Mohini Ekadashi 2022 : प्रतिवर्ष वैशाख शुक्र की एकादशी को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार अंग्रेजी माह के अनुसार 12 मई 2022 गुरुवार को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। आओ जानते हैं कि इस दिन क्या करें और क्या नहीं। Show मोहिनी एकादशी पर क्या करें (What to do on Mohini Ekadashi): 1. पूजा : मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने से जहां सुख-समृद्धि बढ़ती है वहीं शाश्वत शांति भी प्राप्त होती है। खासकर उनके मोहिनी रूप की पूजा करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह व्रत परम सात्विकता और आचरण की शुद्धि का व्रत होता है। 2. व्रत : इस दिन व्रत-उपवास रखकर मोह-माया के बंधन से मुक्त होने के लिए यह एकादशी बहुत लाभदायी है। अत: हमें अपने जीवन काल में धर्मानुकूल आचरण करते हुए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग ढूंढना चाहिए। 3. कथा : मोहिनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुबह से ही पूजा-पाठ, प्रातःकालीन आरती, सत्संग, एकादशी महात्म्य की कथा, प्रवचन सुनना चाहिए। साथ ही मोहिनी एकादशी की कथा सुनना चाहिए। 4. मंत्र : एकादशी के दिन इनमें से किसी भरी मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए। - ॐ विष्णवे नम: - ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। - श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। - ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। - ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। Ekadashi Vishnu Worship 1. इस दिन चावल, लहसुन, प्याज, कोदों का शाक, गाजर, शलजम, पालक, गोभी, केला, आम, अंगूल बादाम, पिस्ता, नमक, तेल, मांस, मसूर की दाल, शहद का का सेवन नहीं करना चाहिए। 2. तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए। 3. जुआ सट्टा नहीं खेलना चाहिए। 4. किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए। 5. इस दिन क्रोध, मिथ्या भाषण का त्याग करना चाहिए। 6. स्त्रीसंग प्रसंग नहीं करना चाहिए। 7. कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए। 8. किसी की निंदा करना, बहस करना या बुरी संगत में रहने का भी त्याग कर देना चाहिए। 9. यह भी कहा जाता है कि इस दिन दातुन भी नहीं करना चाहिए। 10. झाड़ू या पोंछा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे सूक्ष्म जीवों का नाश होता है। Mohini Ekadashi 2022 : 12 मई 2022 गुरुवार को वैशाख शुक्ल की एकादशी यानी मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। गुरुवार को एकादशी का आना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन फाल्गुन नक्षत्र और हर्षण योग में यह व्रत रखा जाएगा। आओ जानते हैं 5 खास उपाय। 5 उपाय करेंगे तो सुख, शांति, धन और समृद्धि मिलेगी: 1. इस दिन उपाय के रूप में तुलसी के समक्ष घी जलाएं और कम से कम 11 परिक्रमा करें। इस पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करके दीपक प्रज्वलित करें और इसकी भी परिक्रामा करें। 2. इस दिन पीले फल, वस्त्र और फूल को मंदिर में अर्पित करें और दक्षिणावर्ती शंख की विधिवत पूजा करें। श्रीहरि को पीले रंग की वस्तु अर्पित करना चाहिए। 3. यदि आपको कुंडली के अनुसार मोती रत्न धारण करने का कहा गया है तो यह दिन बहुत शुभ है। 4. सभी तरह के दु:ख और संकटों से छुटकारा पाने के लिए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का तुलसी माला से जप करें। 5. इस दिन खीर में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को भोग लगाएं। इससे पहले श्री हरि विष्णुजी का गंगाजल और केसर दूध से अभिषेक करेंगे तो उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी। इस दिन ये मुख्य कार्य करते हैं:- 1. पूजा : मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने से जहां सुख-समृद्धि बढ़ती है वहीं
शाश्वत शांति भी प्राप्त होती है। खासकर उनके मोहिनी रूप की पूजा करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह व्रत परम सात्विकता और आचरण की शुद्धि का व्रत होता है। 2. व्रत : इस दिन व्रत-उपवास रखकर मोह-माया के बंधन से मुक्त होने के लिए यह एकादशी बहुत लाभदायी है। अत: हमें अपने जीवन काल में धर्मानुकूल आचरण करते हुए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग ढूंढना चाहिए। 3. कथा : मोहिनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुबह से ही पूजा-पाठ, प्रातःकालीन आरती, सत्संग, एकादशी महात्म्य की कथा, प्रवचन सुनना चाहिए। साथ ही मोहिनी एकादशी की कथा सुनना चाहिए। 4. मंत्र : एकादशी के दिन इनमें से किसी भरी मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए। - ॐ विष्णवे नम: - ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। - श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। - ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। - ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। Mohini Ekadashi 2022: मोहिनी एकादशी सभी एकादशियों में से महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस साल यह एकादशी 12 मई दिन गुरुवार को पड़ रही है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी मोहिनी एकादशी कहलाती है. मान्यता है इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लिया था. यही कारण है कि इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं. इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. वहीं इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की विधिवत पूजा की जाती है. ऐसे में लोगों को यह पता होना जरूरी है कि मोहिनी एकादशी के दिन किन गलतियों को नहीं करना चाहिए. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि मोहिनी एकादशी के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए. पढ़ते हैं आगे…Also Read - Devshayani Ekadashi 2022: इस दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति मोहिनी एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें गलतियां
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें. Also Read - योगिनी एकादशी 2022: आज करें इन मंत्रों का जाप, आरती से खुश होंगे भगवान विष्णु Also Read - आम सवाल: क्या आपने भी निर्जला एकादशी पर रखा है निर्जल व्रत? जान लें पूरे दिन पानी न पीने से होने वाले नुकसान मोहिनी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए?धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस पावन दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। एकादशी के दिन मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन पहले भगवान को भोग लगाएं, उसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
मोहिनी एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?इस योग में की गई पूजा और उपाय से हर काम में सफलता मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है। पुराणों के अनुसार, मोहिनी एकादशी सहित अन्य एकादशियों पर भी अन्न नहीं खाना चाहिए। बहुत आवश्यक हो तो सिर्फ फल खाए जा सकते हैं।
एकादशी के दिन क्या उपाय करें?एकादशी व्रत के दिन आप भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं. ... . भगवान विष्णु को पंचामृत प्रिय है. ... . एकादशी व्रत वाले दिन पूजा के समय भगवान विष्णु के साथ दक्षिणावर्ती शंख की भी पूजा करें. ... . एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें और वहां पर दीपक जलाएं. ... . एकादशी के दिन शाम के समय में तुलसी की पूजा करें.. मोहिनी एकादशी का क्या महत्व है?भगवान के इसी स्वरूप की पूजा मोहिनी एकदशी के दिन की जाती है। पुराणों के अनुसार इस व्रत पूजन से मनुष्य मोह माया से ऊपर उठकर उत्तम लोक में स्थान पाने का अधिकारी बन जाता है तथा व्यक्तित्व में प्रभाव उत्पन्न होता है और व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
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