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Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 7 > Hindi > Chapter > हम पंछी उन्मुक्त गगन के > पंखों की होड़ा-होड़ी से क्या त... लिखित उत्तर हमेशा उड़ते रहने की चाह एक-दूसरे से आगे बढ़ने की चाह पिंजरे को छोड़ने की चाह क्षितिज पाने की चाह Comments Add a public comment... Follow Us: Popular Chapters by Class: Class 6 AlgebraBasic Geometrical IdeasData HandlingDecimalsFractions Class 7 Algebraic ExpressionsComparing QuantitiesCongruence of TrianglesData HandlingExponents and Powers Class 8 Algebraic Expressions and IdentitiesComparing QuantitiesCubes and Cube RootsData HandlingDirect and Inverse Proportions Class 9 Areas of Parallelograms and TrianglesCirclesCoordinate GeometryHerons FormulaIntroduction to Euclids Geometry Class 10 Areas Related to CirclesArithmetic ProgressionsCirclesCoordinate GeometryIntroduction to Trigonometry Class 11 Binomial TheoremComplex Numbers and Quadratic EquationsConic SectionsIntroduction to Three Dimensional GeometryLimits and Derivatives Class 12 Application of DerivativesApplication of IntegralsContinuity and DifferentiabilityDeterminantsDifferential Equations Privacy PolicyTerms And Conditions Disclosure PolicyContact Us कविता… Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | Class 7 Text Book👇
प्रस्तावना -देखिए दोस्तों आजाद रहना किसे पसंद नहीं है? हर कोई आजादी में ही खुशी का अनुभव करता है| गुलामी के जीवन से परेशानियाँ ही मिलती है| मनुष्य का सोचे तो मनुष्य यहाँ पर किसी का गुलाम होकर रहना पसंद नहीं करता| उसी प्रकार इन प्राणिमात्र, जीव-जंतुओं को भी पराधीन रहना पसंद नहीं है| स्वतंत्रता में जीने से हमारा उत्साह बढ़ जाता है, मेहनत करने का हौसला दुगना हो जाता है| हम अपने अरमान अपनी इच्छा से पूरे कर सकते हैं| तो भला ये पंछी इससे अछूते कैसे रहेंगे| प्रस्तुत पाठ में वर्णित पंछी भी स्वतंत्र रहना चाहते है| अपने अरमानों को पूरा करना चाहते है| कवि शिवमंगल सिंह जी ने इस कविता के माध्यम से स्वतंत्रता की महत्ता प्रस्तुत की है| Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | सरल अर्थ अपनी भाषा में – कविशिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी ने ऐसे पंछी का चित्रण इस कविता में किया है जो की पिंजरे में बंद है और वह पंछी हमें बात रहा है कि – 1) हम खुले आसमान में विचरण करने वाले है हम इस पिंजरे में बंद होकर गा नहीं पाएँगे| अगर हमें इस पिंजरे में बंद करके रखा तो पिंजरे के बाहर निकलने की छटपटाहट में हमारे पंख सोने की तीलियों से टकराकर टूट जाएँगे| 2) पंछी आगे बताते है कि हम बहता जल पीने वाले है इसके बगैर हम भूखे-प्यासे मर जाएँगे, सोने की कटोरी में परोसी गई मैदा से तो जंगल में मिलने वाली नीम के पेड़ की निबौरी हमें अधिक प्रिय है| 3) हमें सोने की जंजीर में बांधकर रखा गया है इस कारण हम अपनी गति, उड़ान (कार्य क्षमता) सब भूल चुके है| अब हम पेड़ की ऊँची टहनी पर झूला झूलने का बस सपना ही देख सकते है| 4) हमारे मन की इच्छा तो यह थी कि हम उड़कर नीले आकाश की सीमा तक पहुँच जाते| और तो और इस जंगल में लाल किरण-सी चोंच से फलों के स्वाद लेते| 5) इस सीमाहीन क्षितिज के साथ हमारे पंखों की प्रतिस्पर्धा हम करते और इस स्पर्धा में एक तो हम क्षितिज तक पहुँच जाते अन्यथा अपने प्राण छोड़ देते| 6) इस चरण से पंछी मनुष्य से कहते है कि आपने हमें हमारे घोंसले नहीं दिए तो भी चलेगा और हमारा पेड़ की ठहनी पर जो आश्रय स्थान है वह भी नष्ट किया तो भी चलेगा पर इस प्रकृति ने हमें पंख दिए है तो हमारी आकुल उड़ान में बाधा मत बनो| Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | उद्देश्य -पंछियों को पिंजरे में बंद करके नहीं रखना चाहिए, साथ ही साथ किसी को भी गुलाम बनाकर नहीं रखना चाहिए| हर प्राणिमात्र स्वतंत्रता का हकदार होता है, उसे उसका हक मिलना आवश्यक है| इसी उद्देश्य के साथ कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी ने इस कविता की रचना की है| Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | प्रश्न 1. उचित विकल्प चुनकर निम्नलिखित सवालों के जवाब दीजिए| 1) कविता में वर्णित पंछी कहाँ के है? क) कनक पिंजरे के ख) उन्मुक्त गगन के ग) महलों के घ) पहाड़ों के 2) कनक-तीलियों से टकराने के बाद क्या होगा? क) सुवर्ण की प्राप्ति होगी ख) कनक-तीलियाँ टूट जाएंगी ग) पंछियों के पंख टूट जाएंगे घ) पिंजरा टूट जाएगा 3) पंछी कौन-सा जल पीते हैं? क) कनक कटोरी का ख) मटके का ग) बोतल का घ) बहता हुआ 4) पंछियों को मैदे से भी अच्छा क्या लगता है? क) काजू ख) सेब ग) निबौरी घ) कटोरी 5) सोने की शृंखला के बंधन के कारण पंछी क्या भूल जाते है? क) गति और उड़ान ख) पिंजरा और घर ग) खाना और बोलना घ) कटोरी और मैदा 6) पंछियों के क्या अरमान थे? क) पिंजरे में कैद रहने के ख) नीले आसमान की सीमा पाने के ग) कटोरी का मैदा खाने के घ) मालिक को अपनी आवाज में पुकारने के 7) पंछियों की चोंच किसके समान है? क) लाल के समान ख) किरण के समान ग) अनार के समान घ) दाने के समान 8) पंछियों के पंखों की होंडा-होड़ी किसके साथ होती? क) पिंजरे के साथ ख) मालिक के साथ ग) बाकी पंछियों के साथ घ) क्षितिज के साथ 9) नीड़ न दो, चाहे टहनी का आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो ऐसा पंछी क्यों कहते है? क) क्योंकि उन्हें किसी भी हालत में स्वच्छंद रहना हैं| ख) क्योंकि उन्हें किसी भी हालत में पिंजरे में रहना हैं| ग) क्योंकि उन्हें किसी भी हालत में घर में रहना हैं| घ) क्योंकि उन्हें किसी भी हालत में गुलाम रहना हैं| 10) पंखों से पंछी क्या करना चाहते हैं? क) मालिक को खुश करना चाहते हैं| ख) पिंजरे का दरवाजा खोलना चाहते हैं| ग) आकुल उड़ान भरना चाहते हैं| घ) पंख उठाकर नमस्ते करना चाहते हैं| उत्तर :- 1) ख 2) ग 3) घ 4) ग 5) क 6) ख 7) ख 8) घ 9) क 10) ग Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | कविता से Class 7 Text Book👇
प्रश्न 2. निम्नलिखित सवालों के जवाब लिखिए| 1) हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते? उत्तर :- पक्षियों को पिंजरे में कैद करके रखा जाता है| वहाँ पर उन्हें बिल्कुल स्वतंत्रता नहीं मिलती, उड़ने की आजादी नहीं मिलती| पक्षी तो उन्मुक्त गगन में अर्थात खुले आसमान में उड़ान भरना चाहते है| खुले आसमान में गाना, बहते नदी का जल पीना, नीम के पेड़ की कटुक निबौरी खाना, पेड़ की फुनगी अर्थात डाली पर झूलना, नीले नभ की सीमा तक जाना, अलग-अलग ऋतुओं में आनेवाले फलों का मजा चखना, क्षितिज मिलन करना यही बातें पक्षियों को पसंद है| पिंजरे में बंद रहेंगे तो वे अपनी उड़ान, अपनी गति वे भूल जाएंगे| इसलिए पंछी हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पिंजरे में बंद रहना नहीं चाहते | 2) पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं? उत्तर :- पक्षी उन्मुक्त रहकर खुले आसमान में उड़कर गाने की, नदी-झरनों का जल पीने की, नीम के पेड़ की कटुक निबौरी खाने की, पेड़ की ऊँची डाली पर झूलने की, नीले नभ की सीमा पाने की, अलग-अलग फलों का मजा चखने की, सीमाहीन क्षितिज से होड़ा-होड़ी करने की, क्षितिज तक पहुँचने की, खुले आसमान में आकुल उड़ान भरने की इच्छा पक्षी पूरी करना चाहते है| 3) भाव स्पष्ट कीजिए – या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी| उत्तर :- उपर्युक्त पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहते है कि, पंछी खुले आसमान में उड़कर क्षितिज से होड लेना चाहते है| मतलब वे क्षितिज की सीमा तक पहुँचने की स्पर्धा करना चाहते है| किसी भी हालत में क्षितिज