पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar

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पति की मौत पर संपत्ति पत्नी की:सुप्रीम कोर्ट

khaskhabar.com : बुधवार, 13 जनवरी 2016 7:46 PM

पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar
पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar
पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar
पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar

पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar

पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसले में व्यवस्था दी कि पति की मृत्यु के बाद यदि घर में कोई पुरूष सदस्य नहीं है, तो पूरी संपत्ति विधवा के नाम हो जाएगी। इसमें पुत्रियों का कोई हक नहीं होगा। यह व्यवस्था देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को मात्र चौथाई हिस्सा देने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। जस्टिस कुरियन जोसेफ व जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने कहा कि हिंदू कानून में महिलाओं के अधिकार, अधिनियम 1933 की धारा 8 (1) (डी) के प्रावधान में स्पष्ट हैं। अगर पति की मौत के बाद परिवार में कोई पुत्र वारिस नहीं है और पत्नी ही अकेली है, तो उस स्थिति में वह पूरी संपत्ति की मालिक होगी।

पुरुष की मौत के बाद संपत्ति पर पत्नी, बच्चे और मां-बाप के क्या हैं अधिकार?

shashank Jha1 | इकनॉमिक टाइम्स | Updated: Dec 31, 2019, 11:59 AM

जब एक पुरुष की मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति पर उसकी पत्नी, बच्चे और मां-बाप सभी का अधिकार होता है। कई बार नॉमिनी की वजह से स्थितियां बदल जाती हैं। वैसे नॉमिनी केवल केयर टेकर और ट्रस्टी की तरह होता है। हालांकि उसके भी कुछ अधिकार होते हैं।

पति की death के बाद पत्नी का अधिकार - pati kee daiath ke baad patnee ka adhikaar

नई दिल्ली
आर्थिक फैसले बहुत सोच समझ कर लिए जाते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आपके मन में कुछ ऐसे सवाल उठते हैं, जिनका जवाब आपको पता नहीं होता है। इन सवालों का जवाब इसलिए जरूरी है क्योंकि आपकी फ्यूचर प्लैनिंग बहुत हद तक इन जवाबों पर निर्भर होती है। ईटी वेल्थ के एक्सपर्ट्स से ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए हैं।

  1. मेरे भाई ने एक प्रॉपर्टी खरीदी जिसमें उन्होंने मां को नॉमिनी बनाया। उनकी मौत हो गई है और कोई वसीयत भी नहीं है। क्या उनकी पत्नी को संपत्ति में हिस्सा मिलेगा?
    नॉमिनी केवल केयर टेकर और ट्रस्टी की तरह होता है। अगर मालिक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को उसकी संपत्ति कानूनी मालिक को ट्रांसफर करनी होगी। हिन्दू सक्शेसन ऐक्ट के सेक्शन 10 के मुताबिक, मालिक की मौत हो जाने पर संपत्ति का बंटवारा सभी कानूनी उत्तराधिकारी के बीच होता है और इसमें विधवा भी शामिल होती हैं और उनका बराबर का अधिकार होता है। अगर मालिक अपने पीछे विधवा और लिनियल डिसेंडेंट को छोड़ जाता है तो विधवा का अधिकार एक तिहाई संपत्ति पर होता है। अगर लिनियल डिसेंडेंट नहीं है, लेकिन कोई नजदीकी है तो उसका भी आधा हक होता है। उस संपत्ति पर मां का भी आधा हिस्सा होगा।
  2. पिछले दिनों मेरे भाई की मौत हो गई और उनके बच्चे नहीं हैं। उन्होंने म्यूचुअल फंड और ईपीएफ में मां-बाप को नॉमिनी बनाया है। क्या उनकी विधवा पत्नी का इस पर हक है?
    नॉमिनी केवल केयर टेकर होते हैं और उनका सीधा-सीधा कानूनी हक नहीं बनता है। ईपीएफ से जो कुछ मिलेगा उस पर मां-बाप का भी हक होता है। म्यूचुअल फंड में अगर वसीयत के बिना मालिक की मौत हो जाती है तो यह केवल नॉमिनी को पास नहीं नहीं होगा। एमएफ की राशि पर सभी कानूनी उत्तराधिकारी का हक बनता है। इन्वेस्टमेंट में विधवा भी क्लेम कर सकती है।
  3. मेरे पिता ने कुछ साल पहले मेरे और भाई के नाम पर एक फ्लैट खरीदा था। पिता की मौत के बाद मैंने भाई को पैसे देकर पेपर अपने नाम करवा लिया। हाउसिंग सोसायटी ने भी मेरे नाम का शेयर सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। मैं अपने परिवार के साथ इस फ्लैट में रहता हूं और मेरी दो बेटियां हैं। पूर्वजों की संपत्ति पर हक के नाते उनका 50 फीसदी हिस्सा बनता है। क्या मैं अपने हिस्से का 50 फीसदी किसी एक बेटी को दे सकता हूं?
    अगर कानूनी रूप से डीड को जारी किया गया है और इसे रजिस्ट्रेशन ऐक्ट 1908 के सेक्शन 17 के तहत रजिस्टर किया गया है तो आप उस प्रॉपर्टी के असली मालिक हैं। यह आपकी निजी संपत्ति हुई और आप अपना हिस्सा किसी को भी देने के लिए स्वतंत्र हैं।

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पति की मृत्यु के बाद पत्नी को क्या करना चाहिए?

पति के घर से जाने के तुरंत बाद आपको अपने गहने या फिर श्रृंगार नहीं उतारना चाहिए। सामान्‍य तौर पर पति की मृत्‍यु के बाद विधवा महिलाएं ऐसा करती हैं। इसलिए सुहागिन महिलाओं के लिए ऐसा करना अच्‍छा नहीं माना जाता है।

पत्नी के क्या अधिकार है?

किसी भी मैरिड महिला को अपने पति की अर्जित की गई संपत्ति पर कोई अधिकार तब तक नहीं होता जब तक उसका पति जीवित रहता है या फिर अगर व्यक्ति तलाक दे देता है। आपको बता दें कि पहली पत्नी से तलाक के बाद या फिर पहली पत्नी की मृत्यु के बाद ही दूसरी पत्नी को अपने पति की संपत्ति में पूरा अधिकार मिलता है।

पति के मरने के बाद क्या होता है?

उस समय यम के दूत कर्ज लेकर मरने वाले का मांस काटकर कर्जदाता को देता है। लेकिन कर्ज का बोझ यहीं नहीं उतरता है। अगले जन्म में भी कर्ज पीछा करता है और उसे किसी ना किसी रूप में चुकाना पड़ता है।

पति के क्या क्या अधिकार है?

वह अपनी इस संपत्ति को बेच सकता है,गिरवी रख सकता है,वसीयत लिख सकता है,किसी को दान भी दे सकता है. इससे जुड़े सभी अधिकार उसके पास सुरक्षित होते हैं. पति के द्वारा अर्जित संपत्ति पर कोई महिला उसके जीते जी दावा नहीं कर सकती. यह पति के ऊपर निर्भर करता है कि वह अपनी संपत्ति में पत्नी को सहस्वामी के रूप में जोड़ दे.