क्या मैं हर साल पीपीएफ खाते में अलग अलग राशि जमा कर सकता हूं? - kya main har saal peepeeeph khaate mein alag alag raashi jama kar sakata hoon?

ज्यादातर बैंक और पोस्ट ऑफिस अपने यहां पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) अकाउंट में ऑनलाइन डिपॉजिट की सुविधा देते हैं. वैसे, ऑनलाइन तरीके का इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातों को जान लेने में भलाई है. इसके जरिये पीपीएफ अकाउंट में पैसा डिपॉजिट करने के तीन अलग-अलग तरीके हैं.

पैसा बाजार डॉट कॉम के सीईओ व सह-संस्थापक नवीन कुकरेजा कहते हैं कि कोई व्यक्ति अपने बचत खाते से ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिये अपने पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा कर सकते हैं.

एक ही बैंक में पीपीएफ और सेविंग अकाउंट होने पर आप सीधे ऑनलाइन फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. ये खाते अलग-अलग बैंकों में हैं तो बचत खाते से पीपीएफ खाते में पैसा ट्रांसफर करने के लिए NEFT या ECS का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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कुकरेजा कहते हैं, "पीपीएफ अकाउंट में समय से नियमित रूप से पैसा जमा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे सेविंग बैंक से लिंक किया जाए. फिर सेविंग अकाउंट में ऑटो डेबिट की सुविधा का इस्तेमाल करें. इससे तय समय पर एक निश्चित रकम सेविंग बैंक अकाउंट से कटकर पीपीएफ अकाउंट में जमा हो जाएगी."

यहां हम पीपीएफ अकाउंट में ऑनलाइन पेमेंट करने के कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं.

1. NEFT मोड
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर यानी NEFT एक बैंक खाते से दूसरे में फंड ट्रांसफर करने का तरीका है. यह नेट-बैंकिंग के जरिये ऑनलाइन किया जा सकता है. ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए आपके पास पीपीएफ अकाउंट नंबर और उस बैंक ब्रांच का IFSC कोड होना चाहिए, जिसमें पीपीएफ अकाउंट खुला है. NEFT ट्रांसफर सेविंग और करेंट अकाउंट दोनों से किया जा सकता है. आप इंट्रा-बैंक या इंटरबैंक ट्रांसफर भी कर सकते हैं. NEFT से कुछ समय के भीतर आपके पीपीएफ अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो जाता है.

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2. ECS के जरिये
इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सिस्टम यानी ECS मैनडेट ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आप एक बैंक से दूसरे में एक निश्चित रकम नियमित रूप से ट्रांसफर कर सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट के लिए आप ECS मैनडेट सेट कर सकते हैं. ईसीएस मैनडेट सुविधा के माध्यम से आपके बैंक खाते से एक तय राशि अपने आप कटकर पीपीएफ अकाउंट में जमा हो जाएगी. इस प्रक्रिया का इस्तेमाल पैसों के इंटरबैंक ट्रांसफर में किया जाता है.

3. स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन
इस प्रक्रिया का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब सेविंग और पीपीएफ अकाउंट एक ही बैंक में हों. इसमें बैंक से सेविंग अकाउंट से पैसा काटकर पीपीएफ अकाउंट में जमा करने के लिए कहा जाता है. यह काफी फ्लेक्सिबल सिस्टम है. इसमें मासिक या दैनिक आधार पर पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा कराया जा सकता है. हालांकि, किसी एक वित्त वर्ष में पीपीएफ खाते में पैसा जमा करने की सीमा 1.5 लाख रुपये तय है. स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देने पर आपके सेविंग/करेंट अकाउंट से पैसा कटकर अपने आप पीपीएफ अकाउंट में जमा हो जाएगा.

बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि पीपीएफ अकाउंट अधिकृत बैंकों में खुलवाया जा सकता है. इस खाते में हर साल आपको कम से कम 500 रुपये जमा करने पड़ते हैं. पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है.

कब पैसे को ट्रांसफर करना सबसे अच्छा?
पेमेंट के इन ऑनलाइन तरीकों का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए हर महीने की पांच तारीख से पहले पीपीएफ में डिपॉजिट करें. कुकरेजा कहते हैं कि पीपीएफ जमा पर ब्याज का कैलकुलेशन हर महीने किया जाता है. यह पीपीएफ खाते में पांच तारीख से महीने की अंतिम तारीख को पड़े बैलेंस के आधार पर होता है. इस तरह पांच तारीख से पहले पैसे जमा करने से आपको पीपीएफ बैलेंस पर ज्यादा ब्याज कमाने में मदद मिलती है.

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नई दिल्ली.पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ भारत में बचत का लोकप्रिय और काफी पुराना तरीका है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि इसपर मिलने वाला टैक्स लाभ ईईई (मुक्त-मुक्त-मुक्त) श्रेणी में आता है.

