निम्नलिखित यौगिकों में से कौन सा अम्ल है? - nimnalikhit yaugikon mein se kaun sa aml hai?

शुद्ध जल (H2O) रासायनिक यौगिक का एक उदाहरण है। अणु का गेंद-और-छड़ी-मॉडल (ball-and-stick model) में देख सकते हैं कि जल के अणु के दो हाइड्रोजन (सफेद) और एक आक्सीजन (लाल) किस प्रकार स्पेस में विन्यस्त हैं।

जब भिन्न तत्त्वों के दो या दो से अधिक परमाणु एक निश्चित अनुपात में संयोजित होते हैं , तब रासायनिक यौगिक का एक अणु प्राप्त होता है । किसी रासायनिक यौगिक के घटकों को भौतिक विधियों द्वारा सरल पदार्थों में पृथक् नहीं किया जा सकता है । उन्हें पृथक् करने के लिए रासायनिक विधियों का प्रयोग करना पड़ता है। जल , अमोनिया , कार्बन डाइऑक्साइड , चीनी आदि यौगिकों के कुछ उदाहरण हैं।

Chemistry of Very Important Formulas S. G. P Students 2022-23[संपादित करें]

जल - H2O

भारी जल - D2O

आक्सीजन — O2

नाइट्रोजन — N2

हाइड्रोजन — H2

कार्बन डाइऑक्साइड — CO2

कार्बन मोनोआक्साइड — CO

सल्फर डाइऑक्साइड — SO2

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड — NO2

नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड (नाइट्रिक ऑक्साइड) -- NO

नाइट्रोजन ऑक्साइड (नाइट्रस ऑक्साइड) -- N2O

क्लोरीन -- Cl2

हाइड्रोजन क्लोराइड—HCl

अमोनिया -- NH3

मैग्निज। डाइऑक्साइड-MnO2

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल -- HCl

सल्फ्यूरिक अम्ल -- H2SO4

सल्फ्यूरस अम्ल -H2SO3

नाइट्रिक अम्ल -- HNO3

फॉस्फोरिक एसिड -- H3PO4

कार्बोनिक एसिड -- H2CO3

नाइट्रस अम्ल -- HNO2

सोडियम हाइड्राक्साइड—NaOH

पोटेशियम हाइड्राक्साइड—KOH

कैल्शियम हाइड्राक्साइड—Ca(OH)2

सोडियम क्लोराइड — NaCl

सोडियम कार्बोनेट — Na2CO3

कैल्शियम कार्बोनेट -- CaCO3

कैल्शियम सल्फेट -- CaSO4

अमोनियम सल्फेट -- (NH4)2SO4

नाइट्रेट पोटेशियम—KNO3 tru

व्यावसायिक नाम -- IAPUC नाम -- अणु सूत्र

संगमरमर -- कैल्शियम कार्बोनेट --CaCO3

चुने का पत्थर-- कैल्शियम कार्बोनेट --CaCO3

चाक -- कैल्सियम कार्बोनेट -- CaCO3

अंगूर का सत -- ग्लूकोज -- C6H12O6

एल्कोहल -- एथिल एल्कोहल -- C2H5OH

कास्टिक पोटाश -- पोटेशियम हाईड्राक्साईड -- KOH

खाने का सोडा -- सोडियम बाईकार्बोनेट -- NaHCO3

चूना -- कैल्सियम आक्साईड -- CaO

जिप्सम -- कैल्सियम सल्फेट -- CaSO4। 2H2O

टी.एन.टी. -- ट्राई नाईट्रो टाॅलुईन -- C6H2CH3(NO2)3

धोने का सोडा -- सोडियम कार्बोनेट -- Na2CO3

नीला थोथा -- कॉपर सल्फेट -- CuSO4

नौसादर -- अमोनियम क्लोराईड -- NH4Cl

फिटकरी -- पोटैसियम एलुमिनियम सल्फेट -- K2SO4Al2(SO4)3। 2 4H2O

बुझा चूना -- कैल्सियम हाईड्राक्साईड -- Ca(OH)2

मंड -- स्टार्च -- C6H10O5

लाफिंग गैस -- नाइट्रस ऑक्साइड -- N2O

लाल दवा -- पोटैशियम परमैगनेट -- KMnO4

लाल सिंदूर -- लैड परऑक्साइड -- Pb3O4

शुष्क बर्फ -- ठोस कार्बन-डाई-आक्साईड -- CO2

शोरा -- पोटैशियम नाइट्रेट -- KNO3

