मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम कौन सा है? - madhy pradesh ka pahala nagar nigam kaun sa hai?

मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम कौन सा है? - madhy pradesh ka pahala nagar nigam kaun sa hai?

मध्यप्रदेश में दिनांक 12 दिसंबर 2020 की स्थिति में  16 नगर निगम, 99 नगर पालिका व 292 नगर परिषद संचालित है। जहां स्थानीय स्तर पर चुनाव होते हैं और शहर की जनता अपने लिए एक लोकल गवर्नमेंट का चुनाव करती है। लोग मतदान करते हैं और उन्हें मालूम है कि वह किसके लिए मतदान कर रहे हैं परंतु क्या कोई बता सकता है कि मध्य प्रदेश का पहला नगर कौन सा था। पहली नगर पालिका कौन सी थी। आइए थोड़ी इतिहास की मजेदार बात कर लेते हैं:-

जबलपुर नगर निगम की स्थापना कब हुई थी

जबलपुर शहर मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम था। इसकी स्थापना सन 1864 में की गई थी। इससे पहले 1781 से जबलपुर शहर मराठों का मुख्यालय हुआ करता था। जब सत्ता अंग्रेजों के हाथ में आई तो उन्होंने जबलपुर के भौगोलिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इस शहर को ब्रिटिश कमीशन का हेड क्वार्टर बनाया। इसी के चलते अंग्रेज अधिकारियों ने जबलपुर शहर के डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया। 1864 में यहां पहली बार नगर पालिका चुनाव हुए। वर्तमान में जबलपुर नगर निगम का जो ऑफिस है, उस भवन का निर्माण 1929 में ₹90000 की लागत से किया गया था। सन 1952 में यहां पहली बार नगर निगम के चुनाव हुए।

जबलपुर नगर निगम के महापौर की लिस्ट

पंडित भवानी प्रसाद तिवारी - प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

रामेश्वर गुरु- कांग्रेस

सवाई मल जैन - कांग्रेस

मुलायम चंद जैन - कांग्रेस

पन्ना लाल श्रीवास्तव नूर - कांग्रेस

गुलाब चंद गुप्ता- कांग्रेस

बाबूराव परांजपे- जनसंघ

गंगा प्रसाद पटेल- कांग्रेस

शिवनाथ साहू- कांग्रेस

नारायण प्रसाद चौधरी- कांग्रेस

इंदिरा शर्मा- कांग्रेस

पंडित मुंदर शर्मा- कांग्रेस

डॉ के एल दुबे- कांग्रेस

एनपी दुबे- कांग्रेस

कल्याणी पांडेय- कांग्रेस

विश्वनाथ दुबे- कांग्रेस

सदानंद गोडबोल- भाजपा

सुशीला सिंह- भाजपा

प्रभात साहू- भाजपा

स्वाति गोडबोले- भाजपा

मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय

राज्य का पहला नगर निगम :- (जबलपुर 1864 )

राज्य की सर्वप्रथम नगरपालिका :- दतिया (1907)

राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 के बाद नगर पालिका अधिनियम 1956 लागू हुआ

नगरपालिका अधिनियम 1956 लागू होने के बाद मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 पारित हुआ!

30 दिसंबर 1993 को विधानसभा में मध्यप्रदेश नगरपालिका विधायक परित हुआ!

मध्यप्रदेश में नगरपालिका का गठन 1864 में जबलपुर में हुआ था!

1992 में 74वां संविधान संशोधन अधिनियम बना जो 16 जनवरी 1993 से लागू हुआ !

इसके तहत त्रि-स्तरीय नगरीय निकायों की व्यवस्था की गई ! मध्यप्रदेश इस अधिनियम का अनुपालन करने वाला देश का प्रथम राज्य है!

नगरपालिका का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है !

राइट टू रिकॉल के माध्यम से वापस भी बुलाया जा सकता है ! कम से कम 2 वर्ष बीत गए हों एवं अंतिम 6 माह पूर्व  होना चाहिए !

