पशुपतिनाथ का मंत्र कौन सा है? - pashupatinaath ka mantr kaun sa hai?

पशुपतिनाथ मंदिर

मंदसौर का मुख्य आकर्षण भगवान पशुपतिनाथ मंदिर है। पशुपतिनाथ भगवान शिव का पर्यायवाची नाम है। इस कलात्मक मूर्ति का निर्माण चमकते हुए गहरे तांबे के उग्र चट्टान-खंड में हुआ है। मंदिर शिवना नदी के तट पर स्थित है।

इसका वजन 4600 किलोग्राम है। वक्रता में ऊँचाई 7.25 फीट और सीधी में 11.25 फीट है। इसके 8 सिर हैं जिन्हें वे दो भागों में विभाजित करते हैं। पहला भाग 4 शीर्ष पर और दूसरा भाग 4 शीर्ष तल में। शीर्ष 4 सिर स्पष्ट, परिष्कृत और पूर्ण हैं तो 4 नीचे के सिर परिष्कृत नहीं हैं।

इस मंदिर के चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं लेकिन प्रवेश द्वार पश्चिम में स्थित है। इस पुतले के सिर जो पश्चिम में स्थित हैं, भगवान शिव की भयावह छवि प्रस्तुत कर रहे हैं। इस सिर के मेकअप में तीन रास्प (नख) दिखाई देते हैं जो जहरीले सांपों के गोले के आकार के बालों में होते हैं, तीसरी आंख और उभरी हुई जेली होती है। केंद्र में उलझे हुए बाल सांपों से घिरे होते हैं जो सर्वनाश करने वाले ओम्कार होते हैं (वेद मंत्र जो ईश्वर के प्रतीक हैं)

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    अष्टमुखी शिवलिंग

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    पशुपतिनाथ जी की शाही सवारी.

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    छप्पन भोग

कैसे पहुंचें:

हवाई मार्ग

मंदसौर जिले मे कोई भी एयरपोर्ट नाही हैं ककिन्तु नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर और इंदौर हैं |

ट्रेन द्वारा

मंदसौर जिले के अलावा समीप मे स्थित रेल्वे स्टेशन शामगढ़ और रतलाम हैं|

सड़क के द्वारा

पशुपतिनाथ मंदिर की दूरी मंदसौर बस स्टॉप से 3 किलो मीटर हैं|

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पशुपतिनाथ का मंत्र कौन सा है? - pashupatinaath ka mantr kaun sa hai?

शिव मंत्र के जाप से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है.

मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा से अगर कोई शिवजी की पूजा अर्चना, मंत्र का जाप करते हैं तो शंकर भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं. हिंदू धर्म में भगवान शिव के मंत्रों को जाप करने के लिए कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 22, 2022, 06:41 IST

हाइलाइट्स

सच्ची श्रद्धा से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
शिव मंत्र के जाप से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है.
शिव मंत्र के जाप के लिए नियम शास्त्रों में बताए गए हैं.

Shiva Mantra: हिंदू धर्म में भगवान शिव को महादेव, पशुपतिनाथ, विश्वनाथ, शंकर, भोले नाथ, भैरव, शंभू आदि के नाम से भी जाना जाता है. देवों के देव महादेव को दया और करुणा के लिए भी जाना जाता है. मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा से अगर कोई शिवजी की पूजा अर्चना, मंत्र का जाप करते हैं तो शंकर भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि भगवान शिव को रिझाने के लिए शिव मंत्र का जाप किया जा सकता है. इन मंत्रों के जाप से ना सिर्फ भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, बल्कि जीवन में सुख और शांति का वास होता है.

भगवान शिव का मिलेगा आशीर्वाद
भगवान शिव के मंत्रों को सच्चे मन से जाप करने वाले भक्तों को महादेव आशीर्वाद देते हैं. हिंदू धर्म में भगवान शिव के मंत्रों को जाप करने के लिए कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है. जैसे सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. इसके बाद शिवजी के समक्ष बैठकर उनका ध्यान करना चाहिए. इसके बाद सच्ची श्रद्धा से शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए.

महादेव को प्रसन्न करने वाले मंत्र

ॐ नमः शिवाय

इस मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करने से व्यक्ति का मन, दिमाग शांत रहता है. इस मंत्र के जाप से महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

इस मंत्र को रुद्र मंत्र भी कहा जाता है. इस मंत्र के उच्चारण से आप शिवजी तक अपनी मनोकामनाएं पहुंचा सकते हैं.

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ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

यह शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र है. इस मंत्र के जाप से व्यक्ति भय, मृत्यु और नश्वरता से मुक्ति पा सकता है.

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!

शिव गायत्री मंत्र के जाप से व्यक्ति सुख और शांति प्राप्त कर सकता है.

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करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं |
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

शिवजी से क्षमाप्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है. कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से शिवजी प्रसन्न होकर भक्त को आशीर्वाद देते हैं.

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Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Lord Shiva, Religion

FIRST PUBLISHED : August 22, 2022, 06:41 IST

पशुपतिनाथ का मंत्र क्या है?

मम शिवप्रसाद प्राप्ति कामनया महेशनवमी-निमित्तं शिवपूजनं करिष्ये। इसके बाद शिवजी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। भगवान की फूल, बिल्वपत्र और गंध से पूजा करके फलों का भोग चढ़ाएं। इसके पश्चात शिवजी की आरती करें और भगवान का प्रसाद ग्रहण करें और भक्तों को भी प्रसाद वितरित करें।

पशुपतिनाथ की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ 1. ॐ नमः शिवाय।

पशुपतिनाथ व्रत की पूजा कैसे करनी चाहिए?

पशुपति व्रत की विधि तथा नियम :-.
इस उपवास को रखने का नियम यह है कि जिस सोमवार से यह उपवास रखना है उससे एक दिन पहले से ब्रह्मचर्य का पालन करें। ... .
स्नान के पश्चात पूजा की थाली बना लें जिसमें धूप-दीप, शमी पत्र, बेलपत्र, भांग धतूरा, मंदार पुष्प , पंचामृत आदि लेकर शिवजी के मंदिर जायें।.

पशुपतिनाथ के कितने व्रत करना चाहिए?

पशुपति व्रत करने के नियम- आपको पशुपति व्रत पांच सोमवार तक करना है। जी हाँ और आप इसे कोई से भी सोमवार से चालू कर सकते हो।