इसका मतलब है कि इसमें निवेश किया गया पैसा, कमाया गया ब्याज और मैच्योरिटी पर हासिल राशि, तीनों पूरी तरह कर से मुक्त हैं. हम पीपीएफ से जुड़ी ऐसी बातें आपको बता रहे हैं, जो बड़े काम की हैं. ज्यादातर लोगों को ये बातें पता नहीं होतीं.

1. मैच्योरिटी की तारीख
यह बात कई लोग जानते है कि पीपीएफ में जमा राशि का लॉक-इन पीरियड 15 सालों होता है. हालांकि, लोग यह नहीं जानते कि मैच्योरिटी की तारीख खाता खुलने के तारीख के साथ नहीं शुरू होती. पीपीएफ स्कीम के नियमानुसार यह तारीख अलग होती है.

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यह तारीख जिस वित्तीय वर्ष में निवेश किया गया है, उसकी आखिरी तारीख से शुरू होती है. किस महीने में खाता खोला गया, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. यदि आपने जुलाई 2014 में पैसा डाला, तो आपकी लॉक-इन तारीख 31 मार्च 2015 होगी और मैच्योरिटी तिथि 1 अप्रैल 2030 होगी.

2. कंट्रिब्यूशन एक साल में 12 बार ही
नियमानुसार, हर साल कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का योगदान पीपीएफ में किया जा सकता है. 1.5 लाख रुपये की राशि अपने खाते के साथ नाबालिग व्यक्तियों (जैसे बच्चों) के खातों की कुल अधिकतम सीमा है.

आप एक वित्त वर्ष एकमुश्त रकम या हर महीने कुछ रकम जमा कर सकते हैं. लेकिन एक साल में आप 12 दफा से ज्यादा इस स्कीम में पैसा जमा नहीं कर सकते.

क्या मैं हर साल पीपीएफ खाते में अलग अलग राशि जमा कर सकता हूं? - kya main har saal peepeeeph khaate mein alag alag raashi jama kar sakata hoon?

A PPF account cannot be attached by a person or entity to pay off any debt or liability.

3. कितनो योगदान
चूंकि इस स्कीम में लॉक-इन पीरियड उस वित्त वर्ष के अंत से शुरू होता है, जिस वित्त वर्ष में आपने योगदान किया है, इसलिए अगर आप पीपीएफ में पैसा सालाना जमा करते हैं तो आप इस स्कीम की पूरी अवधि में कुल 16 बार पैसे जमा करते हैं, न कि 15 बार.

मान लीजिए कि आपने जुलाई 2014 में पहला योगदान किया, फिर आप 2015-16 के लिए जमा करेंगे, फिर 2016-17 के लिए और इस तरह 2029-30 तक योगदान जारी कर सकते हैं.

अंतिम योगदान आपका 16वां योददान होगा. इस तरह आप सालाना योगदान करते हैं तो 15 सालों में 16 दफा और हर महीने करते हैं तो कुल 192 दफा योगदान कर सकते हैं (16x12=192), जिसके बाद आपकी स्कीम मैच्योर हो जाएगी.

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4. ब्याज की गणना
सलाह दी जाती है कि पीपीएफ में मासिक निवेश करने वाले लोगों को हर महीने की 5 तारीख से पहले राशि जमा कर देनी चाहिए. इसकी वजह यह है कि ब्याज की गणना के लिए 5 तारीख से लेकर महीने की आखिरी तारीख को लिया जाता है.

यदि आप साल में एक ही बार निवेश कर रहे हैं, तो 5 अप्रैल से पहले ही निवेश कर दे. ऐसी स्थिति में आपको पूरी साल का ब्याज मिलेगा. इस तारीख के बाद जमा राशि पर उस वर्ष कोई ब्याज नहीं मिलेगा. भारत सरकार पीपीएफ पर 7.8 फीसदी ब्याज देती है.

5. पीपीएफ के लिए योग्यता
पीपीएफ एकल खाता है. आप इसके ज्वाइंट अकाउंट नहीं खुलवा सकते. हालांकि, एक नाबालिग का पीपीएफ खाता अभिभावक के साथ खुलेगा. अभिभावक के रूप में सिर्फ माता या पिता, दोनों में से एक या फिर कोर्ट द्वारा नियुक्त अभिभावक ही मान्य है.

दादा-दादी या नाना-नानी सिर्फ तभी अभिभावक बन सकते हैं, यदि माता-पिता दोनों की ही मृत्यु हो गई हो. एक व्यक्ति एक से ज्यादा खाता नहीं खुलवा सकता. हालांकि, नाबालिग के साथ जुड़ा खाता अलग माना जाता है.

क्या मैं हर साल पीपीएफ खाते में अलग अलग राशि जमा कर सकता हूं? - kya main har saal peepeeeph khaate mein alag alag raashi jama kar sakata hoon?

Both PPF and five-year National Savings Certificate (NSC) earn 7.8% annual return, higher than what banks offer.

6. आंशिक लिक्विडिटी
हालांकि, पीपीएफ का लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, मगर यह आंशिक रूप से लिक्विडिटी देता है. हालांकि, लोन या निकासी पर मिलने वाली यह लिक्विडिटी विषयपरक है.

