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गैस लाइटर (gas lighter) वह युक्ति है जिससे गैस के चूल्हे जलाये जाते हैं। यह उन गैस चूल्हों को ज्वलित करने के लिये प्रयोग किया जाता है जिनमें स्वचालित ज्वालन प्रणाली (automatic ignition systems) नहीं होती। गैस लाइटर पीजो-विद्युत-प्रभाव के आधार पर काम करता है। इसमें एक पीजो-इलेक्ट्रिक क्रिस्टल पर एक हथौड़ा तेज गति से टकराता है जिससे लगभग ८०० वोल्ट पैदा होता है। इस वोल्टता के कारण एक चिनगारी (स्पार्क) पैदा होती है जो गैस को जला देती है। PDF डाउनलोड करें। PDF डाउनलोड करें। अगर आपके पास एक स्टैंडर्ड डिस्पोज़ेबल, लॉन्ग स्टेम्ड (long-stemmed) या लंबे डंडे वाला, ब्यूटेन (butane) या विंडप्रूफ ज़िपो लाइटर (windproof Zippo lighter) है, तो आपको कभी न कभी उसे फिर से भरना ही पड़ेगा। अपने लाइटर को फिर से भरना आसान होता है और इसमें केवल कुछ ही मिनट का समय लगता है। जब भी आपके लाइटर की लौ कम या धीमी होनी शुरू हो जाए या फिर जब आपके लाइटर में से लौ निकलना ही बंद हो जाए, तब उसमें बस सही प्रकार का फ्यूल या ईंधन भर लें। लाइटर को भरने के दौरान हमेशा सावधानी बरतें।
सलाह
चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
विकीहाउ के बारे मेंसभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो २,३५८ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?लाइटर में क्या भरा होता है?एक ऑथेंटिक ज़िपो लाइटर फ्लुइड का यूज करें: इसी तरह के लाइटर के लिए बने लाइटर फ्लुइड के दूसरे ब्रांड भी ज़्यादातर समय काम करेंगे, लेकिन मैन्युफ़ेक्चरर के द्वारा लाइटर के सही तरीके से काम करने की पुष्टि के लिए, ज़िपो फ्लुइड को ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
गैस लाइटर कैसे काम करता है?गैस लाइटर पीजो-विद्युत-प्रभाव के आधार पर काम करता है। इसमें एक पीजो-इलेक्ट्रिक क्रिस्टल पर एक हथौड़ा तेज गति से टकराता है जिससे लगभग ८०० वोल्ट पैदा होता है। इस वोल्टता के कारण एक चिनगारी (स्पार्क) पैदा होती है जो गैस को जला देती है।
सिगरेट लाइटर में कौन सी गैस प्रयोग की जाती है?सिगरेट जलाने के लाइटर में ब्यूटेन गैस का प्रयोग किया जाता है ।
खराब लाइटर कैसे सही करें?सुनिश्चित करें कि ब्यूटेन कैन का नॉज़ल लाइटर के नीचे वाले छेद में फिट हो सकता है। इसे लाइटर की सीधी पोजीशन में कैन के टॉप पर फिट होना है। आप नॉज़ल को अंदर घुसाकर, फिर पूरे कनेक्शन को ऊपर से नीचे की तरफ़ फ्लिप करना चाहेंगे ताकि लाइटर कैन के नीचे रहे। अब प्रेशर को तब तक डालें जब तक आपको लाइटर की मेटल ठंडी न लगने लगे।
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