लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?
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लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

गैस लाइटर (gas lighter) वह युक्ति है जिससे गैस के चूल्हे जलाये जाते हैं। यह उन गैस चूल्हों को ज्वलित करने के लिये प्रयोग किया जाता है जिनमें स्वचालित ज्वालन प्रणाली (automatic ignition systems) नहीं होती। गैस लाइटर पीजो-विद्युत-प्रभाव के आधार पर काम करता है। इसमें एक पीजो-इलेक्ट्रिक क्रिस्टल पर एक हथौड़ा तेज गति से टकराता है जिससे लगभग ८०० वोल्ट पैदा होता है। इस वोल्टता के कारण एक चिनगारी (स्पार्क) पैदा होती है जो गैस को जला देती है।

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अगर आपके पास एक स्टैंडर्ड डिस्पोज़ेबल, लॉन्ग स्टेम्ड (long-stemmed) या लंबे डंडे वाला, ब्यूटेन (butane) या विंडप्रूफ ज़िपो लाइटर (windproof Zippo lighter) है, तो आपको कभी न कभी उसे फिर से भरना ही पड़ेगा। अपने लाइटर को फिर से भरना आसान होता है और इसमें केवल कुछ ही मिनट का समय लगता है। जब भी आपके लाइटर की लौ कम या धीमी होनी शुरू हो जाए या फिर जब आपके लाइटर में से लौ निकलना ही बंद हो जाए, तब उसमें बस सही प्रकार का फ्यूल या ईंधन भर लें। लाइटर को भरने के दौरान हमेशा सावधानी बरतें।

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    रीफिल वॉल्व (refill valve) ओपन करें: लाइटर को उल्टा पलट लें: वहाँ पर नीचे एक छोटा छेद होगा, जिसके आगे एक और दूसरा छोटा सा छेद होगा। उस छेद में एक पुश पिन अंदर डालें, लाइटर को पलट लें, ताकि पिन आपके वर्क सर्फ़ेस पर रखी रहे और लाइटर को मजबूती के साथ दबाएँ।[१]

    • पिन के अंदर जाने के साथ ही उसके द्वारा अंदर मौजूद मेटल की बीबी (beebee) के भाग को उसकी जगह से हटाने की वजह से आपको एक "पॉप या खुलने" का हल्का सा साउंड सुनाई देना और महसूस होना चाहिए। ये बीबी रिलीज वाल्व को सील कर देती है और फिर इसे रास्ते से बाहर धकेल दिया जाना चाहिए।
    • मेटल के बीबी सील के हटने की पुष्टि करने के लिए, पुश पिन को अंदर ही डालकर, लाइटर को शेक करें। आपको मेटल के बीबी की खड़खड़ाने की आवाज सुनाई देना चाहिए।[२]

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    बची हुई हवा लाइटर निकाल लें: ऐसा केवल खाली लाइटर्स में ही किया जाना चाहिए। लाइटर को अपने चेहरे से दूर पॉइंट करें और पुश पिन को निकाल दें। पिन के निकलने के बाद आपको हवा की एक आवाज सुनाई देना चाहिए।[३]

    • अंदर फ्यूल भरे लाइटर को खाली करने की कोशिश करने की वजह से उसके अंदर का फ्यूल को रीफिल वॉल्व से बाहर निकल जाएगा।
    • फ्यूल को आपकी वर्क सर्फ़ेस पर आने से रोकने के लिए, न्यूज़पेपर या एक कपड़े से उसे ढँक दें।
    • फ्यूल के सामने आए किसी भी एरिया को पानी में भीगे एक कपड़े से पोंछ लें। इसके साथ ही, आपके हाथों पर भी फ्यूल लग सकता है। उन्हें भी साबुन के पानी से धो लें।

  3. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    रबर बैंड के साथ अपने ब्यूटेन एप्लीकेटर पर एक सील तैयार कर दें: आपके ब्यूटेन एप्लिकेटर के लाइटर रिफिल वॉल्व में पूरी तरह से फिट आने की उम्मीद कम ही रहती है। इसकी वजह से गाइड लीक हो सकती है। एप्लीकेटर पर मजबूती के साथ आने वाले तीन रबर बैंड लगा दें।

    • आखिरी के रबर बैंड को ब्यूटेन स्प्रे एप्लीकेटर के सिरे से थोड़ा आगे तक बढ़ना चाहिए।
    • गोलाकार रबर बेंड्स को आपके लोकल हार्डवेयर स्टोर के हार्डवेयर सेक्शन में कई तरह के पैक्स में खरीदा जा सकता है।[४]