सिरका -- एसिटिक एसिड का तनु घोल -- CH3COOH

सुहागा -- बोरेक्स -- Na2B4O7। 10H2O

स्प्रिट -- मैथिल एल्कोहल -- CH3OH

स्लेट --Clay या सिलिका एलुमिनियम आक्साईड -- Al2O32SiO2। 2H2O

हरा कसीस -- फैरिक सल्फेट -- Fe2(SO4)3

यौगिक के प्रकार यौगिक दो प्रकार के होते है :-

(i) कार्बनिक यौगिक

(ii) अकार्बनिक यौगिक

(i) कार्बनिक यौगिक :- यह यौगिक कार्बन के द्वारा बना होता है । इसलिए कार्बन के यौगिक को कार्बनिक यौगिक के रूप में माना जाता है । ज्यादा से ज्यादा कार्बनिक यौगिक में हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा इसके साथ- साथ विभिन्न प्रकार का तत्व पाया जाता है । कार्बन यौगिक हमेशा सहसंयोजक बंधन द्वारा बनता है ।

कार्बनिक यौगिक को पिघलने या उबलने का समय बहुत ही कम रहता है । यदि कार्बनिक यौगिक को कुचालक या सुचालक के बारे में कहाँ जाये तो कार्बनिक यौगिक ज्यादा से ज्यादा विधुत के कुचालक होते है । यह यौगिक सभी प्रकार के जीवित प्राणी में पाया जाता है । इसलिए कृतिम विधि द्वारा इसे निकाला जा सकता है ।

(ii) अकार्बनिक यौगिक :- इसे आमतौर पर रासायनिक यौगिक कहाँ जाता है । जिसमें कार्बन नहीं पाया जाता है । जिसके कारण कार्बन बॉन्ड का आभाव होता है ।

बुनियादी ऑक्साइड :- इसे बनने की प्रारम्भ, जब धातु ऑक्सीजन के साथ संयुक्त हो जाती है । यह सवभाविक एंव औधोगिक रूप से बन सकता है । हाइड्रोऑक्सीड को प्राप्त करने के लिए, पानी को ऑक्साइड से जोड़ा जाता है ।

एसिड ऑक्साइड एंव एनहाइड्रिड : गैर धात्विक तत्वों के साथ ऑक्सीजन को मिलने पर जो परिणाम प्राप्त होती है । वह एसिड ऑक्साइड के अंतर्गत आता है । जब हाइड्राइड बनाने की बात आती है । तो कुछ धात्विक तत्व के साथ हाइड्रोजन जोड़ा जाता है । जिसे जोड़ने के बाद हाइड्राइड प्राप्त होता है ।

एसिड: इसका अणु हाइड्रोजन से शुरू होता है । इसे भी निम्न प्रकार से विभाजन किया जा सकता है:-

हाइड्रोजन और अन्य प्रकार के धातु से बने हाइड्रैसिड्स, तथा ऑक्सीकाइड्स जो तैयार होता है । वह एक हाइड्राजाइड प्लस ऑक्सीजन होता है । read more

अम्ल एक रासायनिक यौगिक है, जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। इसका pH मान 7.0 से कम होता है। जोहान्स निकोलस ब्रोंसटेड और मार्टिन लॉरी द्वारा दी गई आधुनिक परिभाषा के अनुसार, अम्ल वह रासायनिक यौगिक है जो प्रतिकारक यौगिक (क्षार) को हाइड्रोजन आयन (H+) प्रदान करता है। जैसे- एसीटिक अम्ल (सिरका में) और सल्फ्यूरिक अम्ल (बैटरी में). अम्ल, ठोस, द्रव या गैस, किसी भी भौतिक अवस्था में पाए जा सकते हैं। वे शुद्ध रूप में या घोल के रूप में रह सकते हैं। जिस पदार्थ या यौगिक में अम्ल के गुण पाए जाते हैं वे (अम्लीय) कहलाते हैं। मानव आंत्र में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अधिकता से होने वाली बीमारी को अम्लता या एसीडिटी कहते हैं। अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है

