हिंदी कक्षा 6 से 9 के छात्रों के लिए व्याकरण काफी महत्वपूर्ण होती है। इसमें छात्रों को कई बुनियादी विषयों के बारे में बताया जाता है। इनमें से एक एक औपचारिक पत्र लेखन। Formal Letter in Hindi उन्हें कहा जाता है जो प्रोफेशनल कार्यों के लिए लिखे जाते हैं । व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। Formal Letter in Hindi की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। आइए Formal Letter in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं। Show
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औपचारिक पत्र क्या होते हैं?वे पत्र जो किसी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति को भेजे जाते हैं या ऐसे व्यक्तियों को जो व्यावसायिक जीवन से जुड़े हों औपचारिक पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लिखने के लिए औपचारिक शब्दों जैसे कि श्रीमान, श्रीमति, निवेदन का प्रयोग किया जाता है। Formal letter in Hindi लिखते वक़्त अनौपचारिक (इनफॉर्मल) भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। औपचारिक पत्र क्यों लिखते हैं?औपचारिक पत्र का काम किसी भी कार्य के लिए किया जा सकता है। जैसे, स्कूल में अपनी मैडम, प्रिंसिपल के लिए, कॉलेज में अपने प्रोफेसर या डीन के लिए, नौकरी के लिए, किसी आधिकारिक कार्य को पूरा करवाने के लिए औपचारिक पत्र लिखने की आवश्यकता होती है। पत्र लेखन के प्रकार
औपचारिक पत्र के प्रकारFormal Letter in Hindi को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
ज़रूर पढ़ें: पत्र लेखन उदाहरण कक्षा 6, 7, 8, 9 और10 के लिए याद रखने योग्य बातेंऔपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें इस प्रकार हैं:
औपचारिक पत्र का फॉर्मेटFormal Letter in Hindi के (फॉर्मेट) के निम्नलिखित 9 अंग होते हैं, जैसे-
एप्लीकेशन फॉर प्रिंसिपल इन हिंदीप्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र सेवा में, विषय – बहन की शादी के लिए अवकाश प्रदान हेतु प्रार्थना पत्र। महोदय, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी शिष्य, औपचारिक पत्र सैंपल 1कार्यालयी-पत्र सेवा में, दिनांक- 25 अप्रैल, 2019 विषय – बस में छूटे बैग का वापस मिलना। महोदय, कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया। मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था। मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ। धन्यवाद। भवदीय, आ गई सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा की डेटशीट, यहां देखें प्रधानाचार्य को हिन्दी में औपचारिक पत्रऑफिसियल लेटर फॉर्मेट इन हिंदीकक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्रकक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्रों को कई उपवर्गों में बाँटा जा सकता है; जैसे –
इन पत्रों को लिखने का ढंग तथा इनकी भाषा-शैली में अंतर होता है। इन पत्रों का प्रारूप समझ लेने से पत्र लेखन में सुविधा होती है तथा परीक्षा में पूरे अंक लाए जा सकते हैं। आइए इनके प्रारूप और उदाहरण देखते हैं। कक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्रकक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है –
FAQsफॉर्मल लेटर का क्या मतलब होता है? फॉर्मल लेटर उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधित, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। Formal Letter in Hindi की भाषा सहज और शिष्टतापूर्ण होती है। औपचारिक पत्र लिखने से पहले क्या लिखा जाता है? सबसे पहले सादे कागज पर बायीं ओर जिसके द्वारा पत्र लिखा जा रहा है उसका पता व दिनांक लिखी जाती है तत्पश्चात बायीं ओर ‘सेवा में’ लिखने के बाद प्रेषित (पत्र भेजने के लिए) के लिए संपादक, समाचार-पत्र का नाम, शहर का नाम लिखा जाता है। औपचारिक पत्र लिखते समय सबसे पहले क्या लिखा जाता है? औपचारिक पत्र के भाग पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का पता औपचारिक पत्र लिखते समय सर्वप्रथम पत्र – भेजने वाले का पता लिखा जाता है। प्रेषक का पता बायीं ओर लिखा जाता है। तिथि/दिनांक प्रेषक के पते के ठीक नीचे जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है उस दिन की दिनांक लिखी जाती है। औपचारिक पत्र के कितने अंग होते हैं? औपचारिक पत्र के छ अंग होते है जो ये है, जैसे महोदय, प्रिय महोदय. अभिवादन भी व्यक्ति के पद या मर्यादा के अनुरूप लिखा जाता है. जैसे सादर प्रणाम, नमस्कार, आशीर्वाद लिखा जाता है। आशा करते हैं कि आपको Formal Letter in Hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। अनौपचारिक पत्र क्या होता है?अनौपचारिक पत्र उन व्यक्तियों को लिखे जाते हैं, जिनसे पत्र लेखक का व्यक्तिगत या निजी संबंध होता है। अपने मित्रों, माता-पिता, अन्य संबंधियों आदि को लिखे गए पत्र अनौपचारिक-पत्रों के अंतर्गत आते है। अनौपचारिक पत्रों में आत्मीयता का भाव रहता है तथा व्यक्तिगत बातों का उल्लेख भी किया जाता है।
औपचारिक पत्र से आप क्या समझते?औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है।
औपचारिक पत्र कैसे लिखे हैं?औपचारिक पत्र लिखते समय आवश्यक बातें. पत्र की शुरुआत और अंत प्रभावशाली होना चाहिए।. पत्र का लेख-स्पष्ट, भाषा-सरल होनी चाहिए।. औपचारिक पत्र नियमानुसार चलते हैं।. इन पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। ... . पत्र को हमेशा एक पृष्ठ में लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि लयबद्धता बनी रहे।. अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे हिंदी में?यदि पत्र मित्र को लिखा जा रहा है, तो 'तुम्हारा प्रिय मित्र' या 'तुम्हारा अपना मित्र' आदि लिखें। यदि अनौपचारिक पत्र किसी ऐसे रिश्तेदार को लिखा जा रहा है जो रिश्ते में छोटा हो, तो पत्र का अंत संबंध से भी किया जा सकता है, जैसे कि 'तुम्हारा बड़ा भाई', 'तुम्हारे चाचाजी' आदि।
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