गों में बांटा हुआ था? - roman saamraajy ka samaaj kitane vargon mein baanta hua tha?

प्राचीन धारणाओं के अनुसार रोम की स्थापना रोमुलस तथा रमेस नामक दो जुडवां भाइयों ने की थी। रोमन कवि विरजिल (virgil) ने भी इससे मिलती-जुलती कहानी अपनी कविता इनीउहद (Aeneid) में बताई है कि ट्रोजन का नायक जब ट्राय (Troy) से विध्वंश होने के बाद अपने पिता को अपनी पीठ पर उठा कर ले गया तथा उसके बाद वह कई स्थानों पर गया और विजयें भी प्राप्त की। इसने इटली में एक कॉलोनी की स्थापना की जहां पर रोमुल्स तथा रेमस पैदा हुए। इनके ही नाम पर रोम का नामकरण हुआ। 


जब यूनान में एंथेस पूरी तरह विकसित हो चुका था तब रोम इटली के पश्चिमी किनारे पर एक छोटा सा कस्बा था। 323 ई0पू0 में एलक्जैंडर के साम्राज्य विजय के समय में रोम एक शक्तिशाली नगर राज्य के रूप में उभर रहा था। यूनान में 2000 ई0पू0 में जब ऐचियन लोग आ रहे थे तभी अन्य इण्डों-यूरोपियनो ने इटली पर आक्रमण किया। इन में लातिनी टाइबर नदी के दक्षिणी क्षेत्र में बस गए तथा 750 ई0पू0 में इन्होंने पशुपालन जीवन का त्याग कर कृषि करना शुरू कर दिया और अपने छोटे-छोटे गांव बसाए जो बाद में बढ़कर रोम के शहरों में परिवर्तित हो गए।

रोमन साम्राज्य का समाज कितने वर्गों में बांटा हुआ था? - roman saamraajy ka samaaj kitane vargon mein baanta hua tha?
रोमन साम्राज्य के अवशेष



रोम प्रायद्वीप भूमध्यसागर में एक बूट के आकार का दिखाई देता है जिसकी नोक सिसली के द्वीप में प्रतीत होती है। इस बूटनुमा क्षेत्र के ऊपर अल्पस् पर्वत है, जो (Po) पो नामक नदी का पानी यहां के उतरी क्षेत्रों के कृषकों को सिचांई के लिए देता है तथा (Apennines) एपैनीन्ज पर्वत श्रृंखला समस्त इटली में फैली है। इन पर्वतों के कारण यह युनान के नगर राज्यों से पृथक होता है। इटली के पूर्वी क्षेत्र की जमीन उपजाऊ नही थी और ना ही अच्छी बन्दरगाहें थी। इस कारण यहां कम जनसंख्या थी। पश्चिमी क्षेत्र में बन्दरगाहों एवम् लंबी-2 नदियों के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना आसान था इसलिए यहां जनसंख्या अधिक थी। रोम ने इसी समुद्र और नदियों के सहारे व्यापार और अनेक विजयों में उपलब्धियां हासिल की। रोम इटली के पश्चिम के उपजाऊ प्रदेश में स्थित है तथा यहां पर स्थित सात पहाड़ों से प्राचीन रोमन निवासी अपने शत्रुओं को दूर से देखकर सुरक्षा का प्रबंध कर सकते थे। रोम समुद्र 25 किलोमीटर दूर था, इस कारण भी समुद्र के रास्ते इस पर इतनी आसानी से आक्रमण नही हो सकता था टाइबर नदी इन्हें भोजन तथा यातायात में सहायक थी तथा इस के मुख पर रोमनों में (Ostia) ओस्टिया नामक बन्दरगाह स्थापित की।