अम्ल के कुछ गुण निम्नलिखित हैं- 1 अम्ल का PH मान 7 से कम होता है। 2 अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल करता है। अम्ल जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन आयन देता है।

अम्ल एवं क्षारक (परिचय एवं इतिहास)[संपादित करें]

अम्ल (ऐसिड) उन पदार्थों को कहते हैं जो पानी में घुलने पर खट्टे स्वाद के होते हैं (अम्ल = खट्टा), हल्दी से बनी रोली (कुंकम) को पीला कर देते हैं,तथा इनका जलीय विलयन नीले लिटमस पेपर को लाल करता है। अधिकांश धातुओं पर (जैसे जस्ते पर) अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं, और क्षारक को उदासीन (न्यूट्रल) कर देते हैं। मोटे हिसाब से क्षारक (बेस) उन पदार्थों को कहते हैं जिनका विलयन चिकना-चिकना सा लगता है (जैसे बाजा डिग्री सोडे का विलयन), स्वाद कडवा होता है, हल्दी को लाल कर देते हैं और अम्लों को उदासीन करते हैं। उदासीन करने का अर्थ है ऐसे पदार्थ (लवण) का बनाना जिसमें न अम्ल के गुण होते हैं, न क्षारक के।

लवाज़िए ने (1770 ई. में) आक्सीजन के गुणों का अध्ययन करते समय देखा कि कार्बन, गंधक और फ़ास्फोरस सदृश तत्व जब आक्सीजन में जलते हैं तब उनसे बने आक्साइड जल के साथ मिलकर अम्ल बनाते हैं। वे इस परिणाम पर पहुँचे कि अम्लों में आक्सीजन रहता है और अम्लों की अम्लीयता का कारण आक्सीजन है। इसी कारण इस गैस का नाम "आक्सीजन" पड़ा, जिसका अर्थ होता है "अम्ल बनानेवाला पदार्थ" तथा इसी कारण जर्मन भाषा में आक्सीजन को "सायर स्टफ़" अर्थात् अम्ल पदार्थ कहते हैं।

लवाज़िए ने ही अम्लों को दो वर्गों, अकार्बनिक अमलों और कार्बनिक अम्लों में विभक्त किया था। पीछे देखा गया कि कुछ तत्वों के आक्साइड पानी में घुलकर अम्ल नहीं बल्कि क्षार बनाते हैं और कुछ अम्लों में आक्सीजन बिलकुल नहीं होता। बर्टीले ने सन् 1787 में हाइड्रोसाइएनिक अम्ल, डेवी ने सन् 1810-11 में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और सन् 1813 में हाइड्रियोडिक अम्ल का आविष्कार किया। इनमें से किसी में आक्सीजन नहीं है।

आगे चलकर देखा गया है कि जो पदार्थ बिलकुल सूखे होते हैं, उनमें कोई अम्लीय अभिक्रिया नहीं होती। तब लोगों ने अम्लों को दो वर्गों में विभक्त किया, एक हाइड्रो-अम्ल और दूसरा आक्सी-अम्ल। पीछे सन् 1815 में डेवी ने सुझाव रखा कि अम्लों की अम्लीयता आक्सीजन के कारण नहीं, वरन् हाइड्रोजन के कारण है। डूलांग ने सन् 1815 में आक्सैलिक अम्ल का अध्ययन किया और इस परिणाम पर पहुँचे कि आक्सीजनवाले और बिना आक्सीजनवाले अम्लों में कोई भेद नहीं है।

अम्लों में कोई ऐसा गुण नहीं है जिसे हम अम्लों का विशिष्ट लक्षण कह सकें। साधारण गुण ऊपर बताए जा चुके हैं। अम्ल और धातु की अभिक्रिया में अम्ल के अणु का एक, या एक से अधिक, हाइड्रोजन परमाणु धातुओं, धातुओं के आक्साइडों, हाइड्रोक्साइडों अथवा कार्बोनेटों से विस्थापित हो जाता है।

