हिंदी पत्र लेखन - हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) प्राचीनकाल से ही हमारे जीवन का प्रमुख हिस्सा रहा है। फिर चाहे वह व्यक्तिगत जीवन हो या फिर व्यावसायिक जीवन, हिन्दी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) की जरूरत अमूमन हर आम या खास इंसान को पड़ती है। इसके अलावा छोटी कक्षा के छात्रों को परीक्षा में हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) से जुड़ा प्रश्न महत्वपूर्ण अंकों के लिए पूछा जाता रहा है। ऐसे में हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) की जानकारी रखना हिंदी
भाषी क्षेत्र के निवासियों के लिए जरूरी भी है और उनकी जरूरत भी। इसके अलावा कई ऐसे छात्र भी होते हैं जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि हिंदी पत्र लेखन कैसे करें या फिर हिंदी पत्र लेखन के नियम क्या हैं आदि। ऐसे सभी लोगों की समस्या का सामाधान इस लेख से हो जाएगा क्योंकि हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) विशेष इस लेख में हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter format) से लेकर हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) के प्रकार तक की सम्पूर्ण
जानकारी उपलब्ध है। Show
मानव जाति हमेशा से सूचना के आदान-प्रदान के लिए अलग-अलग माध्यमों को ढूँढती रही है। इन्हीं विभिन्न माध्यमों में से एक माध्यम हिन्दी पत्र लेखन (hindi patra lekhan) का है। हालांकि आज के दौर में सूचना के आदान-प्रदान के कई तेज व सरल माध्यम उपलब्ध हैं, लेकिन इसके बावजूद भी हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) की लोकप्रियता व मांग में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई है। हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) एक जरूरी कौशल के साथ-साथ एक कला भी है, जहां सूचना भेजने वाले को अपने मन की बात को शब्दों में पिरोकर हिंदी पत्र लेखन के माध्यम से हूबहू, सूचना प्राप्त करने वाले तक पहुंचाना होता है। हिन्दी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) का कार्य उतना कठिन भी नहीं है क्योंकि हिंदी पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) की कुछ खास शैली या फिर कहें तो हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter format) मौजूद हैं, जिनका पालन कर कोई भी इंसान आसानी से हिंदी पत्र लेखन (letter writing in hindi) कौशल को निखार सकता है। आज के इस लेख के माध्यम से हिन्दी पत्र लेखन (letter writing in hindi) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी आपको प्राप्त होगी, जिससे हिंदी पत्र लेखन (letter writing in hindi) को लेकर आपकी सभी चिंताओं का समाधान हो जाएगा। इस दिशा में अब तक आप यह तो समझ चुके हैं कि पत्र लेखन का मुख्य कार्य क्या है या फिर यूं कहें कि हिन्दी पत्र लेखन क्या है, इसकी जानकारी आपको उपर्युक्त माध्यम से मिल चुकी है। इस कड़ी में आइए अब जान लेते हैं कि आखिर हिन्दी पत्र लेखन (letter writing in hindi) के कितने प्रारूप होते हैं : हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter format)हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter format) की अगर बात की जाए, तो यह मुख्यतः दो प्रारूपों में लिखी जाती है जोकि निम्नलिखित हैं -