मध्य प्रदेश में स्थानीय संस्थाओं में महिला प्रतिनिधि 50% है

मध्यप्रदेश के नगर निगम की संख्या 16 है
1. Indore
2. Bhopal
3. Jabalpur
4. Gwalior
5. सागर
6. रीवा
7. उज्जैन
8. खंडवा
9. बुरहानपुर
10. रतलाम
11. देवास
12. सिंगरौली
13. कटनी 14.सतना
15. छिंदवाड़ा
16. मुरैना

नगर निगम
शहरी ग्रामीण संबंध समिति ने सिफारिश की थी कि इस क्षेत्र में नगर निगम स्थापित किए जाएं ! जहां जनसंख्या 5 लाख व आय  एक करोड रूपए वार्षिक हो !

नगर निगम में सदस्य सदस्यों पार्षद की संख्या 40 से 85 तक होती है!

महापौर एवं पार्षद का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता है !

नगर निगम की संख्या मध्यप्रदेश में 16 है !

महापौर नगर प्रथम नागरिक होता है !

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त होता है तथा राजनीतिक प्रमुख महापौर होता है!

मेयर इन कौसिल नगर निगम की मुख्य समिति है ! इस समिति का महापौर पदेन अध्यक्ष होता है !

नगर निगम परिषद में लोकसभा राज्यसभा विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं छह विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं !

नगर पालिका 
वर्तमान में मध्यप्रदेश में 98 नगरपालिका है !

नगर पालिका में सदस्यों की संख्या 15 से 40 होती है!

20000 से अधिक व  एक लाख से कम जनसंख्या वाले क्षेत्र में गठित की जाती है!

नगर पालिका का प्रशासनिक  प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CMO)एवं राजनीतिक प्रमुख नगर पालिका अध्यक्ष होता है

नगर पंचायत 
नगर पंचायत संक्रमण सील क्षेत्र में गठित की जाती है!

नगर पंचायत 5000 से अधिक एवं 20,000 से कम जनसंख्या होती है !

मध्यप्रदेश में नगर पंचायतों की संख्या 264 है !

नगर पंचायतों में सदस्यों की संख्या 15 से 40 होती है!

नगर पंचायत की समिति को प्रेसिडेंट इन कौंसिल कहा जाता है !

अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष तृतीय एवं उपाध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता है !

नगर पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालक अधिकारी CM होता है !

अध्यक्ष सहित कुल 6 सदस्य होते है!

मध्यप्रदेश में नगर निगम कौन कौन से हैं?

प्रदेश के नगरीय निकायों की संभाग/जिलावार सूची.
ग्वालियर डबरा पिछोर बिलौआ आंतरी भितरवार मोहना'.
शिवपुरी शिवपुरी करेरा कोलारस खनियाधाना पिछोर बदरवास नरवर बैराड रन्नौद' पोहरी' मगरौनी'.
गुना गुना राधोगढ़ चाचैडाबीनागंज आरोन कुंभराज मधुसूदनगढ़'.
अशोकनगर अशोकनगर चंदेरी मंुगावली ईसागढ शाढौरा पिपरई'.

भारत का पहला नगर निगम कौन सा है?

यह भारत की सबसे पुरानी निगम संस्था है। चेन्नई शहर का प्रशासन चेन्नई नगर निगम के पास है। १६८८ में स्थापित हुआ यह नगर निगम भारत में ही नहीं, ब्रिटेन के बाहर किसी भी राष्ट्रमंडल देश में सबसे पहला नगर निगम है। इसमें १५५ पार्षद है, जो चेन्नई के १५५ वार्डों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका चुनाव सीधे चेन्नई की जनता करती है।

मध्य प्रदेश में प्रथम नगर पालिका का गठन कब हुआ?

मध्य प्रदेश में पहला नगर निगम 1864 में "जबलपुर" में बनाया गया था। स्वतंत्रता के बाद मप्र नगर निगम अधिनियम, 1956 को 25-10-1956 को महामहिम राजप्रमुख की स्वीकृति प्राप्त हुई। मध्य प्रदेश ने 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम का अनुपालन करने के लिए मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1994 पारित किया।

इंदौर नगर निगम की स्थापना कब हुई?

इंदौर नगर निगम (आईएमसी) की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी। वर्तमान में, डॉ. पवन शर्मा इंदौर नगर निगम के प्रबंधक हैं। वर्तमान में, प्रतिभा पाल इंदौर नगर निगम की नगर आयुक्त हैं।