बलगम से परेशान है और इम्यूनिटी को मजबूत बनान चाहती हैं तो रोजाना कुछ देर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे जरूर करें। Show
क्या आप बलगम से परेशान है? दुनिया भर में सदियों से गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने का चलन रहा है और यह गले की खराश को ठीक करने और शांत करने के लिए एक प्रभावी इलाज और उपाय के रूप में सिद्ध हुआ है। यहां तक कि आजकल कोरोना वायरस से बचने के लिए गरारे करने की सलाह दी जा रही है। गरारे करने का अर्थ है अपने मुंह या गले में तरल रखना, अपने सिर को पीछे की ओर झुकाना और इसे अपने फेफड़ों से हवा के साथ उत्तेजित करना। यह प्रक्रिया ओरल कैविटी को साफ और बैक्टीरिया फ्री करने में मदद करती है और आपके श्वसन कैविटी में बलगम के निर्माण को दूर करती है। आइए इसके कुछ फायदों के बारे में आर्टिकल के माध्यम से विस्तार से जानते हैं। लेकिन इससे पहले इसे करने का तरीका जान लेते हैं। गरारे करने का तरीकासामग्री
तरीका
टिप्स
गरारे करने के फायदेगले में खराश को करता है ठीकगले में खराश को वैज्ञानिक रूप से 'ग्रसनीशोथ' के रूप में जाना जाता है। यह ग्रसनी की सूजन के अलावा और कुछ नहीं है (मुंह और नाक गुहा के पीछे गले का हिस्सा, अन्नप्रणाली और श्वासनली के ऊपर स्थित होता है)। गले में खराश दर्दनाक हो सकती है और विशेष रूप से निगलते समय जलन पैदा कर सकती है। गले में खराश आपके मुंह को ड्राई और खुजलीदार बना सकती है और इससे आपको बार-बार अपना गला साफ करने का मन करता है। दर्द और सूजन को करता है कमनमक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दांत दर्द, मसूड़ों से ब्लड आने और सूजन को कम करने में मददगार हो सकते हैं। नमक के पानी में हाइपरटोनिक गुण होते हैं और इसलिए दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। बैक्टीरिया को सतह पर लाता हैनमक का पानी कुछ बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है, लेकिन निश्चित रूप से सभी को नहीं मार सकता है, लेकिन बदले में यह बैक्टीरिया को गले की सतह पर ला सकता है, जब व्यक्ति गरारे करता है। एक बार जब बैक्टीरिया सतह पर आ जाते हैं, जब व्यक्ति गरारे करने के बाद इसे बाहर थूकता है तो बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं। Recommended Video
लुब्रिकेंट की तरह करता है कामखारे पानी के गरारे गले में नमी को बनाए रखने में मदद करते हैं और लुब्रिकेंट के रूप में काम करते हैं और गले में जलन को शांत कर सकते हैं। यह आस-पास के टिशू से नमी खींचकर आपके गले को चिकनाई युक्त रख सकता है। इम्यून सिस्टम को करता है मजबूतपानी की गर्मी नमक को घुलने में मदद करती है और गले में ब्लड फ्लो को बढ़ाती है जिससे इम्यून सिस्टम में तेजी आती है। इससे छोटी-मोटी बीमारियां आपके दूर रहती है। इसे जरूर पढ़ें:बार-बार गला हो रहा है खराब तो ये 3 देसी नुस्खे आएंगे काम सावधानी
यह सारे फायदे पाने के लिए आप भी गरारे कर सकती हैं लेकिन तरीका और सावधानियों के बारे में विचार करना बेहद जरूरी है। इस तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें। Image Credit: Freepik.com क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। नमक से कुल्ला करने से क्या होता है?नमक के पानी से कुल्ला करने से मौसमी बीमारियों जैसे- सर्दी, खांसी, गले में दर्द और जुकाम से राहत मिलती है। नमक के पानी से कुल्ला करने से मुंह के बैक्टीरिया खत्महो जाते हैं, जिससे इंफेक्शन नहीं फैल पाता और बीमारियों से बचाव होता है। गले की खराश दूर करने के लिए नमक के पानी से कुल्ला करना काफी फायदेमंद माना जाता है।
नमक के पानी से गरारे करने से क्या होता है?सर्दी व गले में खराश होने पर अगर गरारे किए जाएं तो इससे गले के दर्द में राहत मिलती है। गले में सूजन होने पर भी गरारे करने से बहुत फायदा मिलता है। टॉन्सिल्स होने पर गले में होने वाले असहनीय दर्द से भी गरारे करने से राहत मिलती है। दांतों में दर्द से राहत मिलती है, साथ ही मसूड़े में सूजन भी गरारे करने से कम होती है।
क्या आपको रोज नमक के पानी से गरारे करना चाहिए?सर्दी-जुकाम की समस्या के कारण या किसी प्रकार के इंफेक्शन की वजह से गले में खराश की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपके गले में सूजन, दर्द और बोलने में दिक्कत होती है। गले में खराश की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना नमक-पानी का गरारा करना चाहिए।
क्यों डॉक्टर गले में संक्रमण के दौरान नमक के घोल से गरारे करने की सलाह देते हैं?Solution : गले की इस बीमारी में गले की कोशिकाओं में जल एकत्र होने के कारण सूज आ जाती है। जब बीमार व्यक्ति नमक के गर्म विलयन से गरारे करता है तो बाह्य परासरण के कारण जल बाहर आ जाता है तथा सूजन कम होने के कारण रोगी को आराम मिलता है।
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