लार ग्रंथि क्या है और कितने प्रकार की होती हैं?लार ग्रंथियां मुखगुहिका में लार को स्रावित और भोजन के पाचन क्रिया में मदद करती हैं. इसमें 98% जल और 2% जल, श्लेष्म (म्यूसिन), एन्जाइम, इलेक्ट्रोलाइट्स, जीवाणुरोधी यौगिक, बलगम, आदि होता है. आइये इस लेख के माध्यम से लार ग्रंथि, उसके प्रकार और कार्य के बारे में अध्ययन करते हैं. Show
: What are Salivary Glands, Functions and its types? लार ग्रंथियां हमारे मुंह में मौजूद एक ऐसा अंग हैं जो लार बनाती है. यह केवल स्तनधारियों में पाई जाती है. यह एक एक्सोक्राइन ग्रंथि है जो शरीर के बाहर या शरीर के गुहा के भीतर पदार्थों को निकालती है. लार में बलगम,
लवण, जीवाणुरोधी यौगिक, एंजाइम और पानी के साथ विभिन्न रसायन शामिल होते हैं जो मुंह में पीएच को नियंत्रित करते हैं. क्या आप जानते हैं कि जब हम किसी स्वादिष्ट भोजन को देखते है या सोचते है तो लार की मात्रा बढ़ जाती है? परन्तु जब हम सोते है तो यह घट जाती है. मूल रूप से, लार एक जल पदार्थ है और पाचन तंत्र का एक हिस्सा है. लार ग्रंथियां 24 घंटे में लगभग 1 से 1.5 लीटर तक लार को स्रावित करती हैं. वास्तव में 99% लार में पानी होता है. यह मुंह को नम और स्वच्छ रखता है, चबाने, निगलने और पाचन प्रक्रिया में मदद
करता है. आइये इस लेख में लार ग्रंथि क्या होती है, कैसे कार्य करती है, कितने प्रकार की होती है आदि के बारे में अध्ययन करते हैं. Source: www.headandneckcancerguide.org.com ये हम जानते हैं कि लार एक तरल तथा चिपचिपे श्लेष्म का मिश्रण है. आकार और कार्यात्मक महत्व के अनुसार यह दो प्रकार की होती हैं: लघु या सहायक लार ग्रन्थियाँ और वृहद या प्रमुख लार ग्रन्थियाँ. 1. लघु या सहायक लार ग्रन्थियाँ (Minor Salivary Gland) ये होठों, कपोलों (गालों), तालु एवं जीभ पर ढँकी श्लेष्मिका में उपस्थित अनेक छोटी–छोटी सीरमी एवं श्लेष्मिका ग्रन्थियाँ होती हैं जो इन सतहों को गीला करती है. क्या आप जानते हैं कि लगभग 800 या 1000 लघु लार ग्रंथियां पूरे मुंह में स्थित हैं? ये लार को सीधे मुंह में स्रावित करती हैं. अर्थात ये श्लेष्मिका कला को नम बनाए रखने के लिए थोड़ी–थोड़ी मात्रा में सीधे ही लार का स्रावण मुखगुहा में सदैव करती रहती हैं. 2. वृहद या प्रमुख लार ग्रन्थियाँ (Major Salivary Gland) हमारी मुख गुहिका में लार की अधिकांश मात्रा का स्रावण तीन जोड़ी बड़ी लार ग्रन्थियों के द्वारा होता है। ये मुखगुहिका के बाहर स्थित होती हैं और अपनी वाहिकाओं द्वारा स्रावित लार को मुखगुहिका में मुक्त करती हैं। ये ग्रन्थियाँ बहुकोशिकीय तथा पिण्डकीय होती हैं और जबड़े के दोनों किनारों पर सममित रूप से स्थित हैं. ये निम्नलिखित हैं: अधोजिह्वा सबलिंगुअल लार ग्रंथि, अधोहनु या सबमैक्सिलरी या सबमैण्डीबुलर लार ग्रंथि और कर्णमूल या पैरोटिड लार ग्रंथि. क्या आप जानते हैं कि किन मानव अंगों को दान किया जा सकता है मानव पाचन तंत्र: अंग, कार्य और कैसे यह काम करता है लार ग्रंथियाँ कितने प्रकार की होती हैं?आकार और कार्यात्मक महत्व के अनुसार यह दो प्रकार की होती हैं: लघु या सहायक लार ग्रन्थियाँ और वृहद या प्रमुख लार ग्रन्थियाँ.. लघु या सहायक लार ग्रन्थियाँ (Minor Salivary Gland) ... . वृहद या प्रमुख लार ग्रन्थियाँ (Major Salivary Gland). लार में कितने एंजाइम होते हैं?Solution : लार में टायलिन (ptyalin) नामक एन्जाइम पाया जाता है।
सबसे छोटी लार ग्रंथि कौन सी है?सबमांडिबुलर ग्रंथियां पैरोटिड ग्रंथियों की तुलना में छोटी होती हैं। 2 सबमांडिबुलर ग्रंथियां हैं। प्रत्येक ग्रंथि निचले जबड़े के पीछे होती है, बस ठोड़ी और जीभ के नीचे, चेहरे के दोनों ओर। सब्बलिंगुअल ग्रंथियां प्रमुख लार ग्रंथियों में सबसे छोटी होती हैं।
लार में कौन सी ग्रंथि पाई जाती है?स्तनधारियों की लाला गर्ंथियाँ या लार ग्रंथिया (salivary glands) लाला (लार) उत्पन्न करने वाली बहिःस्रावी ग्रंथियाँ है। लार में बहुत से पदार्थ होते हैं जैसे, एमाइलेज (amylase) जो स्टार्च को माल्टोज और ग्लूकोज में तोड़ देता है।
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