गर्दन की नस पर नस चढ़ जाए तो क्या करें? - gardan kee nas par nas chadh jae to kya karen?

Nerve Treatment मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। जिस हिस्से की मांसपेशियों में खिचाव है उस जगह की तुरंत मसाज करें दर्द से राहत मिलेगी।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बिना इलाज के छोटी सी परेशानी भी बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। नस पर नस का चढ़ना एक छोटी सी परेशानी है लेकिन अगर इसे नजरअंदरा कर दिया जाए तो ये आपको लंबे समय तक बीमार कर सकती है। कई बार काम करते समय या फिर मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। नस पर नस चढ़ने की स्थिति दो तरह की हो सकती है। पहली स्थिति में आपको तत्काल दर्द होग और ठीक हो जाएगा। जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है।

अक्सर जांघ, पैर, हाथ, गर्दन, बाजू, पेट, पस्लियों के आस-पास की नस पर नस चढ़ती है। जब भी बॉडी के जिस अंग की नस पर नस चढ़ती है तो प्रभावित मांसपेशियों का हिस्सा 15 मिनट तक के लिए सख्त हो जाता है। उस हिस्से पर कुछ दर्द की दवाई लगाने से राहत भी मिल जाती है। आइए जानते है कि नस पर नस चढ़ने का क्या कारण है और इसका उपचार कैसे किया जाए।

नस पर नस चढ़ने का कारण:

  • ये बीमारी कई कारणों से होती है जैसे बॉडी में पानी की कमी होना
  • खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम की कमी होना
  • मैग्नीशियम की मात्रा का कम होना
  • अधिक शराब पीना
  • शुगर या पौष्टिक आहार की कमी के कारण
  • अधिक तनाव लेना
  • गलत पॉश्चर में बैठना
  • कई बार नसों के कमजोर होने से भी नस पर नस चढ़ जाती है।

इस बीमारी से कैसे बचा जाए:

  • अगर पैर की नस पर नस चढ़ती है तो सोते समय पैरों के नीचे तकिया रख कर सोए।
  • जिस जगह ये परेशानी हुई है वहां दिन में तीन बार कम से कम 15 मिनट तक बर्फ की सिकाई करें।
  • तनाव वाली मासपेशियों पर आहिस्ता से मालिश करें आपको जल्द राहत मिलेगी।
  • जिस तरफ खिंचाव है उसी तरफ की हाथ की उंगुली के नाखून और स्किन के बीच के भाग को दबाएं। उसे तब तक दबा कर रखें जब तक आपकी नस उतर ना जाए।
  • नस चढ़ने पर उस हिस्से को स्ट्रेच करें। जब आप स्ट्रेचिंग करते हैं, तब आपकी मांसपेशी जिस तरफ खिंची होती है, उससे उल्टी तरफ खिंचने लगती है। ध्यान रखें कि ज्यादा तेज से स्ट्रेचिंग नहीं करें।
  • नस पर नस चढ़ने पर थोड़ा सा नमक मुंह में रखे, कुछ देर तक नमक को चाटने से आप खुद फर्क महसूस करेंगे।
  • बॉडी में पोटाशियम की मात्रा में कमी होने पर ही नस पर नस चढ़ती है। ऐसे में आप दर्द से छुटकारा पाने के लिए केले का सेवन करें।
  • नस में खिंचाव वाली जगह की तेल से मसाज करे। इससे खून का दौरा बढ़ जाता है और दर्द से राहत मिलती है।
  • आमतौर पर नस पर से नस खुद उतर जाती है लेकिन आपके साथ ये परेशानी अक्सर रहती है तो डॉक्टर से संपर्क करें। 

                          Written By Shahina Noor

Edited By: Shilpa Srivastava

नस चढ़ती है तो प्रभावित मांसपेशियों का हिस्सा 15 मिनट तक के लिए सख्त हो जाता है। आइए जानते है कि नस पर नस चढ़ने का क्या कारण है और इसका उपचार कैसे किया जाए।

कभी-कभी कुछ छोटी-मोटी स्वास्थ्य परेशनियां हो जाती हैं। कुछ ऐसी परेशानी हैं जिनका समय पर इलाज न किया जाए घातक बन जाती हैं। दरअसल शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कई तरह की बीमारियां होती है। इसके पीछे कई और अन्य कारण भी हो सकते हैं। जिसमें खान-पान, तनाव और लाइफस्टाइल प्रमुख रूप से जिम्मेदार है।