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    लाइटर में ब्यूटेन भर लें: लाइटर को उल्टा पलट लें, ताकि उसका नीचे का भाग ऊपर की तरफ आ जाए और उसका ऊपरी भाग आपके वर्कस्पेस के ऊपर रहे। एप्लीकेटर की रबर से ढंके सिरे को रीफिल वॉल्व में इन्सर्ट कर दें। बॉटल के रिलीज वॉल्व को खोलने के लिए बॉटल को नीचे दबाएँ।[५]

    • रबर बैंड के द्वारा तैयार हुई सील की वजह से, आपको लाइटर के भरने के बाद किसी भी तरह की आवाज सुनाई नहीं देगी।
    • लाइटर को करीब 5 सेकंड के अंदर पूरा भर जाना चाहिए। ये काम पूरा होने के बाद, रीफिल बॉटल के ऊपर से प्रैशर को हटाएँ, लेकिन एप्लीकेटर को रीफिल वॉल्व में ही अंदर रखें।[६]

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    रीफिल वॉल्व को सील कर दें: एप्लीकेटर से रीफिल वॉल्व को हटा लें और जल्दी से वॉल्व को अपने अंगूठे से सील कर दें। वॉल्व को अपने अंगूठे से टाइटली पकड़ें और अपने दूसरे हाथ से पुश पिन को उठा लें। आप से जितना हो सके, उतनी जल्दी दिखाएँ, अपने अंगूठे को हटाएँ और पुश पिन से छेद को प्लग कर दें।

    • जब आपका अंगूठा रीफिल वॉल्व पर जाएगा, तब आपको एक हिस्स (hiss) जैसा साउंड सुनाई देगा। फ्यूल को बाहर निकलने से रोकने के लिए अपने अंगूठे को मजबूती के साथ वहीं पर बनाकर रखें।
    • डिस्पोज़ेबल लाइटर को रीफिल करने का ये भाग शुरूआत में मुश्किल लग सकता है। आपके द्वारा अभी-अभी भरे फ्यूल को बाहर निकलने से रोकने के लिए बहुत तेजी से मूव करें।[७]

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    जब जरूरत पड़े, तब पुश पिन के सिरे को निकाल लें: अगर आपने एक कॉन्टोर प्लास्टिक एंड के साथ पुश पिन का यूज किया है, ये किसी चीज में फंस जाएगा और पिन खिंच जाएगी। क्लिपर्स की मदद से कॉन्टोर प्लास्टिक को उसके बेस से काट दें और मेटल फ़ाइल से किसी भी टेढ़ी-मेढ़ी किनार को फ़ाइल कर दें।[८]

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    केस स्क्रू हटा लें: लाइटर के केस को स्टेम के दूसरे अपोजिट एंड से जोड़कर रखने वाला एक सिंगल स्क्रू रहना चाहिए। इसे स्क्रूड्राईवर से ढीला कर लें, फिर केस को ऊपर पलट लें और स्क्रू को उसके छेद से निकालने के लिए उसे आपके वर्क सर्फ़ेस पर टैप करें।[९]

    • इस तरह के लाइटर्स पर रहने वाले स्क्रू बहुत छोटे होते हैं, इसलिए एक रेगुलर साइज का स्क्रूड्राईवर शायद इनके लिए बहुत बड़ा लगेगा। इसकी बजाय एक मिनी स्क्रूड्राईवर का इस्तेमाल करके देखें।
    • अगर आपको मिनी स्क्रूड्राईवर नहीं मिल रहा है, तो फिर ग्लासेस रिपेयर करने वाली एक किट ले आएँ। इनमें आमतौर पर मिनी स्क्रूड्राईवर होते हैं, जो शायद आपके काम आ जाए।

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    स्क्रूड्राईवर की मदद से केस की बाहरी सीम को ढीला करें: लाइटर की बाहरी सीम हल्के से ग्लू और प्लास्टिक के पिन के साथ एक-साथ जुड़ी होगी। ग्लू को ढीला करने के लिए एक नॉर्मल साइज के फ्लेट हैड स्क्रूड्राईवर बाहरी सीम के साथ चलाएं।

    • अगर आपको फ्लेट हैड स्क्रूड्राईवर नहीं मिल रहा है, तो फिर एक बटर नाइफ ही यूज करके देखें। आपको ऐसी एक पतली चीज की जरूरत होगी, जिसे आप सीम के अंदर तक डाल सकें और उसे अलग कर सकें।

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    केस को खोलें: सीम के लूज होने के बाद, फ्लेट हैड के सिरे को सीम के अंदर डालें और आराम से दूसरे सिरे वाले स्टेम या डंडे को खोद लें। जब लगभग आधा केस खुल चुका हो, स्क्रूड्राईवर को बाहर निकाल लें।[१०]

