नर तथा मादा जनन तंत्र में क्या अंतर है? - nar tatha maada janan tantr mein kya antar hai?

 मानव में जनन तंत्र – यह दो प्रकार के होते है नर जनन तंत्र एवं मादा जनन तंत्र आज हम इसके बारे में देखेगे की नर जनन तंत्र में कोनसे अंग होते है और मादा जनन तंत्र में कोनसे आज उन अंगो के बारे में थोडा विस्तार से जानेंगे ताकि आपको आसानी से समज आ सके की मानव में जनन तंत्र किस प्रकार से होते है और उनका क्या नाम होता है और किस तरह से कार्य करते है।

नर जनन तंत्र

नर में पाए जाने वाले प्रमुख जनन अंग निम्न प्रकार हैं।

  1. वृषण –  यह संख्या में 2 होते हैं इनका प्रमुख कार्य नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करना होता है यह नर हार्मोन टेस्टेस्टिरोन को  स्त्रावित करते हैं जो नर के द्वितीय लेंगिक लक्षणों का निर्धारण करते हैं ।
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    नर जनन तंत्र
  2.   वृषण कोष –  उधर गृह के आवरण में गिरे वृषण कोष  स्थिर होते हैं  वृषण कोष का ताप शारीरिक ताप से 2-3  डिग्री सेंटीग्रेड कम होता है जो शुक्राणुओं के परिपक्व में सहायक है ।  
  3. सेमिनोफेरस नलिकाए – वृषण में उपस्थित कुंडलित नलिकाए जो शुक्र जनन के लिए उतरदायी है । इन्ही के मध्य लेंडिंग या अंतराली कोशिकाए पायी जाती है  टेस्टेस्टोरेन का निर्माण करती है । 
  4. एपिडाइडेमिस – इससे सरचना में नलिकाए खुलती हैं यहां शुक्राणुओं के परिपक्वन करने के लिए वातावरण मिलता है शुक्र वाहिनी में प्रवेश करने से पहले शुक्राणु इसमें सुरक्षित किए जाते हैं।
  5. शुक्र वाहिनी – शुक्राणु का संग्रहण शुक्र वाहिनी में किया जाता है तथा एपीडाएडेमीस को शुक्राशय से जोडने का कार्य करती है
  6. मूत्रमार्ग- यह यहां नलिका मूत्राशय से मूत्र एवं शुक्र वाहिनी से शुक्राणुओं को उत्सर्जित करती हैं।
  7. शुक्राशय – शुक्राशय के उच्च ऊर्जा स्त्रोत के के रूप में फ्रक्टोज नामक शर्करा पाई जाती है शुक्राशय से स्त्रावित तरल पदार्थों से मिलकर शुक्राणु वीर्य का निर्माण करते हैं जिसकी प्रकृति क्षारीय होती है।
  8. प्रोटेस्ट ग्रंथि – प्रोटेस्ट ग्रंथि में हल्का क्षारीय द्रव उपस्थित रहता है जो जननांगो के अन्य वातावरण को उदासीन करता है प्रोटेस्ट ग्रंथि मूत्राशय के नीचे स्थित होती है।
  9. काउपर्स ग्रंथि-  इसका कार्य मूत्र के अम्लीय प्रभाव को अपने क्षारीय स्त्राव द्वारा उदासीन करना है।

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General Science In Hindi

मादा जनन तंत्र

मादा के मूत्र मार्ग एवं जनन मार्ग में कोई संबंध नहीं होता है मादा में पाए जाने वाले प्रमुख जनन अंग निम्न प्रकार के हैं ।

  1. अंडाशय – यह मादा जनन तंत्र है यह संख्या में 2 होते हैं तथा मादा युग्मको का निर्माण करते हैं जिन्हें अंडाणु कहते हैं इससे मादा हार्मोन एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन स्त्रावित होता है । जो मादा में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों एवं ऋतु स्त्राव के लिए उत्तरदाई हैं यह लक्षण लैंगिक लक्षण कहलाता है ।
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    मादा जनन तंत्र
  2. अंडवाहिनी – निषेचन की क्रिया अंडवाहिनी मैं संपन्न होती है यह नलिकाकार रचनाएं फैलोपियन नलिकाए भी कहलाती है । इनका कार्य अंडाशय से अंडे को गर्भाशय तक पहुंचाना है। इनके अंडाशय के समीप खुलने वाले भाग में अंगूलिनुमा प्रवर्ध पाए जाते हैं जिन्हे फिम्ब्री कहां जाता है इनका कार्य अंडे को अंड वाहिनी में धकेलना है।
  3. गर्भाशय – निषेचन के पश्चात युग्मनज गर्भाशय में आता है यहां प्रसव के समय तक भ्रूण का समस्त विकास होता है। गर्भाशय की भित्ति लचीली होती है
  4. माहवारी- यह स्वाभाविक प्रक्रिया है जो 11 से 14 वर्ष की आयु के बीच आरंभ होती है। एक माहवारी के रक्त स्त्राव के पहले दिन से दूसरे माहवारी के रक्तस्त्राव के पहले दिन तक के समय को मासिक चक्र कहते हैं। यह सामान्यतः 28 दिन का होता है। महावारी 42 से 50 वर्ष की आयु के मध्य अनियमित हो जाती है। तथा बाद में पूर्ण रूप से बंद हो जाती है इस अवस्था को रजोनिवृत्ति कहते हैं।

साथियों यह कुछ जानकारी थी मानव में जनन तंत्र नर जनन तंत्र एवं मादा जनन तंत्र के बारे में अगर कुछ बताना बाकि रह गया है तो आप निचे कमेन्ट करे हम उस टॉपिक को अवश्य जोड़ेगे

नर जनन तंत्र और मादा जनन तंत्र में क्या अंतर है?

नर युग्मक एवं मादा युग्मक के संलयन द्वारा जनन को लैंगिक जनन कहते हैं। → अंडाशय, अंडवाहिनी एवं गर्भाशय मादा के जनन अंग हैं। नर के जननांग हैं: वृषण, शुक्राणु नली एवं शिश्न। शुक्राणु कहते हैं।

नर और मादा में जनन कैसे होता है?

दोनो मानव जनन तंत्र में लैंगिक अंग तथा जनन ग्रंथियां पाई जाती है। नर में प्राथमिक जनन अंग को वृषण तथा मादा में प्राथमिक जनन अंग को अंडाशय कहते हैं, साथ ही इन दोनों में सहायक लैंगिक अंग भी मौजूद होती है जो युग्मकों के परिपक्वन, पोषण तथा परिवहन में सहायक होते हैं।

नर जनन अंग कितने प्रकार के होते हैं?

Solution : जनन तंत्र उन अंगों का समूह होता है जो संतानोत्पत्ति में सहायता करते हैंनर के जनन अंग निम्नलिखित हैं (1) वषण, (2) शक्राणु नलिका, (3) शिश्न।

मादा जनन तंत्र क्या होता है?

यह जनन तंत्र स्त्रियों के श्रोणि या पेल्विक में भाग (Pelvic Region) में स्थित होता हैं। इस तंत्र में अंडाशय (ovaries), अंडवाहिनी(Fallopian Tube), गर्भाशय (uterus), योनि (vagina) तथा बाह्य जननांग (Outer genital) शामिल है।