ऐसी ही एक अचानक से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है नस का खिंच जाना। कई बार रात को सोते समय या काम करते समय या फिर मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। देखने और सुनने में यह समस्या भले ही छोटी और आम लगे लेकिन कई बार इसके कारण बहुत ही असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है।

अक्सर जांघ, पैर, हाथ, गर्दन, बाजू, पेट, पस्लियों के आस-पास की नस पर नस चढ़ती है। रात में सोते समय कंधे, गर्दन और हाथ पैरों में अचानक नस चढ़ जाता है, जो हमारी अगली सुबह को खराब कर देती है। वहीं सोते हुए नस का खिंच जाना आम बात है। लेकिन आपको बता दें यह समस्या शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण होती है। आइए जानते हैं-

मांसपेशियों में खिंचाव क्यों होता है?

आपको बता दें कि यह समस्या आमतौर पर शरीर में पानी की कमी होने कारण हो जाती है। इसके अलावा
खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम की कमी होने कारण भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। वहीं अन्य कारणों में शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा का कम होना, अधिक शराब पीना या शुगर या पौष्टिक आहार की कमी के कारण भी नस खिंचने की समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई बार अधिक तनाव लेने और गलत पॉश्चर में बैठने से भी नस पर नस चढ़ जाती है।

नस में खिंचाव हो तो क्या करना चाहिए?

जब भी नस खिंच जाए तो घरेलू उपचार के तौर पर कम से कम 3 से 15 मिनट तक प्रभावित जगह पर बर्फ की सिकाई करें। इसके अलावा नस चढ़ने पर किसी भी तेल को हल्का गुनगुना कर लें और उससे हल्के हाथों से प्रभानित जगह की मालिश करें। कई बार सोडियन की कमी से भी नस चढ़ने की परेशानी हो सकती है। इसलिए आवश्यकतानुसार नमक का सेवन करते रहना चाहिए।

नसों की ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?

विटामिन सी, आयरन और शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण भी सोते समय नस, पैर और कंधे की नसें चढ़ जाती हैं। ब्लड सेल्स के जरिए शरीर के अलग-अलग अंगों में हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है, जो शरीर के संचालन के लिए जरूरी प्रक्रिया है।

इसलिए नसों को मजबूत करने और उनकी ताकत के लिए नींबू, टमाटर, सिट्रस फल, फूलगोभी, ब्रोकली, पालक जैसे हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आम, चुकंदर, अंगूर, अमरूद, सेब, हरी सब्जियां, गुड़ आदि का सेवन करना चाहिए। जबकि आयरन की कमी को पूरा करने के लिए पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, बींस और नट्स, गेंहू, ड्राई फ्रूट्स और ब्राउन राइस आदि खाना चाहिए।

गर्दन में नस चढ़ जाए तो कैसे ठीक करें?

Pinched Nerve remedies: शरीर की नस दबने से हो रहा है गंभीर दर्द?.
आराम करें शरीर के कई हल्के दर्दों से राहत पाने के लिए आपको पर्याप्त आराम करना चाहिए। ... .
ठंडा और गर्म सेक ... .
स्पलिंट ... .
मालिश करना ... .
पोश्चर ठीक करें.

गर्दन में नस दबने से क्या होता है?

गर्दन के आस पास की हड्डियों और मांसपेशियों द्वारा किसी भी तंत्रिका पर अत्यधिक दबाव डाले जाने के कारण नस दब जाती है जिससे अनेक समस्याएं विकसित होने लगती हैं। गर्दन की नस दबना एक असहज स्थिति होती है और इस दबाव के कारण तंत्रिका के कार्य में बाधा पड़ जाती है जिससे दर्द और सुन्नता की तकलीफ हो जाती है।

गर्दन की नसों में खिंचाव क्यों होता है?

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे ऊंचे तकीये के ऊपर सिर रखना, हार्ड गद्दे पर सोना या फिर रात में सोते समय नींद में गर्दन टेढ़ी हो जाना. इसके अलावा जब आप कम्यूटर या लैपटॉप पर एक ही पोजीशन में घंटों बैठकर काम करते हैं तो इससे भी आपकी गर्दन में अकड़न आ सकती है.

जब गर्दन अकड़ जाए तो क्या करें?

सरसों या लेवेंडर के तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश करें, इससे गर्दन दर्द बहुत हद तक कम हो सकता है। यदि गर्दन में दर्द हो रहा है तो दर्द वाली जगह पर गर्म पानी से सिकाई करें। इससे राहत मिल सकती है।