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    लाइटर इन्सर्ट (lighter insert) को निकालें: अपनी उँगलियों की मदद से दूसरे साइड वाले स्टेम को खींचकर खोल लें। बहुत ज्यादा ज़ोर से न खींचें; केस को केवल आधे भाग से ही नुकीली चीज डालकर खोला जाना चाहिए।

    • फ्यूल रिजर्वायर काफी हद तक स्टैंडर्ड डिस्पोज़ेबल लाइटर की तरह ही दिखता है। रिजर्वायर और फ्रेश डिस्पोज़ेबल लाइटर को आपके सामने साइड बाइ साइड रखें।
    • खाली किए लॉन्ग-स्टेम्ड लाइटर को साइड में कहीं भी रखा जा सकता है। आपको लाइटर के इस हिस्से की जरूरत बीच में नहीं पड़ने वाली है।

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    नए डिस्पोज़ेबल लाइटर को अलग-अलग करें: अपनी उंगली को मेटल बैंड (विंड गार्ड) के सामने के खुले हिस्से में ले जाकर उसे खोलें। फ्लिंट व्हील (flint wheel) या आग वाला पहिया, जो फ्लिंट से और फ्लिंट स्प्रिंग से जुड़ा होता है, उसे खींचें। फिर इन्सर्ट (जिसमें बटन भी होते हैं) को नीचे खींचकर, उसके स्प्रिंग और नोजल जेट से अलग कर लें।

    • इन पार्ट्स के निकल जाने के बाद, फ्यूल को गिरने से बचाने के लिए पार्ट्स निकले लाइटर को सीधा रखकर उसके पार्ट्स अलग करना जारी रखें।[११]

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    पुराने लाइटर के जेट को एक रिजर्वायर से बदल दें: रिजर्वायर के ऊपरी भाग पर भी ठीक नए लाइटर के जैसा ही एक बटन-इन्सर्ट रहेगा। इसे, इसके स्प्रिंग और नोजल को रिजर्वायर से निकाल लें। रिजर्वायर जेट, स्प्रिंग और इन्सर्ट को नए लाइटर में रिप्लेस करें।

    • जेट और स्प्रिंग बहुत आसानी से अपनी जगह पर आ जाएंगे। बटन इन्सर्ट को नॉर्मल फोर्स के साथ अंदर दबाएँ। आपको उसके लगने पर हल्की सी एक आवाज सुनाई देगी।

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    रिप्लेसमेंट रिजर्वायर को दोबारा लगाएँ: एक बार फिर से केस को नुकीली चीज की मदद खोलें। रिप्लेसमेंट रिजर्वायर को लाइटर की बॉडी में डालें, ताकि रिजर्वायर बटन और लाइटर के ट्रिगर अलाइन रहें। लाइटर को चेक करें। अगर जल रहा है, तो स्क्रू को फिर से लगा दें और यहाँ आपका काम पूरा हुआ।

    • अगर लाइटर नहीं जल रहा है, तो ऐसा हो सकता है कि रिजर्वायर बटन-इन्सर्ट, स्प्रिंग और/या जेट सही तरीके से नहीं लगे हैं।
    • रिजर्वायर को लॉन्ग-स्टेम्ड लाइटर के हैंडल के अंदर मौजूद, एक छोटे, इंटरनल केविटी या संकरी नली में लग जाना चाहिए।[१२]

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    अपने लाइटर को फिर से भरने के लिए ब्यूटेन खरीद लें: आप इन रीफिल केन को लगभग हर एक सिगरेट या सिगार वाले स्टोर, जैसे की टबेको स्टोर (तंबाकू वाली दुकान) से खरीद सकते हैं। प्लास्टिक के सिरे की बजाय, मेटल के सिरे वाली बॉटल की तलाश करें। लाइटर में ब्यूटेन डालने के लिए मेटल वाले सिरे बेहतर होते हैं।[१३]

    • लेबल इन्सट्रक्शन को पढ़कर एक बार पता कर लें कि आपके पास मौजूद लाइटर के लिए ब्यूटेन काम करती है या नहीं। बेस्ट रिजल्ट्स पाने के लिए कनिस्टर पर दिए सेफ़्टी इन्सट्रक्शन को हमेशा फॉलो करें।
    • खासतौर से ब्यूटेन लाइटर्स के लिए तैयार किए एक हाइ क्वालिटी ब्यूटेन सिलेक्ट करें। कम क्वालिटी का फ्यूल शायद अच्छी तरह से जलेगा भी नहीं।

