महीने में मूर्ति बनाने का विश्वास कौन दिला रहा था? - maheene mein moorti banaane ka vishvaas kaun dila raha tha?

लेखक का अनुमान है कि नेता जी की मूर्ति बनाने का काम मजबूरी में ही स्थानीय कलाकार को दिया गया - 
मूर्ति बनाने का काम मिलने पर कलाकार के क्या भाव रहे होंगे?


नगरपालिका चौराहे पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति स्थापित करना चाहती थी। नगरपालिका का मूर्ति बनाने का बजट सीमित था इसलिए उन लोगों ने मूर्ति बनाने का कार्य स्थानीय स्कूल के ड्राइंग मास्टर मोतीलाल जी को दे दिया। मास्टर मोतीलाल को जब यह कार्य मिला तो उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने नगरपालिका के सदस्यों को यह विश्वास दिलाया कि वह एक महीने के अंदर मूर्ति तैयार कर देंगे। इस प्रकार का कार्य मिलने से कलाकार में नया उत्साह जागृत हुआ। उन्हें ऐसा लगा कि नगरपालिका ने उनकी कला को प्रोत्साहन देने के लिए यह कार्य उन्हें सौंपा है। इसीलिए उन्होंने अपनी बात के अनुसार एक महीने में मूर्ति पूरी कर दी।

273 Views


“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए


हालदार साहब के मन में नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले के प्रति आदर था। जब उन्हें पता चला कि चश्मा लगाने वाला कोई कैप्टन था तो उन्हें लगा कि वह नेता जी का कोई साथी होगा। परंतु पानवाला उसका मजाक उड़ाते हुए बोला कि वह एक लँगड़ा व्यक्ति है इसलिए वह फौज में कैसे जा सकता है।
पानवाले का कैप्टन की हँसी उड़ाना अच्छा नहीं लगता है एक वही है जिसने नेता जी की मूर्ति के अधूरे व्यक्तित्व को पूरा किया था। उसके नेता जी के प्रति आदर भाव ने ही पूरे कस्बे की इज्जत बचा रखी थी। पानवाले के मन में देश और देश के नेताओं के प्रति आदर सम्मान नहीं था। उसे तो अपना पान बेचने के लिए कोई न कोई मसाला चाहिए था। यदि ऐसे लोग देश के लिए कुछ कर नहीं सकते तो उन्हें किसी की हँसी उड़ाने का भी अधिकार नहीं हे। कैप्टन जैसे भी व्यक्तित्व का स्वामी था उससे उसकी देश के प्रति कर्त्तव्य भावना कम नहीं होती थी। पानवाले को कैप्टन की हँसी नहीं उड़ानी चाहिए थी।

400 Views


कैप्टन फेरी लगाता था।
फेरी बाले हमारे दिन-प्रतिदिन की बहुत-सी जरूरतों को आसान बना देते हैं। फेरीवालों के योगदान व समस्याओं पर एक संपादकीय लेख तैयार कीजिए 


फेरी वाले हमारी जिंदगी का एक अभिन्न अंग हैं। यह हमारी दौड़ती-भागती जिंदगी को आराम देते हैं। फेरी वाले घर पर ही हमारी आवश्यकताओं को पूरा कर देते हैं। गली में कई फेरी वाले आते हैं जैसे सब्जी वाले, फल वाले, रोजाना काम में आने वाली वस्तुएँ आदि। फेरी वालों ने हमारे जीवन को सुगम बना दिया है। हमें छोटी से छोटी चीज घर बैठे मिल जाती है इससे हमारे समय की बचत होती है। हम अपना बचा हुआ समय किसी उपयोगी कार्य में लगा सकते हैं। कुछ फेरी वाले जहाँ हमारे जीवन के लिए उपयोगी हैं वहीं कुछ फेरी वाले समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं। कई कॉलोनियाँ शहर से दूर होती हैं इसलिए वहाँ के लोगों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इन फेरी वालों पर निर्भर रहना पड़ता है। ये फेरी वाले उन लोगों की जरूरतों का फायदा उठाते हुए मनमाने मूल्यों पर वस्तु बेचते हैं। कई बार तो दुगने पैसों पर गंदा और घटिया माल बेच देते हैं। कई फेरी वाले अपराधिक तत्वों से मिलकर उन्हें ऐसे घरों की जानकारी देते हैं जहाँ दिन में केवल बच्चे और बूढ़े होते हैं। फेरी वालों की मनमानी रोकने के लिए उनको नगरपालिका से जारी मूल्य-सूची दी जानी चाहिए। फेरी वालों के पास पहचान-पत्र और लाइसेंस होना चाहिए।

