मध्यपाषाण काल के दौरान पाए जाने वाले पत्थर के औजार आमतौर पर छोटे होते हैं और इन्हें कहा जाता है:
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Answer (Detailed Solution Below)Option 3 : लघुपाषाण Free 150 Questions 150 Marks 150 Mins सही उत्तर लघुपाषाण है।
Last updated on Sep 26, 2022 The Uttar Pradesh Basic Education Board (UPBEB) is all set to invite fresh applications for the UP SUPER TET (Teacher Eligibility Test) Exam. The said exam is conducted to recruit candidates for the post of Assistant Teacher & Principal in Junior High Schools across the state of Uttar Pradesh. The vacancy is expected to be somewhere around 17000. The minimum eligibility criteria for the Assistant Teacher posts is graduation whereas for the posts of Principal it shall be graduation accompanied by 5 years of teaching experience. The willing candidates can go through the UP SUPER TET Syllabus and Exam Pattern from here. भारतीय पाषाण युग का संक्षिप्त विवरणपाषाण युग के रूप में उस युग को परिभाषित किया गया है जब प्रागैतिहासिक मनुष्य अपने प्रयोजनों के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे| इस युग को तीन भाग पुरापाषाण युग, मध्य पाषाण युग और नवपाषाण युग में बांटा गया है| यहाँ हम भारतीय पाषाण युग का संक्षिप्त विवरण दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|
डेनिश विद्वान क्रिस्टियन जे. थॉमसन ने 19 वीं सदी में मानव अतीत के अध्ययन के क्रम में तकनीकी ढांचे के आधार पर सर्वप्रथम 'पाषाण युग' शब्द का प्रयोग किया| पाषाण युग के रूप में उस युग को परिभाषित किया गया है जब प्रागैतिहासिक मनुष्य अपने प्रयोजनों के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे| इस युग को तीन भाग पुरापाषाण युग, मध्य पाषाण युग और नवपाषाण युग में बांटा गया है| यहाँ हम भारतीय पाषाण युग का संक्षिप्त विवरण दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है| पुरापाषाण काल (10000 ई.पू. तक) 1. इसकी शुरूआत प्रतिनूतन युग (2000000 ई.पू. से 11000 ई.पू.) में हुई| मध्यपाषाण काल (10000- 4000 ई.पू.) 1. यह पुरापाषाण काल और नवपाषाण काल के बीच का काल है| नवपाषाण काल (4000 ई.पू. से 1800 ई.पू. ) 1. नवपाषाण कालीन उपकरण और औजारों की खोज 1860 में उत्तर प्रदेश में “ली मेसुरियर” द्वारा की गई थी| ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर सर्वप्रथम “प्लेस्टोसिन” युग में मानव का उद्भव “ऑस्ट्रेलोपिथिक्स” या “साउदर्न पीपल” (सर्वप्रथम अफ्रीका में) के रूप में हुआ था| महाराष्ट्र के “बोरी” नामक स्थान से प्राप्त साक्ष्य से पता चलता है कि भारत में मनुष्य का उद्भव “प्लेस्टोसिन” युग के दौरान हुआ था| खेलें हर किस्म के रोमांच से भरपूर गेम्स सिर्फ़ जागरण प्ले पर मध्य पाषाण काल की खोज कब हुई?मध्यपाषाण काल (अंग्रेजी Mesolithic) मनुष्य के विकास का वह अध्याय है जो पुरापाषाण काल और नवपाषाण काल मे मध्य मे आता है। इतिहासकार इस काल को १२,००० साल पूर्व से लेकर १०,००० साल पूर्व तक मानते है।
मध्य पाषाण काल में किसका आविष्कार हुआ?मध्य पाषाण काल के लोग सबसे पहले पशुपालन की शुरुवात कर देते हैं । मध्य पाषाण काल में ही पत्थर के औजारों के साथ ही हड्डी और सिंह निर्मित औजार मिलने लगता है । ये लोग आग का प्रयोग शुरू कर देते हैं ।
मध्यपाषाण काल में मनुष्य किसकी पूजा करता था?तकनीकी विकास और औजार :- नवपाषाण
मध्य पाषाण काल के दौरान क्या परिवर्तन हुए?अत: इस काल में जलवायु गर्म व शुष्क हो गयी। पेड़, पौधों, जीव-जंतुओं की स्थिति में भी परिवर्तन आ गया। एक दृष्टि से मध्यपाषाण काल, पुरापाषाण काल एवं नवपाषाण काल के मध्य संक्रमण को रेखांकित करता है। इस काल में भी मनुष्य मुख्यतः शिकारी एवं खाद्य संग्राहक ही रहा, परन्तु शिकार करने की तकनीकी में परिवर्तन आ गया।
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