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    काम करने के लिए एक फ्लेट, मजबूत सर्फ़ेस को चुनें: साथ में आपको इसे ऐसी किसी जगह पर भी रखना होगा, जहां पर हवा का प्रवाह सही हो। रीफिल करते समय आप ज्वलनशील गैस का सामना कर रहे होंगे। अच्छा वेंटीलेशन किसी भी जगह पर नुकसानदेह गैस को जमा होने से रोक लेता है।

    • आपका किचन या एक बाहरी एरिया, जो कि दोनों ही खुली जगह होते हैं, अपने ब्यूटेन लाइटर को रीफिल करने की सही जगह होते हैं।
    • एक खिड़की खोल लें या फिर अगर कमरे में फैन हो, तो उसे चालू कर दें। अगर खिड़कियाँ खुली रहने के बाद भी वेंटीलेशन ठीक नहीं है, तो सर्कुलेशन को बेहतर करने के लिए एक स्टेशनरी फैन का यूज करें।
    • बचा हुआ फ्लुइड और गैस शायद रीफिल करते समय वर्क सर्फ़ेस पर भी फैल सकता है। अपनी वर्कसर्फ़ेस को न्यूज़पेपर से या एक कपड़े से ढँककर सुरक्षित रखें।[१४]

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    अपने लाइटर को खाली करें: लाइटर के अंदर मौजूद बचे हुए फ्यूल और हवा को खाली करें। वॉल्व को इस तरह पकड़े रहकर, ताकि वो आपके चेहरे से दूर फेस किए रहे, रीफिल लीवर को स्क्रूड्राईवर से नीचे दबाएँ।[१५] अब जब आपको हिस्स जैसा साउंड सुनाई देना बंद होगा, तब अंदर की हवा पूरी तरह से निकल चुकी होगी।[१६]

    • रीफिल लीवर को कभी-कभी निपल के नाम से भी जाना जाता है। ये ज़्यादातर ब्यूटेन लाइटर्स में नीचे मौजूद होता है और नॉर्मली ये एक ऐसे छोटे से छेद की तरह दिखता है, जिसके अंदर भी रेगुलर सर्कुलर वॉल्व रहता है।
    • अगर आपके पास में स्क्रूड्राईवर नहीं है, तो फिर एक पेन, पेपरक्लिप या फिर ऐसे ही किसी दूसरे टूल का इस्तेमाल करके वॉल्व को धकेलें और लाइटर के अंदर से बची हुई हवा को बाहर निकाल लें।
    • अगर लाइटर का फ्लुइड आपके हाथों पर या टूल्स पर स्प्रे हो जाता है, तो उसे साबुन और पानी से अच्छी तरह से धो लें। अगर आप ऐसा करना भूल जाते हैं, तो लाइटर को चेक करते समय फ्यूल शायद जल उठेगा और आपको जला बैठेगा।

  4. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    लाइटर के फ्लेम हाइट एडजस्टर को सबसे कम लेवल पर सेट करें: फ्लेम हाइट एडजस्टर आमतौर पर लाइटर में नीचे होता है और ये एक फ्लेट हैड स्क्रूड्राईवर स्लॉट के जैसे स्क्रू की तरह दिखता है। एक फ्लेट हैड स्क्रूड्राईवर का यूज करें और फ्लेम या लौ को धीमा करने के लिए स्क्रू को क्लॉकवाइज़ घुमा दें।

    • एडजस्टर को उसकी सबसे धीमी सेटिंग पर रखकर, फिर चाहे आप से गलती से ही लाइटर चालू क्यों न हो जाए, तो उसकी लौ धीमी ही रहेगी और उससे आपको कोई नुकसान या चोट नहीं पहुँच पाएगी।
    • कुछ लाइटर्स पर शायद एक माइनस साइन ( - ) के साथ मिनिमम सेटिंग को दर्शाया गया होगा। लौ को धीमा करने के लिए एडजस्टर स्क्रू को माइनस साइन की तरफ घुमा दें।[१७]

  5. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    रीफिल फ्लुइड के केन को हिलाएँ: अगर आपके पास में खासतौर से एक पुराना केन है, तो उसे कुछ बार ऊपर-नीचे हिलाएँ। समय के साथ, फ्लुइड नीचे जम जाता है और सही तरीके से स्प्रे नहीं होता है। केन को हिलाकर आप उसे रीफिल के लिए तैयार कर सकते हैं।

    • केन को शेक करके, आप फ्लुइड को अंदर पूरे में घूमता हुआ महसूस कर सकते हैं। इससे आपको उसके अंदर मौजूद मात्रा के बारे में भी एक अंदाजा मिल जाएगा।
    • लगभग खाली बॉटल में इतना फ्लुइड नहीं होता कि उससे आपका लाइटर पूरा भर सके और उसे अलग करके फ्यूल रिप्लेसमेंट का एक नया केन खरीद लेना चाहिए।[१८]

