पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते हैं? - prshth oorja se kya samajhate hain?

पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते हैं? - prshth oorja se kya samajhate hain?

पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते हैं? - prshth oorja se kya samajhate hain?

कुछ कीट जल की सतह पर 'चल' पाते हैं। इसका कारण पृष्ठ-तनाव ही है।

पृष्ठ तनाव (Surface tension) किसी द्रव का वह विशेष गुण जिसके कारण उनका मुक्त पृष्ठ एक खिंची हुई प्रत्यास्थ झिल्ली ( membrane ) की भांति व्यवहार करता है तथा कम से कम क्षेत्रफल घेरने का प्रयत्न करता है , द्रव के इस गुण धर्म को पृष्ठ तनाव कहते है ।

गणितीय रूप में, पृष्ठ के इकाई लम्बाई पर लगने वाले बल को द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, द्रव के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल की वृद्धि के लिये आवश्यक ऊर्जा को उस द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। इसका मात्रक बल प्रति इकाई लंबाई (जैसे न्यूटन/मीटर), या ऊर्जा प्रति इकाई क्षेत्र (जैसे जूल/वर्ग मीटर) है।

निर्धारण[संपादित करें]

तरल अणुओं के बीच लगने वाले बल (अन्तरा अणुक बल) सतह तनाव की इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। थोक तरल (एक निश्चित आयतन) में, प्रत्येक अणु समान रूप से हर दिशा में खींचा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप तरल के भीतर के अणुओं पर शून्य बल लगता है, पर किनारे वाले तरल अणुओं पर केवल अन्दर के अणुओं से बल लगता है, जिसके परिणामस्वरूप सतह के अणुओं को अन्य (अन्दर के अणु) अणुओं भीतर खींचते हैं। यह सतहों पर कुछ आंतरिक दबाव बनाता है और तरल को कम से कम क्षेत्र में अनुबंधित करने के लिए प्रयास करता है।

सतह तनाव तरल बूंदों के आकार के लिए जिम्मेदार है। हालांकि आसानी से विकृत हो जाने वाली पानी की बूंद, सतह परत के एकजुट बलों द्वारा एक गोलाकार आकार में खींच ली जाती है। परिणामस्वरूप गुरुत्वाकर्षण सहित सभी अन्य बलों के अभाव में लगभग सभी तरल पदार्थ की बूंदों पूरी तरह से गोलाकार होती है। गोलाकार आकृति के अनुसार आवश्यक सतह परत के तनाव को कम से कम minimize रखने का गुन होता है। (Laplace के समीकरण से) Ex. पारे की बुदॅ का गोल होना

पृष्ट तनाव का मान[संपादित करें]

पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते हैं? - prshth oorja se kya samajhate hain?

20 °C पर पृष्ठ तनाव
द्रव पृष्ठ तनाव

mN/m = 10−3 N/m में

n-पेन्टेन 16,00
n-हेक्जेन 18,40
एथनॉल 22,55
मेथनॉल 22,60
एसीटोन 23,30
बेन्जोल 28,90
एथिलग्लाइकोल 48,4
जल ( 80 °C) 62,6
ग्लीसरीन 63,4
जल (50 °C) 67,9
जल ( 20 °C) 72,75
पारा (18 °C) 471,00
पारा (20 °C) 476,00
गैलिन्स्तान (Galinstan , 20 °C पर) 718,0[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Ch. Karcher, V. Kocourek, D. Schulze: Experimental Investigations of Electromagnetic Instabilities of Free Surfaces in a Liquid Metal Drop. In: International Scientific Colloquium – Modelling for Electromagnetic Processing, 24.–26. März 2003. p. 105–110 (http://sci-toys.com/scitoys/scitoys/thermo/liquid_metal/oscillations_in_galinstan.pdf).

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • आसंजन
  • संसंजन
  • केशिका नली

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Concise overview of surface tension
  • On surface tension and interesting real-world cases
  • MIT Lecture Notes on Surface Tension
  • Theory of surface tension measurements
  • Surface Tensions of Various Liquids
  • Calculation of temperature-dependent surface tensions for some common components
  • The Bubble Wall[मृत कड़ियाँ] (Audio slideshow from the National High Magnetic Field Laboratory explaining cohesion, surface tension and hydrogen bonds)

पृष्ठीय ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?

अर्थात प्रति एकांक क्षेत्रफल पर अणुओं को अन्दर से पृष्ठ तक लाने में किया गया कार्य , जो अणुओं में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है , इस अतिरिक्त स्थितिज ऊर्जा के मान को उस द्रव की पृष्ठ उर्जा कहते है। पृष्ट ऊर्जा का SI मात्रक “जूल/मीटर 2” होता है तथा इसकी विमा [MT -2] होती है।

पृष्ठीय ऊर्जा क्या है इसका सूत्र लिखिए?

पृष्ठ तनाव में प्रति इकाई लंबाई या प्रति इकाई क्षेत्रफल में ऊर्जा का आयाम होता हैपृष्ठ तनाव की इकाई N/m हैपृष्ठ तनाव = बल /लंबाई (N/m)। इसका आयाम [M1L0T-2] है

पृष्ठ तनाव और पृष्ठ ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?

पृष्ठ तनाव एवं पृष्ठ ऊर्जा में संबंध माना एक मुड़े हुए तार पर एक झिल्ली बनी है जिसकी दो परतें हैं। यह झिल्ली पृष्ठ तनाव के कारण सिकुड़ने का प्रयास करती है। जहां T एक नियतांक है जिसे द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। नियत ताप पर द्रव पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल की स्थितिज ऊर्जा को ही द्रव की पृष्ठ ऊर्जा कहते हैं

पृष्ठ तनाव का मात्रक क्या होता है?

पृष्ठ तनाव का S.I. मात्रक न्यूटन/मीटर होता है. द्रव के पृष्ठ के क्षेत्रफल में एकांक वृद्धि करने के लिए, किया गया कार्य द्रव के पृष्ठ तनाव के बराबर होता है. इनके अनुसार पृष्ठ तनाव का मात्रक जूल/मीटर^२ होगा.