नोट : हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter writing format) मुख्यतः दो ही तरह के होते हैं, औपचारिक और अनौपचारिक, लेकिन कई जगहों पर आपको इसके अलावा भी अन्य हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter writing format) देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, वे अन्य हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter writing format) भी इन्हीं दो पत्र लेखन प्रारूपों का हिस्सा होता है, जिसकी जानकारी इस लेख में आगे दी गई है। हिंदी में औपचारिक पत्र लेखन (formal letter format in hindi) हेतु सुझाव / हिंदी में अनौपचारिक पत्र के नियम (rule of writing formal letter in hindi) :एक समस्या ये है कि ज़्यादातर छात्र व आम लोगों को यह समझ नहीं आता कि हिंदी में पत्र लेखन कैसे करें (हिंदी में पत्र लेखन कैसे लिखें) या फिर कहें तो हिंदी में पत्र कैसे लिखें, ऐसे में छात्रों को हिन्दी में पत्र लेखन करते वक्त निम्नलिखित नियमों को ध्यान रखना चाहिए। इससे उन्हें हिंदी में औपचारिक पत्र लेखन में सहायता मिलेगी :
हिंदी में औपचारिक पत्र प्रारूप के उदाहरण (example of formal letter writing in hindi)अब तक आपने महत्वपूर्ण बिन्दुओं के माध्यम से जाना कि हिंदी में औपचारिक पत्र लेखन कैसे की जाती है (how to write formal letter in hindi)। अब यहाँ पर कुछ उदाहरणों जैसे कि प्रधानाध्यापक को छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र, प्रधानाध्यापक को आवेदन, ऑफिस में छुट्टी के लिए एप्लीकेशन (application for leave in office), ऑफिस छुट्टी के लिए आवेदन आदि के माध्यम से हिंदी में औपचारिक पत्र लेखन (formal letter in hindi) की आपकी समझ को और बेहतर करने की कोशिश की गई है। प्रधानाध्यापक को छुट्टी के लिए आवेदन / विद्यालय में छुट्टी के लिए आवेदन (application for leave to principal/ application for leave in school)सेवा में अबज उच्च माध्यमिक विद्यालय, दिनांक : 01.02.2022 विषय : दो दिनों की छुट्टी के संबंध में महोदय, सविनय विनम्र निवेदन है कि पिछले कुछ दिनों से मैं लगातार बुखार व जुकाम से पीड़ित हूँ। ऐसे में डॉक्टर ने मुझे परामर्श के तौर पर अगले दो दिनों तक आराम करने के निर्देश दिए हैं। इस कारण से दिनांक 02.02.2022 से लेकर दिनांक 04.02.2022 तक मैं कक्षा से अनुपस्थित रहूँगा। अतः श्रीमान से निवेदन है कि मेरे खराब स्वास्थ्य और चिकित्सीय परामर्श को ध्यान में रखते हुए, मुझे दो दिनों की छुट्टी देने की कृपा की जाए। इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा। आपका आज्ञाकारी ऑफिस में छुट्टी के लिए एप्लीकेशन / ऑफिस छुट्टी के लिए आवेदन (application for leave in office)सेवा में एसीटी इंटरनेशनल प्राइवेट
लिमिटेड दिनांक : 01.02.2022 विषय : भाई के विवाह हेतु कार्यालय से 09 दिनों का अवकाश महोदय, सविनय विनम्र निवेदन की मेरे छोटे भाई का विवाह अगले महीने की पाँचवी तारीख को तय हुआ है। इस कारण से मैं 28.02.2022 से लेकर 08.03.2022 तक कार्यालय में उपस्थित नहीं रह पाऊँगा। हालांकि मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि मेरी अनुपस्थिति से पहले ही मैं अपने सभी लंबित कार्यों को पूरा कर दूंगा। अतः श्रीमान से निवेदन है कि मुझे नौ दिनों की छुट्टी देने की कृपा की जाए। इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा। आपका विश्वासी प्रधानाध्यापक को शुल्क माफी के लिए आवेदन / विद्यालय में फीस माफ करने के लिए आवेदन (application for concession to principal/ application for fee concession in school)सेवा में अबज उच्च माध्यमिक विद्यालय, दिनांक : 01.02.2022 विषय : शुल्क माफ करने के संबंध में महोदय, सविनय विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 7 का छात्र हूँ। मेरे पिताजी एक निर्धन किसान हैं जो अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए खेतों में मजदूरी का कार्य करते हैं। हालिया महामारी की और काम न मिल पाने की वजह से उनपर कर्ज का बोझ बढ़ता ही चला गया। परिवार की बुरी आर्थिक स्थिति की वजह से इस वर्ष मेरे लिए विद्यालय का शुल्क भर पाना संभव नहीं हो पाएगा। मेरी पढ़ने की प्रबल