  6. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    रीफिल बॉटल के सिरे को लाइटर के रीफिल वॉल्व पर सिक्योर कर दें: सुनिश्चित करें कि आपने लाइटर को और रीफिल बॉटल को सीधा ऊपर से नीचे पकड़कर रखा है। कुछ मामलों में, बॉटल टिप शायद लाइटर के वॉल्व के ऊपर अच्छी तरह से फिट नहीं होगा। ऐसे मामले में, एक टिप एडाप्टर का यूज करें।

    • ज़्यादातर रीफिल बॉटल एक एडाप्टर के साथ में आया करती हैं, इसलिए इसके पहले कि आप रीफिल करने की कोशिश करें, सुनिश्चित कर लें कि स्टैंडर्ड टिप वॉल्व के ऊपर फिट आती है।
    • लाइटर को एक एंगल पर रखकर मत भरें। इसकी वजह से लाइटर टैंक में हवा अंदर पहुँच जाएगी। लाइटर में मौजूद हवा की वजह से लाइटर सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाएगा। इसे पूरा खाली करना और फिर रीफिल किया जाना जरूरी होता है।[१९]

  7. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    करीब 5 सेकंड के लिए लाइटर को भरें: लाइटर को बॉटल पर नीचे दबाना, बॉटल के नोजल पर रिलीज वॉल्व को हटा देगा। लाइटर को भरने के लिए उस पर मजबूती से 5 सेकंड के लिए दबाएँ।[२०]

    • भरने के बाद, अगर आपको लगता है कि लाइटर भरा नहीं है, तो इस प्रोसीजर को और 5 सेकंड के लिए दोहराएँ। कम फ्यूल वाले रीफिल केन को लाइटर को भरने में समय लग सकता है।
    • कुछ लाइटर्स में फ्यूल लेवल भी रहता है, जिसे आप चेक कर सकते हैं। अगर आपके पास में लाइटर के भरे होने की जांच करने के लिए लेवल व्यूअर है, तो उससे ब्यूटेन लेवल का पता लगाएँ।
    • लाइटर्स, जो बहुत ज्यादा ऊपर तक भरे होते हैं, वो शायद ओवरफ़्लो हो जाएंगे। ये बहुत हानिकारक हो सकता है, क्योंकि ब्यूटेन लीक हो सकती है और लाइटर जलाने पर आग पकड़ सकती है।

  8. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    आपके द्वारा चाही हुई फ्लेम लाइट चेक करें: अपने लाइटर को पलटें और एडजस्टर को उसकी शुरुआती पोजीशन पर रीसेट कर दें। आइडियली, फ्लेम को तकरीबन 1 से 1 1⁄2 inches (2.5 से 3.8 cm) तक ऊंचा होना चाहिए। लाइटर को टेस्ट करने की कोशिश करने से पहले, ब्यूटेन को कुछ मिनट के लिए सेटल हो जाने दें।

    • जैसे ही आप रीफिल कर लें और फ्लेम की हाइट को एडजस्ट कर लेते हैं, अपने लाइटर को एक मिनट का या थोड़ा और समय दें, ताकि ब्यूटेन एब्जोर्ब हो जाए।
    • जब आप ब्यूटेन के एब्जोर्ब होने का इंतज़ार करें, अपने लाइटर में लीक की जांच करें। लीक हुए फ्यूल को एक गीले कपड़े से पोंछकर साफ कर लें। कपड़े को बार-बार धोकर साफ करते रहें।
    • अगर आपका लाइटर लीक होता है, तो आपको उसके फ्यूल को खाली करना होगा और उसे दोबारा भरना होगा। लाइटर को खाली करने और उसे रीफिल करने से पहले, सबसे पहले एक बार इसके पीछे की दूसरी असली वजह के बारे में जांच कर लें।[२१]

  9. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    लाइटर को टेस्ट करें: अगर कहीं पर भी फ्यूल गिरा है या फिर आपको फ्यूल की गैस की महक भी आ रही है, तो फिर कुछ और मिनट तक उसके उड़ जाने या कम होने का इंतज़ार करें। लाइटर को अपने चेहरे से एक सेफ डिस्टेन्स पर दूर रखकर पकड़ें और फ्लेम को इग्नाइट करें। अगर फ्लेम जल नहीं पा रही है या कम लग रही है, तो आपको शायद उसमें और फ्यूल एड करना होगा।

