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लेखक के जूते का कौन सा भाग फटा हुआहैं?answers: 1 Register to add an answer The time for answering the question is over 114 cents Answer: प्रेमचंद के फटे जूते (व्यंग्य): हरिशंकर परसाई प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियां उभर आई हैं, पर घनी मूंछें चेहरे को भरा-भरा बतलाती हैं। Nov 26, 2020 For answers need to register. Other questions in: - Hindiविषयसूची
लेखक के जूते का तला क्यों घिस गया है?इसे सुनेंरोकेंExplanation: लेखक को याद आता है कि ईश्वर-भक्त संत कवि कुंभनदास का जूता भी फतेहपुर सीकरी आने-जाने से घिस गया था। लेखक को याद आता है कि ईश्वर-भक्त संत कवि कुंभनदास का जूता भी फतेहपुर सीकरी आने-जाने से घिस गया था। शूज की मीनिंग क्या होगी? इसे सुनेंरोकेंजूता MEANING IN ENGLISH – EXACT MATCHES Usage : My father bought a new shoe for me. लेखक को कौन सी विडंबना चुभी और क्यों?इसे सुनेंरोकें’प्रेमचंद के फटे जूते’ में लेखक को कौन-सी विडम्बना चुभी और क्यों? उत्तर. प्रेमचंद जैसे महान् साहित्यकार जिसे उपन्यास-सम्राट, युग-प्रवर्तक, महान् कथाकार और न जाने क्या-क्या कहा गया, के पास पहनने के लिए एक सही जूता भी न था। उनकी यह स्थिति और गरीबी की विडम्बना लेखक को चुभी। लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं *? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न (क) लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि प्रेमचंद जूते और टोपी के अनुपातिक मूल्य के मारे हुए थे? उत्तर. लेखक के अनुसार प्रेमचंद को मान-सम्मान तो बहुत मिलता था पर वे धनहीन थे, इसलिए लेखक ने यह कहा, प्रेमचंद जूते और टोपी के अनुपातिक मूल्य के मारे हुए थे। इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई जी को क्या देखकर चुभन होती थी?इसे सुनेंरोकेंइस पाठ के लेखक ‘हरिशंकर परसाई’ जी को क्या देखकर चुभन होती थी? उत्तर: प्रेमचंद जी का जूता फटा हुआ देखकर। प्रश्न 10. इस पाठ के अनुसार कैसे लोग व्यक्तित्व सच्चाई और सादगी को अपनाने वाले हैं? लेखक यह क्यों सोचता है कि उस आदमी की अलग अलग पोशाकें नहीं होंगी? इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद के बारे में लेखक का विचार इसलिए बदल गया क्योंकि उसे लगा कि प्रेमचंद एक सीधे-साधे व्यक्ति थे वह फोटो खिंचवाने के लिए साधारण पोशाक में आए थे। वे अपनी वेशभूषा के बारे में अधिक ध्यान नहीं देते थे। वे एक साधारण व्यक्ति के समान उपलब्ध साधनों के अनुसार ही वेशभूषा धारण करते थे। उन्हें दिखावे में विश्वास नहीं था। चप्पल को इंग्लिश में क्या बोले?इसे सुनेंरोकेंचप्पल MEANING IN ENGLISH – EXACT MATCHES Usage : Mules are used in driving the carts. लेखक के अनुसार प्रेमचंद के फोटो खिंचवाने का क्या कारण रहा होगा? इसे सुनेंरोकेंसोचता हूँ-फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी-इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है। यह जैसा है, वैसा ही फोटो में खिंच जाता है। के साथ लेखक किस विडंबना की बात करते हैं विडंबना का स्वरूप क्या है?इसे सुनेंरोकेंलेखक के रूप में बी. आर अम्बेडकर जाति व्यवस्था की विडंबना की बात करते हैं। उनके अनुसार, उनकी जाति के आधार पर मजदूरों का विभाजन विवादास्पद और अमानवीय है। इस विडंबना की प्रकृति पूरी तरह से घातक है क्योंकि यह अंततः सामाजिक भेदभाव का रूप लेती है और वर्ग अलगाव जैसी कई बुरी प्रथाओं को जन्म देती है। आज के ज़माने में एक जूते पर कितनी टोपियाँ निछावर होती है प्रेमचंद के फटे जूते पाठ के आधार पर बताइए? इसे सुनेंरोकेंजूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। उत्तर: जूते को पैर में पहना जाता है और टोपी सिर की शान बढ़ाता है। फिर भी आज के जमाने में टोपी के मुकाबले जूते की कीमत इतनी बढ़ गई है कि अच्छे अच्छे लोग किसी शक्तिशाली व्यक्ति के तलवे चाटने लगते हैं। लेखक यह क्यों सोचते हैं कि उस आदमी की अलग अलग पोशाकें नहीं होंगी?