रोमन संस्कृति का विकास

जिन Latin (लातिनी) लोगों ने रोम की स्थापना की वे कृषक और पशुपालक थे। प्रारंभ में ये कबीलाई लोग आपस में तथा अपने पडोसियों से लड़ते रहते थे। उनके इसी जीवन के लिए संघर्ष के प्राचीन काल से ही यहां के लोगों में कर्त्तव्य और अनुशासन तथा देशभक्ति की भावना उजागर हो गई। साथ ही दूसरे लोगों के सम्पर्क से रोमन संस्कृति का विकास हुआ। रोमनों ने फ्यूनिशिया तथा यूनान की उत्कर्ष सभ्यताओं से बहुत से नए विचार ग्रहण किए तथा सिसली और इटली में अपनी बस्तियां स्थापित की। यूनानियो से इन्होंने किले बंद शहर बनाने सीखे, अंगूर और अंजीर की कृषि का ज्ञान प्राप्त किया। एशिया माइनर से इटली आने वाले (Etruscans) इट्रुस्केन लोगों ने भी रोमनों पर अपना प्रभाव छोड़ा। 


600 ई0पू0 के आसपास इन्होने टाइबर नदी को पार कर रोम पर अपना अधिपत्य जमा लिया तथा अगले 100 वर्षो तक इन्हीं विजेताओं से रोम के लोगों ने बहुत कुछ सीखा। । Alphabat वर्णमाला सीखी, इनके कला के नमूनों की नकल की तथा अपने देवों के अलावा उनके देवताओं की पूजा भी शुरू की। इन हमलावारों से इन्होंने वास्तुकला में मेहराब बनाना सीखा इसके अलावा दलदली भूमि को कृषि योग्य बनाना भी इन्हीं से सीखा। छठी शताब्दी ई0पू0 में इन विदेशियों की शक्ति सर्वोच्य पर थी, जब इन्होंने कार्थेज से समझौता किया ओर कोरसिका से ऐनानज को बाहर खेदड़ दिया। 535 ई0पू0 में (Alalia) एललिए पर भी इन्होंने विजय प्राप्त की।

Roman Empire : रोमन सभ्यता, एक ऐसी शक्तिशाली सभ्यता थी जिस का (1000) एक हजार वर्षों तक यूरोप के लगभग सभी क्षेत्रों पर वर्चस्व रहा और आज भी इस सभ्यता की छाप पश्चिमी कई राज्यों पर देख सकते हैं। इसके समृद्ध संस्कृति और भाषा, व्यवस्था आदि अभी भी इस्तेमाल होते हैं। रोमन सभ्यता या प्राचीन रोम सभ्यता की शुरुआत हुई थी पहली सदी ईसा पूर्व (27 ई.पू.) से और 117 इस्वी में इस सभ्यता का चरमोत्कर्ष माना जाता है। इस विशाल साम्राज्य का पतन पांचवी सदी की शुरुआत होने तक हो गया था। आज इस लेख के माध्यम से हम आप को Roman Empire के बारे में जानकारी देंगे। आप को इस लेख में रोमन सभ्यता या प्राचीन रोम सभ्यता के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी। जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

रोमन साम्राज्य का समाज कितने वर्गों में बांटा हुआ था? - roman saamraajy ka samaaj kitane vargon mein baanta hua tha?
History of Roman Empire in Hindi

Contents show

1 History of Roman Empire in Hindi

1.1 रोम का राजनीतिक इतिहास

2 रोम में संकट काल और पतन

2.1 Roman Empire से संबंधित प्रश्न उत्तर

History of Roman Empire in Hindi

रोमन साम्राज्य की इतिहास समझने के लिए हमे रोमन साम्राज्य के बारे में जानना होगा। यूरोप के एक नगर रोम में केन्द्रित रोमन साम्राज्य बहुत ही शक्तिशाली सभ्यता थी। यहाँ इस सभ्यता के लोग मुख्य रूप से लैटिन भाषा बोलते थे लेकिन बहुत से ऐसे राज्य भी थे जहाँ यूनानी भाषा का भी प्रयोग करते रहे थे। इस सभ्यता में सन 130 में ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया गया था। इस रोमन सभ्यता का साम्राज्य पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावा उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र तक फैला था।

Roman Empire की Capital या राजधानी रोम शहर (इटली में) थी। और इसी के नाम पर रोमन सभ्यता का नाम रखा गया था। प्राचीन रोम साम्राज्य पहले एक गणतंत्र साम्रज्य था जहाँ सीनेटर अथवा नेता एक निर्धारित अवधी के लिए ही चुने जाते थे। और वो आम जनता द्वारा चुने जाने की वजह से शासन व्यवस्था सुचारु रूप से भी चलती थी। लेकिन एक समय के बाद वहां राजा महाराजाओं के शासन की शुरुआत हो गयी थी। जिस के बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।  

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रोमन साम्राज्य का समाज कितने वर्गों में बांटा हुआ था? - roman saamraajy ka samaaj kitane vargon mein baanta hua tha?