    • ज़्यादातर ब्यूटेन लाइटर्स में, समय बीतने के साथ ब्यूटेन घुलता नहीं है। अपने लाइटर को भरने से पहले हमेशा एक बार चेक करके उसके असल में खाली होने की पुष्टि कर लें।

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    एक ऑथेंटिक ज़िपो लाइटर फ्लुइड का यूज करें: इसी तरह के लाइटर के लिए बने लाइटर फ्लुइड के दूसरे ब्रांड भी ज़्यादातर समय काम करेंगे, लेकिन मैन्युफ़ेक्चरर के द्वारा लाइटर के सही तरीके से काम करने की पुष्टि के लिए, ज़िपो फ्लुइड को ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।[२२]

    • अगर आप लाइटर फ्लुइड के अलग ब्रांड का इस्तेमाल करते हैं, तो सुनिश्चित कर लें कि वो एक प्रीमियम ब्रांड होना चाहिए। थोड़ा भी कमजोर फ्यूल आपके लाइटर को चालू नहीं कर पाएगा।
    • कभी भी चारकोल लाइटर फ्लुइड (charcoal lighter fluid) का इस्तेमाल मत करें: चारकोल लाइटर फ्लुइड को ज़िपो लाइटर के जैसे छोटे कंटेनर के लिए नहीं बनाया जाता है। चारकोल फ्लुइड का इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक हो सकता है।

  2. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    इन्सर्ट को केस से बाहर निकाल लें: इन्सर्ट, जिसमें चिमनी के आकार का विंड गार्ड रहता है, जिसे एक रेक्टेंगुलर मेटल केस के अंदर लगा रहना चाहिए।[२३] अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करके इन्सर्ट को केस से बाहर खींच लें।[२४]

    • चिमनी कैप (chimney cap), अंदर छेद वाले एक छोटे रेक्टेंगुलर पोर्शन कोपकड़ें और लाइटर को बाहर खींच लें। कुछ मामलों में, आपको इन्सर्ट को पीछे और सामने हिलाकर ढीला करने की कोशिश करना पड़ेगीं।
    • जिपो लाइटर के लिए रीफिल एक्सेस (और ज़्यादातर इसी तरह से डिजाइन किए लाइटर्स के लिए भी) इन्सर्ट में नीचे रहता है।

  3. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    फेल्ट पैड (felt pad) को उठा लें: इन्सर्ट को उल्टा पलट लें, ताकि आपको एक छोटा सर्कुलर पिन नजर आए। इस पिन के आसपास का भाग और नीचे की सीलिंग फेल्ट का एक रेक्टेंगुलर पीस रहेगा, जिसे फेल्ट पैड के नाम से जाना जाता है। फेल्ट पैड को एक स्क्रूड्राईवर से उसकी लोकेशन से ऊपर उठा लें।[२५]

    • रेक्टेंगुलर फेल्ट पैड पर उसके ऊपर “LIFT TO FILL” लिखा रहेगा। फेल्ट पैड को इस सिरे से उठाकर रेयॉन बॉल्स को सामने ले आएँ, जो कॉटन की तरह और नीचे एक पतली बाती की तरह नजर आएगा।
    • फेल्ट पैड के बीच में वहाँ पर एक छोटा सा छेद भी हो सकता है। एक छोटे स्क्रूड्राईवर या एक पेन का इस्तेमाल करें और उसे छेद में अंदर डाल दें। फेल्ट पैड को ऊपर उठाने के लिए, अपने टूल को खींचने के लायक एक लीवर की तरह यूज करें।[२६]

  4. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    लाइटर में फिर से फ्यूल भरने के लिए लाइटर फ्लुइड को जल्दी से डालें: फेल्ट पैड को पीछे रखकर, अपने लाइटर फ्लुइड के सिरे को लाइटर इन्सर्ट में रखें और आराम से दबाएँ। अब जब तक कि आपको आपके लाइटर के रेयॉन बॉल्स के ऊपर का भाग गीला होता नजर न आ जाए, तब तक इसी तरह से लाइटर फ्लुइड को भरना जारी रखें।[२७]

    • ध्यान रखें कि लाइटर फ्लुइड को आपके जिपो से बाहर मत गिरने दें या न ही उसे आपके हाथों पर आने दें।
    • नीचे गिरे भाग को एक गीले कपड़े से पोंछकर साफ कर लें। ऐसा करते समय फ्यूल को पूरा साफ करने के लिए कपड़े को बार-बार धोते रहें।
    • धीरे-धीरे भरें, ताकि आपका लाइटर जरूरत से ज्यादा न भर पाए। अगर आपके लाइटर में बहुत ज्यादा फ्लुइड भर जाता है, तो आपका लाइटर लीक होने लगेगा, जो खतरनाक हो सकता है।

