मोहन के पेट-दर्द को ठीक करने के लिए माँ ने क्या दिया था? - mohan ke pet-dard ko theek karane ke lie maan ne kya diya tha?

ऐसे ऐसे 6th Class NCERT CBSE Hindi वसंत भाग 1 Chapter 08

प्रश्न: मोहन ने पिता के दफ्तर में क्या खाया था?

उत्तर: मोहन के पिता के दफ्तर में एक केला और संतरा खाया था।

प्रश्न: मोहन के पेट में दर्द कब हुआ?

उत्तर: घर लौटते समय बस अड्डे पर मोहन के पेट का दर्द शुरू हुआ।

प्रश्न: पिताजी ने वैद्य जी को भेंट में कितने रूपए दिए और डॉक्टर की फीस कितनी थी?

उत्तर: पिताजी ने वैद्य जी को भेंट में 5 रूपए दिए और डॉक्टर की फीस 10 रूपए थी।

प्रश्न: क्या मोहन के पेट में सचमुच दर्द था?

उत्तर: नहीं मोहन के पेट में कोई दर्द नहीं था। वह केवल बहाना बना रहा था।

प्रश्न: कहानी पढकर मोहन के बारे में क्या पता चलता है?

उत्तर: कहानी पढकर यह पता चलता है की मोहन एक शरारती लड़का था। घर, पास-पड़ोस और स्कूल के लोग भी उसकी हरकतों से परेशान रहा करते थे।

प्रश्न: मोहन के दर्द को समझने के लिए पिता उससे क्या सवाल करते हैं?

उत्तर: पिताजी मोहन से पूछते हैं कि गड़गड़ की आवाज तो नहीं हो रही है। मोहन कहता है ‘नहीं’। फिर वह पूछते हैं चाकू जैसी चुभन हो रही है, तो मोहन इनकार करता है। वह पूछते हैं कि गोला जैसा फूट रहा है। मोहन फिर कहता है ‘नहीं’। वह बस यही दुहराता रहता है कि ‘उसके पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है।

प्रश्न: मोहन की माँ यह क्यों कहती है – हँसी की हँसी, दुख का दुख?

उत्तर: मोहन बार-बार पूछने पर भी किसी ठीक-ठीक नहीं बताता है कि उसके पेट में किस तरह का दर्द हो रहा है। वह बस यही कहता है कि ऐसे-ऐसे हो रहा है। उसकी बात सुनकर माँ हँस पड़ती है। लेकिन मोहन इस दर्द से परेशान है वह कराह रहा है और बेचैन है। उसके चेहरे का रंग भी उतर गया है। उसकी तकलीफ देखकर माँ दुखी है। इसलिए वह कहती हैं-हँसी की हँसी, दुख का दुख।

प्रश्न: वैद्य जी मोहन को क्या बीमारी बताते हैं? वह उसे क्या दवा देते हैं?

उत्तर: वैद्य जी मोहन की नाड़ी दबाकर कहते हैं कि उसके पेट में वायु की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है। फिर उसकी जीभ देखकर कहते हैं कि कब्ज है। पेट साफ नहीं हुआ है। मोहन का पेट टटोलकर वह बताते हैं कि मल रुक जाने से वायु बढ़ गई है, इसलिए दर्द हो रहा है। वह मोहन को दवा की पुड़िया हर आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से लेने को कहते हैं।

प्रश्न: डॉक्टर मोहन को क्या बीमारी बताते हैं और ठीक होने का क्या आश्वासन देते हैं?

उत्तर: डॉक्टर मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि कब्ज और बदहजमी है। फिर वह बताते हैं कि कभी-कभी हवा रुक जाती है और फंदा डाल लेती है। मोहन के पेट में बस उसी का ऐंठन है। वह मोहन को आश्वासन देते हैं कि एक ही खुराक पी लेने के बाद तबियत ठीक हो जाएगी।

प्रश्न: मोहन पेट दर्द का बहाना क्यों बनाता है?

उत्तर: मोहन ने छुट्टी का पूरा महीना खेल-कूद कर आनंद मनाते हुए बिताया था। उसने अपना स्कूल का काम पूरा नहीं किया था। दूसरे ही दिन स्कूल खुलने वाला था। अचानक उसे याद आता है कि उसका स्कूल का काम पुरा नहीं हैं इसलिए वह पेट का दर्द का बहाना शुरू करता है। उसे शायद उम्मीद थी कि यह बहाना अब उसे स्कूल जाने बचा लेगा।

प्रश्न: ‘सड़क के किनारे एक सुंदर फ़्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खुलता है …………… उस पर एक फ़ोन रखा है।’ इस बैठक की पूरी तस्वीर बनाओ।

उत्तर: बैठक में फर्श पर सुन्दर नीले रंग का कालीन बिछा है। इसके एक तरफ़ सोफा-सेट रखा है। कोने में एक छोटे से टेबल पर टेलिफ़ोन रखा है। दूसरे कोने के टेबल पर फूलदान रखा है; जिसमें पीले और गुलाबी रंगों के फूलों का गुच्छा है। सोफा-सेट के आगे एक टेबल है; जिस पर अख़बार तथा अन्य पत्रिकाएँ रखी हुई हैं। कमरे के छत पर एक शीशें का झूमर लगा हुआ है। दरवाजें तथा खिड़की पर पर्दें लगे हुए हैं।

प्रश्न: माँ मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?