इसे सुनेंरोकेंपाठ में एक जगह लेखक सोचता है कि ‘फोटो खिंचाने कि अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि ‘नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी। फिर लेखक को लगा कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिलकुल भिन्न हैं क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं। इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक को याद आता है कि ईश्वर-भक्त संत कवि कुंभनदास का जूता भी फतेहपुर सीकरी आने-जाने से घिस गया था। अचानक लेखक को समझ आया कि प्रेमचंद का जूता लंबा चक्कर काटने से नहीं फटा होगा बल्कि वे सारे जीवन किसी कठोर वस्तु को ठोकर मारते रहे होंगे। नेम धर्म वाली कमजोरी किसकी है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर. प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने प्रेमचंद के प्रसि( उपन्यास गोदान के ‘होरी’ नामक पात्र का उल्लेख किया है। उसे उसकी ‘नेम-धरम’ (नियम और धर्म की) की कमजोरी ले डूबी। प्रेमचन्द्र फटा जूता बड़े ठाठ से क्यों पहनते थे?इसे सुनेंरोकेंजूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। तुम भी जूते और टोपी के आनुपातिक मूल्य के मारे हुए थे। यह विडंबना मुझे इतनी तीव्रता से पहले कभी नहीं चुभी, जितनी आज चुभ रही है, जब मैं तुम्हारा फटा जूता देख रहा हूँ। सर्वाधिक रबर उत्पादक राष्ट्र कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंथाईलैंड, इण्डोनेशिया, मलेशिया, भारत, चीन तथा श्रीलंका प्रमुख उत्पादक देश है। भारत का विश्व उत्पादन में चौथा स्थान है परन्तु घरेलु खपत अधिक होने के कारण यह रबर का आयात करता है। रबर का आदिमस्थान अमरीका है। प्रेमचंद के फटे जूते पाठ में वर्णित प्रेमचंद की कौन सी मुसकान लेखक के हौसले पस्त कर देती है?इसे सुनेंरोकेंबाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। लोग तो इत्र चुपड़कर फ़ोटो खिंचाते हैं जिससे फ़ोटो में खुशबू आ जाए। तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। लेखक यह क्यों सोचता है कि उस आदमी की अलग अलग पोशाके नहीं होंगी? इसे सुनेंरोकेंलेखक ने पहले सोचा प्रेमचंद खास मौके पर इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे क्योंकि लोग प्रायः दैनिक जीवन में साधारण कपड़ों का प्रयोग करते हैं और विशेष अवसरों पर अच्छे कपड़ों का। लेखक के जूते का कौन सा भाग फटा हुआ है?इसे सुनेंरोकेंAnswer: अन्गूठे का भाग।। प्रेमचंद के चेहरे पर कैसी मुसकान थी और क्यों? इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद के चेहरे पर अधूरी मुसकान थी। इसका कारण यह था कि प्रेमचंद महान साहित्यकार होकर भी अभावग्रस्त जिंदगी जी रहे थे। अभावों से उनकी मुसकान खो सी गई थी। फ़ोटोग्राफ़र के कहने पर भी वे ठीक से जल्दी से मुसकरा न पाए और मुसकान अधूरी रह गई। प्रेमचंद की व्यंग्य मुस्कान लेखक पर क्या प्रभाव डालती है?इसे सुनेंरोकेंExplanation: लेखक को प्रेमचंद्र की व्यंग मुस्कान चुभती झुकती है । लेखक यह सोचते हैं कि उस समय प्रेमचंद जब फोटो खींचा ने जा रहे थे , तब किसी का भी जूता मांग कर पहन लेते और फोटो खिंचवा लेते । क्योंकि फोटो तो सदियों तक भी रखी जा सकती है । टीलों का क्या अर्थ है *? इसे सुनेंरोकें’प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ के आधार पर बताइए(a)टीलों का अर्थ- बड़ी-बड़ी चट्टानें हैं। (b)टीला पठार की तरह ऊँची भूमि को कहते हैं। (c)यहाँ टीलों का अर्थ उन रूढ़ियों से है, जिनके कारण हमारा समाज आज भी अंधकारग्रस्त है। |