  5. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    फेल्ट पैड को वापस नीचे धकेलें: फेल्ट पैड के ऊपर से अपनी पकड़ को रिलीज करें और अपनी उँगलियों या टूल की मदद से उसे वापस उसकी जगह पर ले जाएँ। उसके सही साइड को वापस पलटने से पहले, फ्लुइड को करीब 45 सेकंड के लिए सोखने दें। अपने लाइटर के बाहरी भाग को एक गीले कपड़े से या एक पेपर टॉवल से पोंछ लें।[२८]

    • अपने लाइटर को वापस केसिंग में डालने के पहले अपने हाथों को धोना भी एक अच्छा आइडिया होता है। कुछ फ्लुइड शायद आपकी जानकारी के बिना भी आपके हाथों पर लग सकते हैं।

  6. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    अपने लाइटर को वापस केसिंग में लगा दें: अपने जिपो को वापस उसकी केसिंग में स्लाइड कर दें। चिमनी को वापस उसकी जगह पर लगाने के लिए, उसे नीचे धकेलें। इन्सर्ट के काफी नीचे होने की पुष्टि करने के लिए, लिड को नीचे धकेल दें।

  7. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    अपने लाइटर को टेस्ट करें: अपने जिपो को जलाकर इस बात की पुष्टि करने की कोशिश करें कि बाती सही तरीके से फ्यूल को सोख रही है और फ्लिंट से स्पार्क निकल रही है। अगर आपका लाइटर नहीं जल रहा है, तो उम्मीद है कि फ्लिंट में ही कोई गड़बड़ है। अगले मेथड में इस पार्ट को फिक्स करने और रिप्लेस करने के बारे में जानकारी पाएँ।

    • आप आपके जिपो को रीफिल करने के बाद कुछ बार उसे जलाकर देखेंगे, आपकी फ्लेम नॉर्मल से ज्यादा बड़ी रहेगी। ऐसा होना पूरी तरह से नॉर्मल है।

  1. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    कड़क फ्लिंट व्हील की स्टिक को निकाल दें: आपको अटके फ्लिंट व्हील के फ्लिंट को रिप्लेस करने की जरूरत नहीं है। नॉर्मल फ्लिंट मेकेनिज़्म के तीन भाग होते हैं: एक स्प्रिंग, एक फ्लिंट और एक फ्लिंट व्हील। नए में, ये भाग कडक हो सकते हैं, जो फ्लेम को जलाने के लिए जरूरी स्पार्क को रोक सकते हैं। इस परेशानी को हल करने के लिए:

    • लाइटर को खोलें। इन्सर्ट को फ्लेम गार्ड से खींचकर, जो कि अंदर छेद लिए इन्सर्ट का एक उभरा हुआ हिस्सा होता है, इन्सर्ट को लाइटर केस से बाहर खींच लें।
    • इन्सर्ट के नीचे मौजूद फ्लेट स्प्रिंग को कसने वाले फ्लेट हैड स्लॉटेड स्क्रू को एक स्क्रूड्राईवर की मदद से काउंटर क्लॉकवाइज़ घुमाकर निकाल लें।
    • स्क्रू को और फ्लिंट स्प्रिंग को बाहर खींच लें। लाइटर के ऊपरी भाग को धक्का देकर फ्लिंट को लूज कर लें। फ्लिंट, स्प्रिंग को रिप्लेस कर दें और स्क्रू को वापस ढीला कर लें। आपके फ्लिंट व्हील को अब फ्री रहना चाहिए।[२९]

  2. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    फ्लिंट को रिप्लेस करने के लिए इन्सर्ट में नीचे मौजूद फ्लिंट स्क्रू को खोल लें: लाइटर इन्सर्ट को उसके केस से खींचें। इन्सर्ट को उल्टा पलट लें। आपको वहाँ पर एक ब्रास स्क्रू फ्लिंट को कसते हुए दिखाई देगा। स्क्रूड्राईवर या फिर लाइटर के केस की मदद से इसे ढीला कर दें।

  3. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    फ्लिंट को निकाल दें: इन्सर्ट के निचले भाग को ऊपर की तरफ ओरिएंट करके, ढीले किए स्क्रू को और जुड़े फ्लिंट स्प्रिंग को खींच लें। इन्सर्ट को आराम से हथेली पर टैप करके ढीले किए फ्लिंट को निकाल लें, ताकि ये आपके हाथ में आ जाए।

    • फ्लिंट एक बहुत छोटे सिलिन्डर की तरह, लगभग फ्लिंट स्प्रिंग टिप के साइज के बराबर दिखेगा। पुराने फ्लिंट्स को फेंका जा सकता है।[३०]

  4. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    फ्लिंट को रिप्लेस कर दें और फ्लिंट मेकेनिज़्म को फिर से जोड़ें: इन्सर्ट को ऐसे पकड़कर, ताकि उसका निचला भाग अभी भी ऊपर की ओर फेस किया रहा, फ्लिंट होल में एक नई फ्लिंट डाल दें। स्प्रिंग को फिर से छेद में डाल दें और स्क्रू को फिर से कस दें।[३१]

  5. लाइटर के अंदर क्या होता है? - laitar ke andar kya hota hai?

