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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता? आपसी लगाव और भरोसा प्रेम को मजबूत बनाते हैं। जिस तरह धागे के टूट जाने पर उसे जोड़ने पर उसमें गांठ आ जाती है, ठीक उसी तरह रिश्ता एक बार टूटने पर पहले जैसा नहीं रहता। रिश्ते बेहद नाजुक होते हैं। यह विश्वास और अपनेपन की बुनियाद पर टिके
होते हैं। एक बार अगर किसी रिश्ते में खटास पड़ गई तो उसमें पहले जैसी बात नहीं रह जाती। भले ही वो दुनिया का कोई भी रिश्ता क्यों न हो। कवि इस दोहे में यही समझाने का प्रयास कर रहा है कि रिश्तों में एक बार दरार आने पर वह कभी पहले जैसे नहीं रहते। Short Note निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए : Advertisement Remove all ads Solutionप्रेम को जब चटकाकर अर्थात बिना सोचे समझे झटके में तोड़ दिया जाता है तो उसे पुन: जोड़ने पर उसकी स्थिति पहले जैसी नहीं रहती है। प्रेम विश्वास की डोर से बँधा होता है। यह डोर टूटने पर पुन: नहीं जुड़ पाता। इसमें अविश्वास और संदेह की दरार पड़ जाती है, गाँठ पड़ जाती है और अतंर आ जाता है। Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 8: रहीम - दोहे - प्रश्न अभ्यास [Page 80] Q 1.1PrevQ 1.2 APPEARS INNCERT Class 9 Hindi - Sparsh Part 1 Chapter 8 रहीम - दोहे Advertisement Remove all ads प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भांति क्यों नही हो पाता?← Prev Question Next Question → 0 votes 27.1k views asked
Jul 18, 2018 in Hindi by Sakil Alam
(64.3k points) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भांति क्यों नही हो पाता?
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Jul 18, 2018 by Samim Ahamad (106k points) Best answer प्रेम का धागा एक बार टूटने के बाद उसे दुबारा जोड़ा जाए तो उसमे गाँठ पड़ जाती है। वह पहले की भाँती नही जुड़ पाती, इसमें अविश्वास और संदेह की दरार पड़ जाती है। ← Prev Question Next Question → Find MCQs & Mock Test
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... .प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है? (ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
प्रेम रूपी धागा टूट जाने पर क्या होता है?प्रेम का धागा संबंधों को जोड़ता है इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए रहीम जी कहते हैं कि प्रेम रूपी धागे को झटके से नहीं तोड़ना चाहिए। अगर इसमें एक बार गाँठ पड़ जाती है तो यह फिर नहीं जुड़ता और अगर जुड़ता भी है तो इसमें गाँठ पड़ जाती है अर्थात् प्रेम सम्बन्ध कठिनाई से बनते हैं।
एक बार प्रेम संबंध टूटने पर क्या होता है?यदि एक बार यह लगाव या विश्वास टूट जाए तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नहीं रहता। मन में दरार आ जाती है। जिस प्रकार सामान्य धागा टूटने पर उसे जब जोड़ते हैं तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। इसी प्रकार प्रेम का धागा भी टूटने पर पहले के समान नहीं हो पाता।
धागा टूट जाने पर यदि पुनः उसे जोड़ा जाए तो उसमें क्या परिवर्तन आएगा?Railways runs about 13,300 passenger trains and 9,200 freight trains covering around 7,200 stations daily.
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