तक पहुँचना ही उनका लक्ष्य है और इस होड में पंछी एक तो क्षितिज तक पहुँच जाएंगे नहीं तो प्राणांत हो जाएंगे| Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | Apani Bhasha | Hum panchi unmukt gagan ke | कविता से आगे 1) बहुत से लोग पक्षी पालते हैं – (क) पक्षियों को पालना उचित है या नहीं? अपने विचार लिखिए| उत्तर :- कुछ लोग पक्षियों को पालते है लेकिन मेरे विचार से पक्षियों को पालना सर्वथा अनुचित है| जिस प्रकार मनुष्य कैद रहना पसंद नहीं करता उसी प्रकार पक्षी भी स्वतंत्र रहना पसंद करते है, गुलामी का जीवन किसी को भी पसंद नहीं है| मनुष्य को कैद किया तो वह चिल्ला-चिल्लाकर बोल सकता है, पक्षी तो मुक होते है लेकिन उनकी भावनाओं को समझना चाहिए और उन्हें खुला ही रखना चाहिए, उन्हें खुले आसमान में उड़ना ही पसंद है, उसी में उनकी प्रसन्नता है| (ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए| उत्तर :- आज-कल कोई पक्षियों को पालता नजर नहीं आता पर हाँ कुछ साल पहले हमारे गाँव के एक लड़के ने कबूतर पाला था| शुरुआत में वह उस कबूतर का बहुत खयाल रखता था| जहाँ भी जाता कबूतर को साथ लेकर जाता| कबूतर हमेशा उसके कंधे पर बैठा रहता पर यह सिलसिला कुछ ही दिन तक सीमित रहा| कबूतर उड़ ना जाए इसलिए उस लड़के ने उसके छोटे पंखों को निकाल दिया था इस कारण कबूतर उड़ नहीं पाता था| बाकी उड़ते पंछियों को देखकर कबूतर मायूस होकर बैठ जाता था| जैसे-जैसे दिन बीतते गए कबूतर कमजोर होता गया और एक दिन वह कबूतर मर गया| 2) पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आजादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है| इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए| उत्तर :- पक्षियों को पिंजरे में बंद करके रखना ही एक बुरी बात है| उससे उनकी आजादी समाप्त हो जाती है| अपनी इच्छाएँ उन्हें छोड़नी पड़ती है| मायूसी की जिंदगी उनके नसीब में आ जाती है| उसके साथ-साथ पक्षियों के बंधन से पर्यावरण भी प्रभावित होता है| पर्यावरण को संतुलित रखने में पक्षियों का सहयोग भी बड़ा होता है| पक्षी, साथ ही साथ हर जीव-जंतु आहार शृंखला को नियमित करते है| जैसे घास को कीड़ा खाता है, कीड़े को चूहा खाता है, चूहे को साँप खाता है, साँप को पक्षी खाता है और यदि पक्षी न हो तो यह आहार शृंखला टूट जाएगी और उसका विपरीत परिणाम पर्यावरण पर होगा| Apani Bhasha | Hum pamchi unmukt gagan ke | question and answer | Hum panchi unmukt gagan ke | ज्यादा जानकारी के लिए इस विडिओ को देखे 👇 |हम पंछी उन्मुक्त गगन के| आप को ये blog कैसा लगा कमेन्ट जरूर कीजिए| apani bhasha के इस ब्लॉग को शेयर जरूर करें| शायद आप को यह भी पसंद आए CBSE Class 8th
Hindi – वसंत भाग – 3 Chapter No. 1 ‘ध्वनि’
Solution पंखों की होडा होडी का पक्षी क्या परिणाम सोचता है?अर्थात पंछी कहना चाहते हैं कि इस सीमाहीन क्षितिज के साथ हम अपने पंखों की प्रतिस्पर्धा करते हैं और हम इस प्रतिस्पर्धा में उस सीमाहीन क्षितिज तक पहुंच जाते हैं, नहीं तो हम अपने प्राण छोड़ देते हैं। स्पष्ट है कि पक्षी सीमाहीन क्षितिज के साथ अपने पंखों की होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं।
होड़ा होड़ी होने का क्या अर्थ है?होड़ा-होड़ी शब्द का अर्थ है एक-दूसरे से आगे बढ़ जाने की कोशिश करना।
पक्षियों के पंख कैसे हैं Class 7?पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
सोने के पिंजरे की सलाखों से टकराकर क्या होगा?व्याख्या-पिंजरे में बंद पक्षियों का कहना है कि हम खुले आकाश में विचरण करने वाले पक्षी हैं। हम पिंजरे में बंद होकर नहीं रह सकते। सोने के पिंजरे की सलाखों से टकरा - टकराकर हमारे कोमल पंख टूट जाएँगे । वास्तव में कवि ने पक्षियों के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्त्व को दर्शाना चाहा है।
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