पीरियड्स यानी मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। वहीं पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या भी आम मानी जाती है। ऐसे में कई बार महिलाएं इसके लिए दर्द निवारक दवाइयों का उपयोग करती है, जो सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पीरियड में पेट दर्द का घरेलू इलाज लेकर आए है जो असरदार होने के साथ सुरक्षित भी हैं। इसके अलावा हम बताएंगे माहवारी के समय पेट में दर्द के कारण, लक्षण के साथ डॉक्टरी सलाह के बारे में। Show
पढ़ना शुरू करें लेख में सबसे पहले जानेंगे पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है।
पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है? What is Period Pain in Hindiपीरियड के समय होने वाले दर्द के कारण जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है। दरअसल, मेडिकल भाषा में पीरियड के समय दर्द की समस्या को डिसमेनोरिया कहा जाता है (1)। यह मुख्य तौर पर दो प्रकार का होता है। जिसमें पहला है प्राइमरी डिसमेनोरिया और दूसरा है सेकेंडरी डिसमेनोरिया। इन दोनों ही प्रकार में होने वाले दर्द के कारण भिन्न हो सकते हैं। पीरियड के समय कुछ महिलाओं को कमर में दर्द, पेट दर्द या फिर ऐंठन महसूस होने लगती है (2)। इस समस्या के पीछे कुछ निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जिसकी चर्चा हमने लेख के अगले भाग में विस्तार से की है। आगे पढ़ें माहवारी के समय पेट में दर्द क्या है जानने के बाद पीरियड में दर्द क्यों होता है। पीरियड्स के दर्द का कारण – Cause of Period Pain in Hindiजैसा कि हमने लेख में बताया कि मासिक धर्म के समय दर्द को दो भागों में बांटा गया है, प्राइमरी और सेकेंडरी डिसमेनोरिया। यहां हम इसी आधार पर पीरियड के समय दर्द के कारण की चर्चा कर रहे हैं (2):
हालांकि ये दर्द पीरियड से एक या दो दिन पहले शुरू होकर कुछ दिनों तक रहता है। वहीं कुछ महिलाओं में यह अधिक समय तक भी रह सकता है। आमतौर पर पीरियड्स के शुरुआती दौर में इस तरह का दर्द होता है। इसके बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है दर्द कम होते जाता है। वहीं बच्चे को जन्म देने के बाद कई बार ये दर्द ठीक भी हो सकता है।
वहीं, इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण होते हैं, जो मासिक धर्म के समय महिलाओं को होने वाले कमर दर्द, पेट दर्द या अकड़न की समस्या को अधिक पीड़ादायक बना सकते हैं। यहां हम उन्हीं सामान्य कारणों के बारे में बता रहे हैं:
स्क्रॉल करें पीरियड्स में पेट दर्द क्यों होता है जानने के बाद अब बारी है लक्षण की। पीरियड्स के दर्द का लक्षण – Symptoms of Period Pain in Hindiपीरियड के समय कमर में दर्द, पेट दर्द व ऐंठन के अलावा भी कुछ लक्षण होते हैं जो इस समय अनुभव होते हैं। जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (3):
अभी और है माहवारी के समय पेट में दर्द के लक्षण जानने के बाद मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के बारे में जानते हैं। मासिक धर्म के समय दर्द के घरेलू उपाय – Home Remedies for Period Pain in Hindiअब बारी है पीरियड में पेट दर्द का इलाज जानने का। नीचे हम कुछ खास घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है: 1. हीटिंग पैड यानी गर्म पानी का सेंकसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : पीरियड्स पेन रिलीफ टिप्स में सबसे पहले बात करेंगे हीटिंग पैड की, जो कि मासिक धर्म में होने वाले दर्द में राहत पहुंचा सकता है। शोध में पाया गया कि पीरियड के समय दर्द, ऐंठन को कम करने के लिए हीटिंग पैड का असर दर्द निवारक दवाइयों की तरह ही हो सकता है (4)। ऐसे में माना जा सकता है घरेलू उपचार के
तौर पर 2. हर्बल चाय (कैमोमाइल चाय, ग्रीन टी)कैमोमाइल चायसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : पीरियड में पेट दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए कैमोमाइल चाय का उपयोग भी किया जा सकता है। कैमोमाइल पर हुए शोध से पता चलता है कि इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन, मासिक धर्म संबंधी समस्या आदि के लिए किया जा सकता है (5)। इसके अलावा कैमोमाइल को एक प्राकृतिक एंटीस्पास्मोडिक के रूप में भी जाना जाता है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देने में मदद भी कर सकता है (6)। ग्रीन टीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : ग्रीन टी में एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसका उपयोग सूजन व दर्द से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए प्राकृतिक उपचार के तौर पर किया जा सकता है (7)। बता दें कि, कई बार पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों के सेवन की भी सलाह दी जाती है ( 8)। इस आधार पर मान सकते हैं कि पीरियड में होने वाली ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए ग्रीन टी का सेवन करना लाभकारी हो कर सकता है नोट : हालांकि एक दिन में इसकी कितनी मात्रा का सेवन करना है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं। 3. अदरकसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत पाने के लिए अदरक एक अच्छा और असरदार उपाय साबित हो सकता है (9)। इसके पीछे अदरक में मौजूद एनाल्जेसिक प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (10)। यही वजह है कि मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय में अदरक का उपयोग करना लाभकारी साबित हो सकता है। 4. तुलसीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : पीरियड में पेट दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर तुलसी का उपयोग भी किया जा सकता है। तुलसी पर हुए एक शोध से जानकारी मिलती है कि तुलसी में कई औषधीय गुण से समृद्ध होती है, जिनमें से एक एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण भी है (11)। इस आधार पर माना जा सकता है कि यह पीरियड के समय दर्द से राहत पाने में लाभकारी हो सकता है। 5. मेथीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : पीरियड के टाइम पेट दर्द का इलाज मेथी के जरिए भी किया जा सकता है। मेथी अपने एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुणों के लिए काफी लोकप्रिय माना जाता है, जो पीरियड क्रैम्प को कम करने में मददगार हो सकता है। यही नहीं इसके अलावा मेथी के बीज पीरियड के दौरान होने वाले लक्षणों जैसे थकान, सिरदर्द, मतली, उल्टी, ऊर्जा की कमी, बेहोशी में भी राहत पहुंचा सकता है। ऐसे में चाहे तो इस दौरान मेथी पाउडर का भी सेवन किया जा सकता है (12)। 6. सेंधा नमकसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : सेंधा नमक को मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में भी जाना जाता है (13)। जब सेंधा नमक त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाता है, तो यह पीरियड में होने वाले ऐंठन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें एनाल्जेसिक यानी दर्दनाशक गुण मौजूद होते हैं (14)। ऐसे में पीरियड में पेट दर्द के उपाय के रूप में सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है। 7. पपीतासामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : कई बार पीरियड्स के दौरान ठीक तरीके से ब्लड फ्लो न होने के कारण भी पेट में दर्द या ऐंठन होने लगती है। ऐसे में पपीते के सेवन से ब्लड फ्लो में सुधार आ सकता है और दर्द से राहत भी मिल सकता है। इसके अलावा, पपीते में मौजूद विटामिन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट गुण और अन्य पौष्टिक तत्व पीरियड्स के दर्द से राहत दिला सकते हैं (15)। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की समस्या हो सकती है (16)। 8. नींबू का जूससामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : शोध की मानें तो पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ आहार का सुझाव दिया गया है जिसमें नींबू को शामिल किया गया है (16)। वहीं नींबू में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं (17)। कई बार पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों के सेवन की सलाह भी डॉक्टर देते हैं ( 8)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि पीरियड में पेट दर्द के घरेलू उपाय में नींबू का जूस का सेवन किया जा सकता है। 9. एलोवेरा जूससामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : पीरियड के समय दर्द में एलोवेरा का जूस भी लाभकारी हो सकता है। एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है (18)। वहीं, पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए कई बार एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों के इस्तेमाल की भी सलाह दी जाती है ( 8)। इस आधार पर हम मान सकते हैं कि एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर एलोवेरा मासिक धर्म के समय दर्द में आराम दिला सकता है। 10. पैरों की मालिशपीरियड्स के दौरान दर्द के लिए कई बार मालिश भी फायदेमंद होती है। पैर में एक्यूप्रेशर पॉइंट होता है, जो पीरियड क्रैम्प से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह प्वाइंट टखने की हड्डी के ऊपर तीन उंगली की चौड़ाई पर स्थित होता है। अगर धीरे से अंगूठे और उंगलियों के साथ इस पॉइंट पर मालिश किया जाए तो पीरियड की ऐंठन और उनके लक्षणों जैसे सूजन, अनिद्रा व चक्कर आना जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। पैरों की इस मालिश को रिफ्लेक्सोलॉजी (Reflexology) कहा जाता है (19)। 11. दालचीनीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