इच्छा है और मैं कक्षा में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता आया हूँ। अतः आपसे निवेदन है कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मेरे इस वर्ष का विद्यालय शुल्क माफ करने का कष्ट करें। इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा। आपका आज्ञाकारी हिंदी में अनौपचारिक पत्र लेखन (informal letter hindi format) हेतु सुझाव / हिंदी में अनौपचारिक पत्र के नियम (rule of writing informal letter in hindi) :ज्यादातर छात्र व आम लोगों को यह समझ नहीं आता कि हिंदी में पत्र लेखन कैसे करें (हिंदी में पत्र लेखन कैसे लिखें) या फिर कहें तो हिंदी में पत्र कैसे लिखें, ऐसे में छात्रों को हिन्दी में पत्र लेखन करते वक्त निम्नलिखित नियमों को ध्यान रखना चाहिए :
हिंदी में अनौपचारिक पत्र प्रारूप का उदाहरण (example of informal letter writing in hindi)उपर्युक्त महत्वपूर्ण बिंदुओं व नियम के माध्यम से आपको बहुत हद तक यह समझ में आ गया होगा कि हिंदी में अनौपचारिक पत्र कैसे लिखा जाता है (how to write informal letter in hindi)। आपकी समझ को बेहतर बनाने के लिए नीचे अनौपचारिक पत्र लेखन के कुछ उदहारण (example of informal letter writing) दिए गए हैं जोकि विभिन्न विषय जैसे कि 'खेल का महत्व समझाते हुए छोटे भाई को प्रेरणादायक पत्र लिखें', 'विद्यालय की पुस्तक खरीदने के लिए पिता को पत्र लिखें' आदि पर लिखे गए हैं। हालांकि आपसे अनुरोध है कि आप निम्नलिखित पत्रों यानि अनौपचारिक पत्रों के उदाहरणों (example of informal letter writing in hindi) को जस का तस कॉपी न करें, बल्कि इन उदाहरणों की मदद से आप हिंदी में अनौपचारिक पत्र लेखन प्रारूप (informal letter format in hindi) को लेकर अपनी समझ विकसित करें, जिससे भविष्य में भी आपको हिंदी में अनौपचारिक पत्र लेखन (informal letter hindi format) में कभी समस्या नहीं आएगी। हिंदी में अनौपचारिक पत्र लेखन के उदहारण (example of informal letter writing) :खेल का महत्व समझाते हुए छोटे भाई को प्रेरणादायक पत्र लिखें (Write a letter to younger brother telling him the importance of sports) हाउस नंबर - 31, दिनांक : 25.08.2022 प्रिय अनुज, स्नेह और आशीर्वाद। आशा करता हूँ तुम ठीक होगे। कल तुम्हारे हॉस्टल वार्डन से फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि तुम अपनी पढ़ाई को लेकर काफी मेहनत कर रहे हो। जान कर प्रसन्नता हुई कि तुम अपनी पढ़ाई-लिखाई को लेकर इतने गंभीर हो। हालांकि उन्होंने मुझे जानकारी दी कि तुम खेलकूद में कभी हिस्सा नहीं लेते और न ही इसमें कभी कोई रुचि दिखाते हो, जोकि उनके साथ-साथ मेरे लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। अनुज, पढ़ाई जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा जरूर है, लेकिन खेलकूद भी जीवन का एक जरूरी हिस्सा है। खेलकूद से न सिर्फ इंसान शारीरिक रूप से मजबूत होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी उसके अंदर तरोताजगी आती है। यही नहीं इंसान के व्यक्तित्व के साथ-साथ उसके अंदर चारित्रिक गुणों का विकास भी खेलकूद से होता है। खेलकूद से इंसान के अंदर धैर्य, संयम, परिश्रम, खेल भावना आदि जैसे गुणों का स्वतः ही विकास होता जाता है जिसकी वजह से उसे न सिर्फ करियर में, बल्कि निजी जीवन में भी फायदा मिलता है। अतः मेरे प्यारे अनुज, जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लो। तुम्हारी चिट्ठी का इंतजार रहेगा। जब चिट्ठी लिखना तो यह जरूर बताना कि तुमने किस खेल में हिस्सा लिया और उससे तुमने क्या सीखा। बाकी माँ-बाबूजी और मैं यहां सकुशल हैं। तुम अपना खयाल रखना। तुम्हारा बड़ा
