लाजवर्त रत्न कितने रत्ती का पहने? - laajavart ratn kitane rattee ka pahane?

नीलम की तरह यह भी नीले रंग का होता है। गाढ़े नीले रंग का लैपिस (लाजावर्त) ज्‍यादा अच्‍छा माना जाता है बशर्ते इसमें हरे या भूरे रंग के व्‍यवस्‍थ‍ित पैटर्न हों।

कैसे धारण करें- लाजावर्त को चांदी की अंगूठी में बनवा के सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है। इसे गले में भी धारण किया जाता है। इसे धारण करने से पहले किसी ज्योतिष से अवश्य सलाह लें।

लाजवर्त रत्न कितने रत्ती का पहने? - laajavart ratn kitane rattee ka pahane?

इस मणि को धारण करने के लाभ- कहते हैं कि लाजावर्त मणि को धारण करने से बल, बुद्धि एवं यश की वृद्धि होती ही है। माना जाता है कि इसे विधिवत रूप से मंगलवार के दिन धारण करने से भूत, प्रेत, पिशाच, दैत्य, सर्प आदि का भी भय नहीं रहता।

लाजावर्त मणि या पत्‍थर तीनों क्रूर ग्रहों (शनि, राहु और केतु) के दोषों और कुप्रभावों को भी खत्म करता है। व्यक्ति घटना, दुर्घटनानों से बच जाता है। इससे सभी तरह का काला जादू और किया-कराया समाप्त हो जाता है। यह मणि पितृदोष को भी समाप्त कर देती है।

कहते हैं कि इससे नौकरी या व्यवसाय में आ रही अड़चने भी दूर होती है। विद्यार्थियों के लिए यह आत्मविश्वास बढ़ाने वाला माना जाता है। इसको धारण करने से तनाव या अवसाद कम होता है।

एस्ट्रो अंकल आज आपको बताएंगे लाजवर्त पहनने के लाभ के बारे में. लाजवर्त शनि का रत्न है, इससे आजादी और सच्चाई का प्रतीक माना जाता है, इसे पहनने से यादाश्त अच्छी होती है, इसे बच्चों को पहनना चाहिए. गले या आवाज संबंधित परेशानी हो तो लाजवर्त पहनना चाहिए, फरवरी में जिनका जन्म हुआ है उन्हें लाजवर्त पहनना चाहिए. जिनकी राशि धनु है वो लाजवर्त पहनें, इसे पहनने से शनि के अच्छे प्रभाव होते हैं, इसे पहनने से हीलिंग हो जाती है.

In this episode, Astro Uncle will tell you the astrological significance of using Lapis Lazuli gemstone. It is considered as a stone of communication that brings truthfulness, openness and mental clarity. Lapis Lazuli is the substitute of Blue Sapphire (gemstone of Saturn). If you are born in February, this is the right stone for you. It helps in curing speech related problems. Watch this video to know more.

Lajward Gemstone Benefits: ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह का वर्णन मिलता है। इन 9 ग्रहों के अपने-अपने प्रतिनिधि रत्न हैं। अगर आपकी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में विराजमान हैं तो उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करके उसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं लाजवर्त स्टोन के बारे में। जिसका संबंध राहु- केतु और शनि ग्रह से माना जाता है। यह रत्न तीनों ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम करने की शक्ति रखता है। आइए जानते हैं लाजवर्त धारण करने की विधि और इसके लाभ…

जानिए कैसा होता है लाजवर्त

लाजवर्त बाजार में आसानी से मिल जाता है। यह ज्यादा महंगा भी नहीं होता है। लाजवर्त नीले रंग का होता है। इसके ऊपर गोल्डन रंग की धारियां होती हैं।  ये रत्न अफगानिस्तान, यूएसए और सोवियत रूस में भी पाया जाता है।

ये लोग कर सकते हैं धारण

रत्न विज्ञान मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में शनि सकारात्मक (उच्च) के स्थित हो, वो लोग लाजवर्त को धारण कर सकते हैं। साथ ही मकर और कुंभ राशि, लग्न वाले लाजवर्त धारण कर सकते हैं। क्योंकि इन राशियों पर शनि देव का आधिपत्य है। वहीं अगर कुंडली में राहु- केतु सकारात्मक (उच्च) के स्थित हों तो भी लाजवर्त पहना जा सकता है। लाजवर्त के साथ मूंगा और माणिक्य पहनने से बचना चाहिए।

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लाजवर्त धारण करने के लाभ:

रत्न विज्ञान मुताबिक लाजवर्त धारण करने से मानसिक क्षमता का विकास होता है। साथ ही नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मका आती हैं। कार्यक्षेत्र और बिजनेस में सफलता मिलती है।  लाजवर्त रत्न दुर्घटनाओं से बचाता है। साथ ही इस रत्न को धारण करने से भाग्य का साथ मिलता है और धन आगमन के मार्ग खुलते हैं।

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इस विधि से करें धारण

रत्न शास्त्र अनुसार लाजवर्त को कम से कम सवा 8 से सवा 10 रत्ती का पहनना चाहिए। इसको शनिवार के दिन चांदी में धारण किया जा सकता है। इसको लॉकेट, अंगूठी और ब्रेसलेट में भी धारण किया जा सकता है। लाजवर्त मध्यमा उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है। इसे पहनने से पहले सरसों या तिल के तेल में पांच घंटे पहले डुबोकर रखें। इसके बाद शनि देव के बीज का मंत्र का 108 बार जप करें। साथ ही शाम के समय इसे धारण करें।

लाजवर्त कितने रत्ती का पहनना चाहिए?

कम से कम दस कैरेट का लाजवर्त रत्न धारण करना अच्छा माना जाता है। इससे ऊपर 15-20 कैरेट का भी पहना जा सकता है। ज्योतिषी बताते हैं कि लाजवर्त रत्न कम समय के लिए ही पहनना चाहिए।

कितने वजन का रत्न पहनना चाहिए?

राधे राधे मित्रों, रत्न अपने वजन के हिसाब से धारण किया जाता है, मान लीजिए यदि आपका वजन 50kg है तो आपको 5 कैरेट का रत्न धारण करना चाहिए । यदि रत्ती की बात करें तो 5 कैरेट = 6 रत्ती होता है मतलब 1 कैरेट = 1.2 कैरेट और 1 ग्राम = 5 कैरेट इस प्रकार से रत्न को धारण किया जाता है ।

कितने रत्ती का पहनना चाहिए?

पन्ना- कम से कम तीन रत्ती से छह रत्ती का होना चाहिए। पुखराज- कम-से-कम तीन रत्ती से चार रत्ती का होना चाहिए। 6,11 या 15 रत्ती का पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए। मोती- कम-से-कम 4,6,2 या 11 रत्ती का होना चाहिए, परन्तु 7 अथवा 8 रत्ती का कभी नहीं पहनना चाहिए

लाजवर्त कौन पहने?

किसे पहनना चाहिए लाजवर्त ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन जातकों की कुंडली में शनि उच्च हो और इसके कारण जीवन में परेशानी आ रही हो तो ऐसे में उन्हें लाजवर्त धारण करना चाहिए. इसके अलावा कुंभ और मकर लग्न की राशि के लोग इसे पहन सकते हैं. कुंडली में राहु केतु दोष को दूर करने के लिए भी पहना जा सकता है.