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    नए फ्लिंट को टेस्ट करें: इन्सर्ट को फिर से केस में डाल दें। केस को बंद करके सुनिश्चित करें कि केस सही तरह से लग रहा है। जब इन्सर्ट सही तरह से लग जाए, फिर अपने लाइटर को हमेशा की तरह नॉर्मली जलाएँ।

    • अगर, फ्लिंट रिप्लेस करने के बाद, आपका लाइटर अभी भी काम नहीं करता है, तो शायद उसका फ्यूल खत्म हो चुका है। जरूरत के अनुसार रीफिल फ्यूल चेक करें।

सलाह

  • अपने लाइटर को हमेशा भरपूर खुली हवा वाली एक ओपन स्पेस पर रीफिल किया करें।
  • अपने ब्यूटेन लाइटर को भरने से पहले उसके अंदर की हवा को निकालना मत भूलें।
  • भरने के बाद, अपने ब्यूटेन लाइटर को चालू करने से पहले बाहर गिर गए फ्यूल को साफ करना न भूलें।
  • अपने लाइटर को हमेशा अपने चेहरे से दूर फेस किया करें।
  • अपने लाइटर को रीफिल करने के लिए केवल सही ब्यूटेन और लाइटर फ्यूल का ही यूज करें।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • खाली डिस्पोज़ेबल लाइटर
  • पुश पिन
  • ब्यूटेन
  • रबर बैंड (x3)
  • मजबूत क्लिपर्स (ऑप्शनल)
  • मेटल फायर (ऑप्शनल)
  • स्क्रूड्राईवर्स (x2; एक छोटा और एक नॉर्मल साइज का)
  • खाली लॉन्ग स्टेम्ड लाइटर
  • नया डिस्पोज़ेबल लाइटर
  • स्क्रूड्राईवर (छोटे साइज का)
  • अपनी वर्क स्पेस को ढंकने के लिए कवर (जैसे कि न्यूज़पेपर या फिर कोई कपड़ा; वैकल्पिक)
  • ब्यूटेन
  • खाली भरने लायक ब्यूटेन लाइटर
  • खाली जिपो लाइटर
  • जिपो लाइटर फ्लुइड
  • फ्लेटहैड स्क्रूड्राईवर
  • बदलने के लिए दूसरा फ्लिंट
  • फ्लेटहैड स्क्रूड्राईवर

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

लाइटर में क्या भरा होता है?

एक ऑथेंटिक ज़िपो लाइटर फ्लुइड का यूज करें: इसी तरह के लाइटर के लिए बने लाइटर फ्लुइड के दूसरे ब्रांड भी ज़्यादातर समय काम करेंगे, लेकिन मैन्युफ़ेक्चरर के द्वारा लाइटर के सही तरीके से काम करने की पुष्टि के लिए, ज़िपो फ्लुइड को ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

गैस लाइटर कैसे काम करता है?

गैस लाइटर पीजो-विद्युत-प्रभाव के आधार पर काम करता है। इसमें एक पीजो-इलेक्ट्रिक क्रिस्टल पर एक हथौड़ा तेज गति से टकराता है जिससे लगभग ८०० वोल्ट पैदा होता है। इस वोल्टता के कारण एक चिनगारी (स्पार्क) पैदा होती है जो गैस को जला देती है।

सिगरेट लाइटर में कौन सी गैस प्रयोग की जाती है?

सिगरेट जलाने के लाइटर में ब्यूटेन गैस का प्रयोग किया जाता है ।

खराब लाइटर कैसे सही करें?

सुनिश्चित करें कि ब्यूटेन कैन का नॉज़ल लाइटर के नीचे वाले छेद में फिट हो सकता है। इसे लाइटर की सीधी पोजीशन में कैन के टॉप पर फिट होना है। आप नॉज़ल को अंदर घुसाकर, फिर पूरे कनेक्शन को ऊपर से नीचे की तरफ़ फ्लिप करना चाहेंगे ताकि लाइटर कैन के नीचे रहे। अब प्रेशर को तब तक डालें जब तक आपको लाइटर की मेटल ठंडी न लगने लगे।