नोट: अगर चाहें तो दालचीनी पाउडर की जगह साबुत दालचीनी का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर पीरियड्स अनियमित हैं, तो गर्म दूध में भी दालचीनी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। कैसे है फायदेमंद : पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी बेहतर घरेलू नुस्खों में से एक हो सकता है। शोध की मानें तो दालचीनी के तेल में एंटी इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो कि पीरियड के समय होने वाले दर्द को कम करने के उपचार के अलावा रक्तस्राव को कम करने में सहायक हो सकते हैं (20 )। हालांकि अगर दालचीनी का पानी नहीं पसंद, तो इसे सब्जी बनाते समय उपयोग कर सकते हैं। 12. एसेंशियल ऑयललैवेंडर ऑयलसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : लैवेंडर तेल में एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण मौजूद होता है, जिसके कारण यह मासिक धर्म की ऐंठन के इलाज में काफी प्रभावी हो सकता है (21)। शोध की मानें तो पीरियड में दर्द को कम करने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी के तौर पर प्रभावकारी हो सकता है (22 )। पुदीने का तेलसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : शोध की मानें तो पेपरमिंट ऑयल में मेन्थॉल होता है। पीरियड में होने वाले दर्द से राहत के लिए पेपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी या फिर मसाज के लिए किया जा सकता है (23 )। ऐसे में माना जा सकता है कि मासिक धर्म के समय दर्द से राहत पाने में पेपरमिंट ऑयल के फायदे देखे जा सकते हैं। 13. विटामिन डीसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे है फायदेमंद: विटामिन-डी जरूरी पोषक तत्व है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन को कम कर सकता है। इस हार्मोन का स्तर अधिक होने पर पीरियड्स के दौरान ऐंठन हो सकती है। हालांकि, अभी तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन विटामिन-डी की कमी कहीं न कहीं पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण हो सकती है। ऐसे में विटामिन-डी के सेवन से मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन में कमी आ सकती है (24)। अगर विटामिन-डी की दवाई नहीं लेना चाहते हैं, तो विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ मछली, पनीर, अंडे की जर्दी व संतरे का रस का सेवन कर सकते हैं ( 25)। जानें उपाय अब इस दर्द से बचने के लिए कुछ अन्य टिप्स भी जान लेते हैं। मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Period Pain in Hindiपीरियड के समय कमर में दर्द, पेट दर्द, ऐंठन से राहत पाने के लिए पेन किलर की जगह घरेलू उपचार आजमाना ज्यादा उपयुक्त है। वहीं इसके साथ ही अगर पीरियड्स के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए तो मासिक धर्म के समय दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। तो आइए जानते हैं पीरियड्स में होने वाले दर्द से बचाव के उपाय बारे में:
अभी बाकी है जानकारी अंत में जानें किन परिस्थितियों में लेनी चाहिए डॉक्टर से सलाह। कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह – When to Visit A Doctorमाहवारी के समय पेट में दर्द आम है, लेकिन कभी-कभी इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अब सवाल यह उठता है कि मासिक धर्म के समय कमर दर्द या ऐंठन होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए। नीचे हम आपको इसी बारे में विस्तार से बता रहे हैं:
आजकल पीरियड के समय दर्द लगभग हर महिला की परेशानी है, लेकिन ऊपर दिए गए घरेलू उपायों से मासिक धर्म के समय दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है। इसके अलावा, मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के साथ-साथ अगर सही खान-पान और सही दिनचर्या का पालन किया जाए, तो ये पांच दिन काफी आरामदायक हो सकते हैं। उम्मीद है यह आर्टिकल उपयोगी साबित होगा, ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज से। Frequently Asked Questionsअक्सर पूछे जाने वाले सवालपीरियड क्रैम्प के लिए सबसे अच्छी दवाएं कौन सी हैं? शोध की मानें तो एंटी-इंफ्लामेटरी दर्द निवारक दवाओं का सेवन गंभीर पीरियड क्रैम्प में किया जा सकता है। हालांकि इन दवाओं के कभी-कभी साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे पेट की समस्या (29)। । ऐसे में बेहतर होगा कि इन दवाइयों का सेवन डॉक्टरी सलाह लेने के बाद की करें। मुझे बिना पीरियड्स के ऐंठन क्यों होती है? कई बार बिना पीरियड्स के भी ऐंठन महसूस हो सकती है, लेकिन इसके पीछे कई अन्य चिकित्सकीय कारण हो सकते हैं जैसे आंत्र रोग सूजन, ओवरी में सिस्ट यानी गांठ आदि (30)। स्कूल में पीरियड के दौरान होने वाले ऐंठन को कैसे कम करें? स्कूल में पीरियड के दौरान होने वाले क्रैम्प्स यानी ऐंठन को कम करने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जा सकता है।
मैं गर्भवती नहीं हूं और मेरे पीरियड्स भी नहीं हैं फिर भी ऐंठन क्यों होती है? ऐंठन तब भी हो सकती है जब पीरियड्स न हों या फिर गर्भवती न हों। कई बार आंत्र रोग सूजन, ओवरी में सिस्ट यानी गांठ जैसी चिकित्सीय स्थितियां भी ऐंठन का कारण बन सकती हैं (30)। क्या पीरियड्स के दौरान दर्द में चॉकलेट राहत पहुंचा सकता है? हां, पीरियड्स के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। एक अध्ययन की मानें तो डार्क चॉकलेट पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (31)। पीरियड क्रैम्प्स और प्रेगनेंसी क्रैम्प्स में क्या अंतर है? पीरियड क्रैम्प्स व प्रेगनेंसी क्रैम्प्स दोनों में ऐंठन की समस्या ही होती है। पीरियड क्रैम्प्स एक या दो दिन पहले शुरू हो सकता है। यह आमतौर पर कुछ दिनों तक रहता है, हालांकि कुछ महिलाओं में यह अधिक समय तक चल सकता है (2)। वहीं प्रेगनेंसी में होने वाले क्रैम्प्स दूसरी तिमाही में इसकी शुरुआत हो सकती है (32)। वहीं, डिलीवरी के बाद यह समस्या आमतौर पर खुद खत्म हो सकती है (33)। पीरियड्स के दर्द के दौरान सोने की सबसे अच्छी पोजीशन कौन सी हैं? मान्यता है पीरियड्स के दर्द के दौरान फेटल पोजिशन सबसे अच्छी मानी जाती है। हालांकि इस दौरान हर किसी को अपनी आरामदायक अवस्था में सोना चाहिए। वहीं, अगर दर्द ज्यादा हो तो एक बार डॉक्टर से अवश्य सलाह ले लें। पीरियड्स में होने वाले दर्द में आचार का सेवन लाभकारी हो सकता है ? मासिक धर्म के समय कमर दर्द, पेट दर्द व ऐंठन से राहत पाने के लिए आचार लाभकारी हो सकता है। माना जाता है कि आचार का सेवन करने से पीरियड का दर्द कम हो सकता है। हालांकि डॉक्टरों की इस पर अलग राय है। आयुर्वेदिक चिकित्सक जिल गांधी की मानें तो आचार में ज्यादा नमक, मसाले और तेल मौजूद होते हैं जो कि पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकते हैं। पीरियड के समय दर्द से राहत पाने के लिए दही का सेवन कर सकते हैं? कई बार पीरियड्स में होने वाले दर्द का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकता है। ऐसे में पीरियड्स से पहले इनका सेवन करना लाभकारी माना जा सकता है। इन पोषक तत्वों में दही भी शामिल है। हालांकि डॉक्टर इस बात से ताल्लुक नहीं रखते। आयुर्वेदिक चिकित्सक जिल गांधी का मानना है कि मासिक धर्म से पहले और बाद में नियमित रूप से दही का सेवन करना ठीक है, मासिक धर्म के दौरान यह उपयुक्त नहीं है। संदर्भ
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पीरियड्स के दिनों में ऐंठन से बचने के लिए फेटल पोजीशन में सोना बहुत अच्छा है। यह स्थिति गर्भ में भ्रूण के होने जैसी होती है। मूलरूप से जब आप इस स्थिति में सोते हैं, तो आपके पेट के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। जिससे पेट को बहुत आराम मिलता है।
पीरियड्स में रिलैक्स फील कैसे करें?Happy Period Days: पीरियड्स के दर्द में भी खुश रहने के लिए करें ये 5 काम, मिलेगा आराम. एक्सरसाइज से होगा अच्छा महसूस. सिकाई करने से मिलता है आराम. शरीर को रखें हाइड्रेट. एक्टिव रहना भी है जरूरी. भरपूर आराम करें और नींद लें. घर पर पीरियड क्रैम्प से जल्दी कैसे छुटकारा पाएं?आप या तो एक गर्म पेन रिलीफ पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं या सही तापमान पर एक गर्म पानी के बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने पेट और पीठ के निचले हिस्से की हल्की मालिश करने से भी दर्द कम हो सकता है। कुछ हल्के व्यायाम करने की करें जो पेल्विक (श्रोणि) क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बेहतर करने में मदद करें।
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