रोमन साम्राज्य को विश्व का सबसे बड़ा और विशाल साम्राज्य में से एक माना जाता है। हालाँकि इस साम्राज्य का पतन 5वीं सदी के अंत तक हो ही गया था और इसी के साथ इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी। इतना ही नहीं वर्ष 1453 में ओटोमन तुर्क द्वारा इस स्थान पर भी अधिकार कर लिया। बता दें कि फुरात नदी के पूर्व में स्थित फ़ारसी साम्राज्य, रोमन साम्राज्य का प्रतिद्वंदी था।

रोम का राजनीतिक इतिहास

बात करें रोमन राजनीतिक इतिहास की तो इसे तीन युगों में बांटा गया है। ये हैं – राजतंत्र काल (753 -510 BC), गणतंत्र काल (510-27 BC) और साम्राज्य काल (27 BC to 476 AD) . रोम को सात पहाड़ियों का नगर कहा जाता है। इसकी वजह है कि रोम विश्व का प्रथम राज्य था कि मध्य इटली के टाइबर नदी के किनारे सात पहाड़ियों पर बसा हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि एक राजा (अल्बा लोंगा के ) की बेटी और मंगल देवता के संयोग से हुए दो पुत्र, जिनका नाम ‘रोम्यूल्स और रेमस ‘ था , इन्ही में से रोम्यूल्स के द्वारा ही 753 ई० पू में रोम नगर का निर्माण किया। वहीँ पौराणिक क्रॉनिकल में दी गयी जानकारी कहती है कि रोम नगर की स्थापना ईनीज सिलवियस द्वारा की गयी है।

बताते हैं कि रोम्यूलस ने समाज को दो वर्गों में बांटा – पहला पैट्रीशियन व दूसरा प्लेबियन में। इनके उत्तराधिकारी हुए नूमा पोलम्पिलियस और उनके उत्तराधिकारी जुलस होस्टिलियस और एन्कस मार्सियस हुए। अपने अपने समय में इन्होने मूलभूत और महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसमें कोमीटिया क्युरियाटा व सीनेट की स्थापना, पंचाग सुधार, धर्म संस्थानों की स्थापना कर रोमनों को धार्मिक शिक्षा प्रदान करना आदि शामिल है।

इसके बाद रोम पर एत्रस्कन जाति के शासकों का शासन शुरू हुआ। इस जाती के प्रथम शासक लूसियस तार्ककीनियस प्रिक्सीकस थे। हर नए सम्राट के साथ कुछ न कुछ बदलाव और उन्नति होती रही। और ऐसे ही रोम में ‘टस्की’ कहे जाने वाले अनार्य जाति एट्रस्कन को इटली के उन्नत सभ्यता के विकास के लिए जाना जाता है। एट्रस्कन राजा सर्वियस द्वारा कोमिटिया सेंचूरियाटा नामक संस्था की स्थापना की गयी जिस से रोमन शासन व्यवस्था में सामान्य जनों को भी भागीदारी का अवसर मिले।

इसके अलावा यही ऐसी जाति थी जिसने आर्यों को हराने के लिए भी जाना जाता है। जाति के अंतिम राजा हुए तारक्कीनियस, जिनके अत्याचारों से परेशान हो जनता ने 510 ईस्वीं पूर्व में विद्रोह किया और फिर उसके बाद गणतंत्र की स्थापना की। बताते चलें कि एट्रस्कन संस्कृति की जननी या पूर्ववर्ती विलानोवान संस्कृति को माना जाता हैं।