ऐसे भी कुछ अम्ल हैं जो खट्टे होने के बदले मीठे होते हैं। ऐसा एक अम्ल ऐमिडो-फोस्फरिक अम्ल है। कुछ ऐसे भी अम्ल हैं जो क्षारहर नहीं होते। कुछ ऐसे भी क्षार हैं जिनका हाइड्रोजन धातुओं से विस्थापित हो जाता है। फिटकरी अम्ल नहीं है। इसमें विस्थापित होनेवाला कोई हाइड्रोजन भी नहीं है। पर यह स्वाद में खट्टा और क्रिया में क्षारहर होता है। यह नीले लिटमस को लाल भी कर देता है। इसी प्रकार सोडियम बाईसल्फाइड खट्टा और क्षारहर होता है। यह नीले लिटमस को लाल करता है। इसमें विस्थापित होनेवाला हाइड्रोजन भी है, पर यह अम्ल नहीं है। मिथेन अम्ल नहीं है, पर इसका हाइड्रोजन जस्ते से विस्थापित हो जाता है और इस प्रकार ज़िंक डाइमेथिल बनता है जो लवण नहीं है।

अत: अम्ल की कोई संतोषप्रद परिभाषा अब तक नहीं दी जा सकी है। आयन सिद्धांत के आधार पर यदि हम अम्लों की परिभाषा देना चाहें तो कह सकते हैं कि अम्लों में हाइड्रोजन आयनों का रहना अत्यावश्यक है।

सिलवियन ने सन् 1659 में पहले पहल अम्लों और क्षारकों में विभेद किया था। रूल ने सन् 1774 में क्षारक नाम उस पदार्थ को दिया जो अम्लों के साथ मिलकर लवण बनाता है। आजकल क्षारक उन आक्सीजन वाले पदार्थों को कहते हैं जो अम्लों के पूरक होते हैं। क्षार धातुओं, क्षारीयमृदा धातुओं और अन्य धातुओं के आक्साइड और वे सभी वस्तुएँ क्षारक हैं जो अम्लों के साथ मिलकर लवण बनाती हैं। आरंभ में क्षारक केवल उन धातुओं अथवा धातुओं के आक्साइडों के लिए व्यवह्रत होता था जो लवणों के "बेस" या आधार थे। लवणों के क्षारक आवश्यक अवयव हैं।

क्षारक वास्तव में ऐसे पदार्थ हैं, जो अम्ल के साथ मिलकर लवण एवं जल बनाते हैं। उदाहरणत:, जिंक आक्साइड सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ मिलकर ज़िंक सल्फेट और जल बनाता है, दाहक सोडा सल्फ़्यूरिक अम्ल के साथ मिलकर सोडियम सल्फेट और जल बनाता है। धातुओं के आक्साइड सामान्यत: क्षारक हैं। परन्तु इसके अपवाद भी हैं।

क्षारकों में धातुओं के आक्साइड और हाइड्राक्साइड क्षारक होते हैं। क्षार धातुओं के आक्साइड जल में शीघ्र घुल जाते हैं। कुछ धातुओं के आक्साइड जल में कम विलेय होते हैं और कुछ धातुओं के आक्साइड जल में तनिक भी विलेय नहीं हैं। कुछ अधातुओं के हाइड्राइड, जैसे नाइट्रोजन और फास्फोरस के हाइड्राइड (क्रमश: अमोनिया और फास्फीन) भी भस्म होते हैं।

यौगिकों में कौन अम्ल है?

सही उत्तर HCl विलयन है।

निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक है?

Detailed Solution हाइड्रोजन सल्फाइड: हाइड्रोजन सल्फाइड अणु हाइड्रोजन और सल्फर के रासायनिक संयोजन से बनता है। स्पष्टीकरण: तो, हाइड्रोजन सल्फाइड का गठन केवल H2S अणुओं द्वारा किया जाता है। यह एक यौगिक है

निम्नलिखित में कौन योगिक बनता है जब?

यौगिक ऐसा पदार्थ है जो तब बनता है जब दो या दो से अधिक रासायनिक तत्व रासायनिक रूप से बंधे होते हैं। अमोनिया फॉर्मूला NH3 के साथ नाइट्रोजन और हाइड्रोजन का एक यौगिक है जो रंगहीन गैस है।