भाई विद्यालय की पुस्तक खरीदने के लिए पिता को पत्र लिखें। (Write a letter to father asking him money for school books)माउंट आबू उच्च विद्यालय छात्रावास, दिनांक : 25.08.2022 आदरणीय पिताजी, चरण स्पर्श, भगवान से यही मनोकामना है कि आप और माँ दोनों ही सकुशल हों। मैं भी यहाँ ठीक हूँ। पढ़ाई-लिखाई भी सुचारु ढंग से चल रही है। चूंकि बोर्ड परीक्षा सिर पर है इसलिए यहाँ का माहौल में आजकल काफी गंभीरता छाई हुई है। बोर्ड परीक्षा को लेकर जीतोड़ मेहनत जारी है और उम्मीद है कि इस बार आपलोगों के आशीर्वाद से अच्छे अंकों के साथ परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। पिताजी, विद्यालय के अध्यापक ने बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने हेतु पिछले वर्षों के परीक्षा प्रश्नपत्र को हल करने का सुझाव दिया है, जिसके लिए मुझे कुछ किताबों की जरूरत है जिनका कुल मूल्य 1260 रुपए है। आपके पैसे भेजते ही मैं अगले दिन बाजार से किताबें खरीद लाऊँगा। बाकी यहाँ सब कुशल-मंगल है। माँ को मेरा प्रणाम कहिएगा और छोटी को मेरा प्यार दीजिएगा। आपका सुपुत्र हम उम्मीद करते हैं कि उपर्युक्त हिंदी में अनौपचारिक पत्र लेखन के उदाहरणों (example of informal letter writing in hindi) से आपको अनौपचारिक पत्र लेखन के प्रारूप को हिंदी में (informal letter format in hindi) समझने में सहायता मिली होगी। पत्रों के प्रकार (Types of Letters)वैसे तो हिंदी में पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter writing format) मुख्यतः दो ही प्रकार के पत्र होते हैं - औपचारिक और अनौपचारिक, लेकिन इसके अलावा भी आपको कई और भी पत्र लेखन प्रारूप जानने, सुनने व देखने को मिल जाएंगे। हालांकि ये अन्य हिंदी पत्र प्रारूप (hindi letter writing format) भी इन्हीं दो पत्रों के अंतर्गत आते हैं, लेकिन इनकी जानकारी भी होनी जरूरी है। आम तौर पर हिंदी पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter writing format) में ज्यादा उपयोग में लाए जाने वाले पत्र प्रारूपों की जानकारी निम्नलिखित है -
अन्य कुछ हिंदी में पत्र लेखन प्रारूप (hindi letter writing format) जो लोकप्रिय हैं -
हिंदी पत्र लेखन के दौरान इन गलतियों से बचें
पत्र में क्या क्या लिखना जरूरी है और कैसे भेजते हैं?पत्र लेखन के शिष्टाचार को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के पत्रों को बधाई -पत्र, धन्यवाद - पत्र, शुभकामना पत्र, निमंत्रण पत्र और संवेदना - पत्र में बाँटा जा सकता है। मँगवाने के लिए किसी पुस्तक - विक्रेता को पत्र लिखते हैं, तब आप जानते हैं कि उस व्यक्ति के साथ आपके संबंध औपचारिक हैं ।
पत्र में क्या क्या लिखना जरूरी है?पत्र में भावनाओं को ऐसे व्यक्त करना चाहिए, जिसके भाव देखकर इसका प्रभाव पाठक पर पड़ सके। पत्र में लिखी गई भाषा बेहद सरल, और स्पष्ट होनी चाहिए ताकि पाठक को आसानी से समझ में आ सके। पत्र में मुख्य विषय के बारे में ही लिखना चाहिए, अनावश्यक बातों को पत्र में नहीं लिखना ही बेहतर है।
पत्र को कैसे भेजते हैं?लिफाफे पर डाक-प्रमाणित (UPC) लिख दें तथा नीचे प्राप्त कर्ता का पता आदि लिख दें । भेजने वाले यानी प्रेषक का भी पता लिखना उपयुक्त रहता है। एक अन्य कागज़ पर तारीख लिखें साथ ही UPC भी लिख दें। जिसे UPC भेजी जा रही है उसका पता लिखें तथा उसके नीचे पाँच रूपए का डाक टिकट लगाएं ।
किसी को पत्र कैसे लिखें?पत्र लेखन कैसे लिखते हैं? सरलता से पत्र लिखें – पत्र लेखन हमेशा सरल, सीधा और स्पष्ट भाषा में होना चाहिए । पत्र लेखन में कठिन शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए। पत्र लेखन में अपना उद्देश्य अच्छे से लिखें – पत्र में अपना उद्देश्य को अच्छे से समझाएं, उसमें किसी भी प्रकार की शंका या जिज्ञासा नहीं होनी चाहिए।
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