राजतंत्र में राजा देश के प्रधान सेनापति, प्रधान पुजारी और प्रधान नयायाधीश की जिम्मेदारी निभानी होती थी। किसी भी कार्य हेतु बिल कोमिटिया क्युरियाटा की बैठक में प्रस्तुत किया जाता था। इसके अलावा राजा के उत्तराधिकारी के चयन हेतु भी कोमिटिया क्यूरियाटा की मंजूरी आवश्यक थी। राजा सिर्फ अपने उत्तराधिकारी को मनोनीत कर सकता था लेकिन इसका निर्णय पूरी तरह से कोमिटिया क्यूरियाटा था। इससे हम समझ सकते हैं कि राजतंत्र में वंशानुगत शासन व्यवस्था नहीं थी।

गणतंत्र काल : Republic period

इसके बाद शुरुआत हुई गणतंत्र काल की। इस व्यवस्था में राजा की बजाए दो मजिस्ट्रेट और कॉउंसल नियुक्त किये जाते थे। इन्हे वो सभी शक्तियां प्राप्त थी जो एक राजा को प्रदान की जाती थी। इनका चयन एक वर्ष के लिए होता था और ये चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाता था। रोमन गणराज्य लगभग 464 सालों तक 509 ईसा-पूर्व से लेकर 45 ईसा-पूर्व तक चलता रहा। रोम को पहला गणराज्य होने का गौरव हासिल है। गणराज्य सरकार जटिल थी और और लिखित संविधान व कानून के अनुसार चलती थी। जैसे आज लोकतंत्र है उसी प्रकार उस समय भी सरकार के विभिन्न अंगों मध्य शक्तियों के संतुलन बनाया गया था।

साम्राज्य काल : imperial period

साम्राज्य काल की शुरुआत जूलियस सीजर के समय हुई थी। जब उसने 45 ई में रोम गणराज्य की शक्तियों को अपने अधिकार में कर लिया था कर स्वयं को एक तानाशाह के रूप में घोषित कर दिया। इसके बाद उसके उत्तराधिकारी, जिसका नाम ऑगस्टस था, वो रोम साम्राज्य का पहला शासक बना। रोमन साम्राज्य को रोमन गणराज्य का परवर्ती माना जाता है।

बता दें कि जब जूलियस सीज़र की सभी संतानों को ऑक्टेवियस द्वारा मारने के बाद मार्क अंटोनी को भी हरा दिया तो मार्क ने आत्महत्या कर ली थी। जिस के बाद रोमन सिनेट द्वारा ओक्टावियस को ऑगस्टस का नाम दिया गया था। जो आगे चलकर ऑगस्टस सीज़र के नाम से प्रथम शासक बना। बाद में सीजर एक पारिवारिक नाम की बजाए एक पदवी बन गया। अपनी सीमा तय करने के उद्देश्य से ऑक्टेवियन (ऑगस्टस) ने इल्लीरिया, मोएसिया, पैन्नोनिया और जर्मेनिया पर चढ़ाई के आदेश दिए। जिससे डैन्यूब और एल्बे नदी पर सीमा तय की जा सके। जिस का परिणाम ये हुआ कि उत्तर में राइन और डैन्यूब नदियाँ उसके साम्राज्यों की सीमा बन गईं।

टाइबेरियस जूलियस की तीसरी पत्नी की पहली शादी से हुआ पुत्र था, जो ऑगस्टस के बाद शासक के पद पर आसीन हुआ। बताया जाता है कि उसका शासन शांतिपूर्ण था। अगला शासक कैलिगुला था जिसकी सन 41 में हत्या कर दी गयी थी। इसके बाद क्लाउडियस शासक बना। और फिर अगला शासक नीरो था जिसने सन 58-63 के बीच पार्थियनों (फारसी साम्राज्य) के साथ सफलता पूर्वक शांति समझौता कर लिया। हालाँकि कुछ समय बाद सन 68 में उसने आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद सालभर तक रोम में अराजकता फैली रही। इसके बाद 69 से 96 तक फ्लाव वंश का शासन रहा।

रोम में संकट काल और पतन

फ्लाव वंश के पहले शासक वेस्पेसियन द्वारा अनेक सुधार कार्यक्रम चलाये गए। साथ ही उस ने कोलोसियम (एम्फीथियेटरम् फ्लावियन) के निर्माण की आधारशिला भी रखी। 96 से लेकर 180 तक के काल को 5 अच्छे सम्राटों का काल माना गया है। जिन्होंने रोम में शांतिपूर्ण शासन किया। सन् 180 में कॉमोडोस यानी मार्कस ऑरेलियस का बेटा शासक बना। उसके शासन में पहले शांति रही पर बाद में उसके खिलाफ़ विद्रोह और हत्या के प्रयत्न हुए। जिससे डरकर वो धीरे धीरे अत्याचारी बनता गया। सन 235 तक इन वंशों के समाप्त होने पर रोम में संकट काल आया।