उत्तर: मोहन के पेट में काफ़ी दर्द हो रहा था। इसका कारण पता नहीं चल रहा था और वह कल स्कूल नहीं जा सकेगा, उसे क्या बीमारी हो गई है? यह सोचकर माँ का मन घबरा रहा था।

प्रश्न: ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।

उत्तर: ऐसे कुछ बहाने दिए जा रहे हैं जिसे मास्टर जी अच्छी तरह से जानते हैं:

  1. पेट में दर्द होना।
  2. होमवर्क की कापी घर भूल जाना।
  3. सिर में दर्द होना।
  4. चक्कर आना।
  5. जी घबराना

प्रश्न:

  1. मोहन ने केला और संतरा खाया।
  2. मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।
  3. मोहन ने क्या खाया?
  4. मोहन केला और संतरा खाओ।

उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। (निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है।) तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। अगले पृष्ठ पर एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो:

बताना: रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे।

नहीं/मना करना: __________________

पूछना: _______________________

आदेश देना: ____________________

उत्तर:

  1. विधिवाचक वाक्य: रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
  2. निषेधवाचक वाक्य: रूथ ने कपड़े अलमारी में रखो।

विकल्पीय प्रश्न:

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर दीजिए:

प्रश्न: मोहन ने पिता के दफ्तर में क्या खाया था?

  1. फल
  2. मिठाई
  3. चाट-समोसे
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: मोहन के पेट में दर्द कहाँ शुरू हुआ?

  1. घर
  2. दफ्तर
  3. बस अड्डा
  4. स्कूल

प्रश्न: मोहन के उपचार में पिताजी के कितने रूपये खर्च हुए?

  1. 5 रूपए
  2. 10 रुपए
  3. 15 रुपए
  4. 20 रुपए

प्रश्न: मोहन कैसा लड़का था?

  1. कमजोर
  2. बीमार
  3. भला
  4. शरारती

प्रश्न: मोहन ने पेट दर्द का बहाना क्यों बनाया?

  1. मास्टरजी के डर से
  2. पिताजी के डर से
  3. स्कूल जाने के डर से
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: मोहन का पेट-दर्द ठीक होने के लिए माँ ने क्या नहीं दिया था?

  1. हींग
  2. चूरन
  3. दवाएँ
  4. पिपरमेंट

प्रश्न: मोहन के पिताजी से डॉक्टर ने कितनी देर में आने को कहा था?

  1. दस मिनट में
  2. पाँच मिनट में
  3. पन्द्रह मिनट में
  4. बीस मिनट में

प्रश्न: वैद्य जी ने कहा कि बात का प्रकोप मामूली बात है पर यह कभी-कभी बड़ों को _______ देती है।

  1. छका
  2. भगा
  3. रुला
  4. बिठा

प्रश्न: ‘घर सिर पर उठाना’ का अर्थ है ______।

  1. शांतिपूर्वक बैठना
  2. घर को सहारा देना
  3. बहुत शरारत करना
  4. घर के काम-काज में हाथ न बाँटना

प्रश्न: ‘रौनक’ का विपिरार्थक शब्द है ____।

  1. अरौनक
  2. अतिरौनक
  3. रौनक सहित
  4. बेरौनक

पेट की बीमारी दूर करने के लिए मां ने मोहन को क्या नहीं दिया था?

Answer: डॉक्टर ने मोहन को मुँह खोलने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह मुँह और जीभ देखकर उसकी बीमारी को पकड़ना चाह रहा था। मास्टर-माता जी, मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है।

मोहन ने पेट दर्द का बहाना क्यों बनाया था?

Solution : मोहन ऐसे-ऐसे होने के बहाने बनाकर झूठ बोलता था। उसके पेट में सचमुच दर्द होने पर लोगों ने उसकी बता को कोरा बहाना या असत्य कथन माना होगा और उस पर विश्वास नहीं किया होगा। इस कारण मोहन को अपने झूठ बोलने का पछतावा हुआ होगा, उसे दु:ख भी हुआ होगा।

मास्टर जी ने मोहन की बीमारी का पता कैसे लगाया?

मोहन की असल बीमारी क्या थी ? उत्तर: मोहन की बीमारी कि असल वजह विद्यालय से मिला कार्य था, क्योंकि मोहन ने कार्य पूरा नहीं किया और वह कार्य न पूरा करने पर मिलने वाली सजा से डर गया था, इसलिए मोहन ने बीमारी का नाटक किया किन्तु मास्टर जी ने उसका नाटक पकड़ लिया और उसकी पोल उसके पिताजी के सामने खोल दी थी ।

मोहन को क्या बीमारी थी class 6?

वैद्य जी मोहन को क्या बीमारी बताते हैं? वह उसे क्या दवा देते हैं। वैद्य जी मोहन के पेट-दर्द का कारण बताते हैं वात का प्रकोप है, कब्ज़ है। पेट साफ़ नहीं हुआ है।