548 Views


सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे कार्यों का उल्लेख करें और उन पर अमल भी कीजिये।


हम अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे कई कार्यों को उचित ढंग से कर सकते हैं जिससे देश प्रेम का परिचय मिलता है। पानी हमारे प्राणी जीवन के लिए अनमोल धैरोहर है। पानी का उचित प्रयोग करना चाहिए। बिना मतलब के पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पानी की टंकी को खुला न छोड़े। पानी के प्रयोग के बाद तुरंत पानी की टंकी बंद कर देनी चाहिए।
बिजली का उचित प्रयोग करना चाहिए। फालतू बिजली का प्रयोग हमारे जीवन को अंधकारमय बना सकता है। इसलिए बिजली का जितना प्रयोग संभव हो उतना ही प्रयोग करना चाहिए। घरों में बिजली के पंखें, ट्‌यूबें खुली नहीं छोड़नी चाहिए। जब इनकी जरूरत न हो तो बंद कर देनी चाहिए।
पेट्रोल का उचित प्रयोग करने के लिए जहां तक संभव हो निजी यातायात के साधनों का प्रयोग कम करना चाहिए। सार्वजनिक यातायात के साधनों का उचित प्रयोग करना चाहिए। इससे मनुष्य के धन की भी बचत होती है तथा पर्यावरण प्रदूषित कम होता है।
ऐसे हमारे जीवन-जगत से जुड़े कई कार्य हैं जिनको अमल में लाकर हम अपने देश प्रेम का परिचय दे सकते हैं।

369 Views


नेताजी सुभाषचंद्र बोस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक प्रोजेक्ट बनाइए।


विद्यार्थीयो अपने अध्यापका अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

681 Views


आपके विद्यालय में शारीरिक रूप में चुनौतीपूर्ण विद्यार्थी है उनके लिए विद्यालय परिसर और कक्षा-कक्ष में किस तरह के प्रावधान किए जाएँ प्रशासन को इस संदर्भ में पत्र द्वारा सुझाव दीजिये 


सेवा में
प्रधानाचार्य,
केंद्रीय विद्यालय,
दिल्ली कैंट।
मान्यवर महोदय,

आपको विदित ही है कि हमारे विद्यालय में अनेक ऐसे विद्यार्थी  हैं जो किसी न किसी रूप से शारीरिक विकलांगता से युक्त हैं। उन्हें विद्यालय में प्रथम अथवा  द्वितीय तल पर स्थित कक्षाओं में जाने तथा प्रसाधन कक्षों का प्रयोग करने में बहुत कठिनाई होती है। आप से प्रार्थना है कि शारीरिक रूप से असमर्थ विद्‌यार्थियों की कक्षाएं निचले तल पर लगाई जाएं तथा सीढ़ियों के साथ-साथ रैंप भी बनाए जाएं जिससे उन्हें आने-जाने में तकलीफ न हो। उनके लिए पुस्तकालय, प्रसाधन कक्षों में भी समुचित व्यवस्था की जाए।

आशा है आप हमारी प्रार्थना को स्वीकार कर समुचित प्रबंध कराएंगे।

धन्यवाद,
भवदीप
राघव मेनन
मुख्य विद्‌यार्थी कक्षा दसवीं
दिनांक 15 मार्च, 20..

961 Views