रोम में आये संकट काल में साम्राज्य के अंदर ग्रृहयुद्ध की स्थिति आ गयी थी। साथ ही पूरब में फ़ारसी साम्राज्य भी शक्तिशाली होता जा रहा था। इसी के साथ सन 305 में कॉन्स्टेंटाइन के शासन की शुरुआत हुई। जिसके शासन काल में रोमन सामराज्य का विभाजन हो गया। सन 360 में साम्राज्य के पतन के साथ साथ कमजोर होता चला गया। वहीँ पूर्वी रोमन साम्राज्य सन् 1453 तक बना रहा।

Roman Empire से संबंधित प्रश्न उत्तर

रोमन साम्राज्य का प्रथम सम्राट कौन था?

Roman एम्पायर के पहले सम्राट ऑगस्टस (23 सितंबर 63 ईसा पूर्व – 19 अगस्त 14 ईस्वी) थे।

रोम क्यों प्रसिद्ध है?

Rome में बहुत सारे चर्च हैं, जिसके लिए रोम मशहूर है।

रोम (प्राचीन) के राजा कौन थे ?

प्राचीन रोम के पहले शासक के रूप में Romulus को जाना जाता है।

रोम की स्थापना कब हुई थी?

21 अप्रैल 753 इसा पूर्व

रोम के कितने सम्राट थे?

रोम की शुरुआत के प्रथम शासक ऑगस्टस (27 ईसा पूर्व) से अंत तक रोमुलस ऑगस्टस ( 476 ईस्वी) तक लगभग 70 रोमन सम्राट थे।

रोम का अंतिम सम्राट कौन था?

Rome का अंतिम राजा रोमुलस ऑगस्टस था जिसे पश्चिमी रोमन साम्राज्य के अंतिम सम्राट, ओडोएसर, एक जर्मन बर्बर, जो खुद को इटली का राजा घोषित करता है, द्वारा अपदस्थ किया गया था।

आज इस लेख के माध्यम से हमने आप को रोमन साम्राज्य का इतिहास से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक लेखों को पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।

रोमन साम्राज्य मुख्यतः कितने वर्गों में बांटा गया है?

उत्तर:- रोम साम्राज्य को मोटे तौर पर दो चरणों में बांटा जा सकता है जिन्हे पूर्ववर्ती और परवर्ती चरण कर सकते हैं ।

प्राचीन रोमन साम्राज्य कितने वर्गों में विभक्त था?

बात करें रोमन राजनीतिक इतिहास की तो इसे तीन युगों में बांटा गया है। ये हैं – राजतंत्र काल (753 -510 BC), गणतंत्र काल (510-27 BC) और साम्राज्य काल (27 BC to 476 AD) . रोम को सात पहाड़ियों का नगर कहा जाता है। इसकी वजह है कि रोम विश्व का प्रथम राज्य था कि मध्य इटली के टाइबर नदी के किनारे सात पहाड़ियों पर बसा हुआ था

रोमन साम्राज्य को कब और क्यों दो भागों में बांटा गया है?

रोमन साम्राज्य को कब और क्यों दो भागों में बाँटा गया ? उत्तर : 350-400 ई० पू० में शासन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए रोमन साम्राज्य को पूर्वी तथा , पश्चिमी दो भागों में बाँट दिया गया

रोमन समाज के प्रथम शासक कौन थे?

रोमन साम्राज्य के पहले सम्राट ऑगस्टस ने इस साम्राज्य में सत्ता में बैठे लोगों में बराबरी का एक विचार पेश किया था. रोम के पहले सम्राट ऑगस्टस सीज़र ने जो व्यवस्था शुरू की थी, उसमे, वह पीढ़ी दर पीढ़ी जूलियस क्लॉडियस सीज़र परिवार में ही सत्ता रखना चाहते थे.