जब साफिया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे? Show
साफिया जब अमृतसर पुल पर चढ़कर दूसरी तरफ जा रही थी तब कस्टम आफिसर पुल की सबसे निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप खड़े थे। उन्हें उस समय अपना वतन ढाका याद आ रहा था। वे यह अनुभव करने की कोशिश कर रहे थे कि अपने वतन में आकर कैसा लगता है। अपने वतन की चीजों का मजा ही कुछ और होता है। 342 Views ‘नमक’ कहानी को लेखक ने अपने नजरिए से अन्य पुरुष शैली में लिखा है। आप साफिया की नजर से/उत्तर पुरुष शैली में इस कहानी को अपने शब्दों में कहें। मैं एक सिख बीबी के यहाँ कीर्तन में गई हुई थी। बीबी लाहौर की रहने वाली थी और अब तक लाहौर को ही अपना वतन बताती थीं। जब उन्हें पता चला कि मैं कल लाहौर जाने वाली हूँ तो उन्होंने लाहौरी नमक की फरमाइश कर दी। मैंने इसका उनसे वायदा कर दिया। लाहौर पहुँचने पर मेरा प्रेमपूर्वक स्वागत हुआ। मेरा भाई वहाँ की पुलिस में है। मैंने उसे लाहौरी नमक की पुड़िया दिखाकर उसे भारत ले जाने की बात कही तो उसने साफ इनकार कर दिया। उसने इस काम को गैरकानूनी बताया, पर मैं तो नमक ले जाने पर तुली थी। मैंने कीनुओं की टोकरी में नमक की पुड़िया को छिपा लिया। पर मेरे मन में द्वंद्व था। मैं कोई भी काम चोरी-छिपे करने के विरुद्ध हूँ अत: मैंने अटारी में कस्टम आफिसर को नमक दिखाकर सारी बात बता दी। वह देहली का रहने वाला था और देहली को ही अपना वतन मानता था अत: उसने मुझे नमक ले जाने की इजाजत दे दी। मेरी गाड़ी अमृतसर जा पहुँची। वहाँ का कस्टम आफिसर ढाका का रहने वाला था और ढाका को ही अपना वतन मानता था। वह भी सहृदय निकला और उसने नमक लाने पर आपत्ति नहीं की। इस प्रकार मैं लाहौरी नमक भारत लाने में सफल हो गई। यह इंसानी रिश्तों की जीत थी। 652 Views नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था?नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में यह द्वंद्व था कि वह इस नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कहकर दिखाकर ले जाए। पहले वह नमक की पुड़िया को कीनुओं के नीचे छिपाकर टोकरी में रख देती है। तब उसने सोचा इस पर भला किसकी निगाह जाएगी। इसे तो सिर्फ वही जानती है। पर जब कस्टम की जाँच के लिए उसका सामान बाहर निकाला जाने लगा तब उसने अचानक फैसला किया कि वह मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टमवालों को दिखाएगी। उसने किया भी ऐसा ही। 369 Views नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान से पढ़िए- (क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है। (ख) क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं? सामान्यत: ‘ही’ निपात का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में ‘ही’ के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवर्तन आया है? स्पष्ट कीजिए। ‘ही’ का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए। (क) इसमें लाहौर पर बल है अर्थात् केवल लाहौर ही है। (ख) यहाँ विरोधी अर्थ की प्रतीति होती है-सभी कानून हकूमत के ही नहीं होते। पाँच-पाँच वाक्य 1. हमारा खाना तो दाल-रोटी ही है। 2. उसका घर तो उधर ही है। 3. मेरा जन्मस्थान बंगलूर ही है। 4. यह गीता की ही पुस्तक है। 5. उसकी कार काली ही है। 1. क्या तुम सब बातें मेरी ही मानते हो? 2. क्या रमेश अंग्रेजी ही पड़ता है? 3. क्या गेंद लड़के ही खेलते हैं? 4. क्या नृत्य में सभी लड़कियाँ ही भाग लेंगी? 5. क्या समाज के नियम प्रभावी होते ही नहीं? 254 Views साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?
साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया भारत ले जाने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि यह गैरकानूनी था। पाकिस्तान से लाहौरी नमक भारत ले जाना प्रतिबंधित था। उसके अनुसार नमक की पुड़िया निकल आने पर बाकी सामान की भी चिंदी-चिंदी बिखेर दी जाएगी। नमक की पुड़िया तो जा नहीं पाएगी, ऊपर से उनकी बदनामी मुफ्त में हो जाएगी। 729 Views नमक की पुडिया ले जाने के सम्बन्ध में सफिया के मन में क्या द्वंद्व था?नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था? उत्तर:- नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि प्यार के इस तोहफे नमक की पुड़िया को चोरी-छिपे ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए।
नमक की पुड़िया को लेकर सफिया के मन में क्या द्वन्द्व था सफिया के भाई ने नमक ले जाने के लिए मना क्यों कर दिया था?उत्तर: नमक की पुड़िया को लेकर सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए या चोरी से छिपाकर। सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से मना कर दिया क्योंकि पाकिस्तान से भारत को नमक का निर्यात प्रतिबंधित था। यह गैर-कानूनी था।
सोफिया के मन में क्या द्वंद्व था?नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में यह द्वंद्व था कि वह इस नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कहकर दिखाकर ले जाए। पहले वह नमक की पुड़िया को कीनुओं के नीचे छिपाकर टोकरी में रख देती है। तब उसने सोचा इस पर भला किसकी निगाह जाएगी। इसे तो सिर्फ वही जानती है।
सफिया नमक की पुड़िया को कहाँ रखा है?साफिया ने कीनू कालीन पर उलट दिए। टोकरी खाली की और नमक की पुड़िया उठाकर टोकरी की तह में रख दी।
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