निम्न में से किस अवसर पर विशिष्ट परिधान की आवश्यकता नहीं होती है - nimn mein se kis avasar par vishisht paridhaan kee aavashyakata nahin hotee hai

परिधान जिसे पहनावा भी कहते है ऐसे वस्त्र होते हैं जिन्हें शरीर पर पहना जाता है। कपड़ों का पहनना ज्यादातर मनुष्यों तक ही सीमित हैं और लगभग सभी मानव समाजों की विशेषता है। परिधान की मात्रा और प्रकार शरीर के प्रकार, सामाजिक और भौगोलिक विचारों पर निर्भर करते हैं। कुछ कपड़े लिंग-विशिष्ट हो सकते हैं। कपड़े ठंड या गर्म परिस्थितियों के खिलाफ इस्तेमाल किये जा सकते हैं। इसके अलावा वे शरीर से संक्रामक और विषाक्त पदार्थों को दूर रखने के लिए एक स्वच्छ बाधा प्रदान करते हैं। कपड़े पहनना सामाजिक नियम भी है। दूसरों के सामने कपड़ों से वंचित होना शर्मनाक हो सकता है। सार्वजनिक जगहों में इतने कम कपड़े पहनना कि जननांग, स्तन या नितंब दिखाई दे, तो उसे अश्लील प्रदर्शन के रूप में देखा जा सकता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • प्राणिऊष्मा