Here is a compilation of Free MCQs of Class 9 Hindi Sparsh book Chapter 1 Dukh ka Adhikar by Yashpal. Students can practice free MCQs as have been added by CBSE in the new Exam pattern. The Answer key has been provided at the end of the questions.
प्रश्न 1 – लेखक किसके रोने का कारण नहीं जान सका ? प्रश्न 2 – बुढ़िया के दुःख को देख कर लेखक को किसकी याद आई ? प्रश्न 3 – समाज में मनुष्यों का अधिकार और उसका दर्जा कैसे सुनिश्चित होता है ? प्रश्न 4 – खरबूजे बेचने वाली बुढ़िया के बेटे का क्या नाम था ? प्रश्न 5 -पुत्र की मृत्यु के अगले दिन किसे बाज़ार आना पड़ा ? प्रश्न 6 – बुढ़िया को पुत्र की मृत्यु के अगले ही दिन बाज़ार क्यों आना पड़ा ? प्रश्न 7 – कहानी में किसके मरने पर तरह दिन का सूतक कहा गया है ? प्रश्न 8 – बुढ़िया के बच्चे की मृत्यु कैसे हुई ? प्रश्न 9 – कहानी में लोगों ने किसे ‘पत्थर दिल’ कहा है ? प्रश्न
10 – कपड़े में मुँह को छिपाए सिर को घुटनों पर रखकर कौन रो रहा था ? प्रश्न 11 – किसकी मृत्यु के पश्चात् बुढ़िया के परिवार का पालन-पोषण करने वाला कोई नहीं था ? प्रश्न 12 – बाज़ार में लोग बुढ़िया को किस दृष्टि से देख रहे थे ? प्रश्न
13 – साँप के काटने पर बुढ़िया किसको बुला लाई ? प्रश्न 14 – किसके दुःख को देखकर लेखक को संभ्रांत महिला की याद आई ? प्रश्न 15 – लेखक के अनुसार किसे दुःख मनाने का अधिकार नहीं है ? प्रश्न 16 – बुढ़िया
बाजार में क्या बेचने गई थी ? प्रश्न 17 – बुढ़िया का हाल पूछने में लेखक को किस के कारण परेशानी थी? प्रश्न 18 – लेखक के अनुसार बुढ़िया को कोई क्यों उधार नहीं देता ? प्रश्न 19 – लोगों के अनुसार
बुढ़िया को कितने दिन सूतक करना चाहिए था ? प्रश्न 20 – साँप के काटने के कारण लड़के का शरीर कैसा हो गया था? ANSWER KEY
बुढ़िया को कोई उधार क्यों नहीं दे रहा था?बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नहीं देता? उत्तर:- बुढिया का बेटा मर गया था इसलिए बुढ़िया को दिए उधार को लौटने की कोई संभावना नहीं थी। इस वजह से बुढ़िया को कोई उधार नहीं देता था।
लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाज़ा कैसे लगाया?उत्तर : बुढ़िया के दुख का अंदाजा लगाने के लिए लेखक अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुखी संभ्रांत महिला के बारे में सोचने लगा। वह माता अपने पुत्र की मृत्यु के बाद अढा़ई मास तक पलंग से खड़ी न हो सकी थी तथा वह १५- १५ मिनट में अपने पुत्र के वियोग में बेहोश हो जाती थी। उसकी आंखों से आंसू बहते रहते थे।
बुढ़िया के दुःख को देख कर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद क्यों आई?Answer: बुढ़िया के दुख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद इसलिए आई कि उस संभ्रांत महिला के पुत्र की मृत्यु पिछले साल ही हुई थी। पुत्र के शोक में वह महिला ढ़ाई महीने बिस्तर से उठ नहीं पाई थी। उसकी तीमारदारी में डॉक्टर और नौकर लगे रहते थे।
दुख मनाने का अधिकार किन्हें नहीं है और क्यों?दुःख की अनुभूति समाज का प्रत्येक वर्ग करता है परन्तु दुःख मनाने का अधिकार सबको नहीं है वह केवल सम्पन्न वर्ग को ही प्राप्त है क्योंकि उसके पास शोक मनाने के लिए सहूलियत भी है और समय भी। गरीब वर्ग की विवशता न तो उन्हें दु:ख मनाने की सुविधा प्रदान करती है न अधिकार।
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