यह हार एक विराम है 5 years ago शब्द जादू है मगर क्या यह समर्पण कुछ नहीं है?जब जब मैं घास बाजरे की कलगी को इस देखता हूँ तो सचमुच सम्पूर्ण संसार विरान होते हुए दिखाई देता है। इस संस्कृति का समापन और भी सिमटा हुआ प्रतीत होने लगता है और सुमे स्वयं को अकेले ही समर्पित कर देता हूँ। कवि कहते है कि शब्द जादू है इस से अपनी भावनाओ को अभिव्यक्ति मिलती है। कवि प्रेयसी से प्रश्न करते है।
क्या हार में क्या जीत में किसकी कविता है?शिवमंगल सिंह 'सुमन' : क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं
कलगी बाजरे की कविता किसकी हैं?कलगी बाजरे की / अज्ञेय
ये उपमान मैले हो चुके हैं देवता इन प्रतीकों के कर गए हैं कूच किसकी काव्य पंक्ति है?और अधिकअज्ञेय
बल्कि केवल यही : ये उपमान मैले हो गए हैं। देवता इन प्रतीकों के कर गए हैं कूच। कभी बासन अधिक घिसने से मुलम्मा छूट जाता है। लहलहाती हवा में कलगी छरहरी बाजरे की?
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