लोन पर उठाए जाने वाली राशि का ब्याज, पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज से 2 फीसदी अधिक होता है. मूल राशि खाताधारक के खाते में जमा की जाती है, जबकि ब्याज सरकार की कमाई है. हालांकि, आप सातवें वर्ष से निकासी कर सकते हैं.

7. समयावधि से पहले बंद करना
समय से पहले खाता बंद करना सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही संभव है. आपना खाता 15 वर्षों से पहले बंद करवाने के लिए आपको कम से कम पांच साल पूरे करने होंगे.

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8. निकासी पर टैक्स

पीपीएफ की राशि ईईई श्रेणी में आती है, इसलिए समय से पहले निकाली गई राशि पर भी कोई टैक्स नहीं लगता. हालांकि, इसकी सूचना आपको इनकम टैक्स रिटर्न में देनी अनिवार्य है.

9. कोर्ट का हुक्म भी नहीं चलेगा
पीपीएफ खाते को किसी भी कर्ज या देनदारी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता. साथ ही कोर्ट भी इस चीज का आदेश नहीं दे सकता है.

10. जुर्माना या दंड
यदि आप साल में 500 रुपये का न्यूनतम योगदान जमा नहीं करते, तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है. इस खाते को फिर से सक्रिय करने के लिए आपको 50 रुपये प्रतिवर्ष के जुर्माने के साथ 500 रुपये प्रतिवर्ष की न्यूनतम राशि भी जमा करवानी होगी.

क्या मैं हर साल पीपीएफ खाते में अलग अलग राशि जमा कर सकता हूं? - kya main har saal peepeeeph khaate mein alag alag raashi jama kar sakata hoon?

The Finance Ministry has been nudging the Labour Ministry to lower the EPF rate for aligning it with the rates of small savings schemes like PPF.



11. बंद खाते

यदि आपने अपना खाता बंद कर दिया है तो आप लोन नहीं ले सकते. साथ ही आप कोई राशि भी नहीं निकाल सकते, जबतक आप जुर्माना भर कर अपने खाते को फिर से सक्रिय नहीं करते.

12. नोमिनी
आप किसी को अपना नॉमिनी चुन सकते हैं, बशर्ते नॉमिनी नाबालिग हो. नाबालिग के खातों का नॉमिनी नहीं बनाया जा सकता.

13. 5 वर्षो का अतिरिक्त समय
पीपीएफ खाते के 15 साल पूरा हो जाने के बाद आप इस सालों के 5 गुणा में जारी रख सकते हैं. यह समय अनिश्चितकाल के लिए हो सकता है. 15 साल के बाद आपका योगदान अनिवार्य नहीं. हालांकि आपकी जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा. साथ ही, साल में एक बार निकासी की शर्त जारी रहेगी.

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14. ट्रांसफर
एक व्यक्ति के पास अपने पोस्ट ऑफिस पीपीएफ को बैंक पीपीएप और बैंक पीपीएफ को पोस्ट ऑफिस पीपीएफ में तब्दील करने की आजादी है. इसके अलावा, पीपीएफ अकाउंट के लिए बैंक की शाखा और बैंक को भी बदला जा सकता है.

15. संपत्ति कर
पीपीएफ खाते संपत्ति कर के दायरे से भी बाहर होते है.

पीपीएफ अकाउंट में साल में कितनी बार पैसा जमा कर सकते हैं?

PPF account में आप हर साल चाहे जितनी बार पैसा जमा कर सकते हैं। पहले 1 साल के अंदर ज्यादा ज्यादा 12 बार तक पैसा जमा करने की छूट थी। और 1 महीने में ज्यादा से ज्यादा 2 बार तक पैसा जमा किया जा सकता था।

क्या मैं पीपीएफ खाते में अलग अलग राशि जमा कर सकता हूं?

इसमें बड़ी आसानी से अपने सेविंग अकाउंट से पीपीएफ अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. इसमें आप हर महीने या प्रतिदिन पैसा जमा कर सकते हैं. यहां आपको यह ध्यान रखना होगा कि पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपये तक ही जमा करा सकते हैं.

क्या हम 5 साल से पहले पीपीएफ खाता बंद कर सकते हैं?

केवल खाताधारक के निधन की स्थिति में ही पीपीएफ अकाउंट 5 साल से पहले बंद हो सकता है। हालांकि PPF loan की सुविधा तीसरे साल से ही शुरू हो जाती है। आप emergency की स्थिति में इसे इस्तेमाल कर सकते हैं

पीपीएफ अकाउंट का क्या नियम है?

नियम 1: सिर्फ 500 रुपए जमा करके खुल जाता है PPF अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस, कहीं भी आपको PPF अकाउंट खुलवाने के लिए कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी है। इससे अधिक आप जमा करना चाहें तो भी कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी एक वित्त वर्ष में PPF खाते में, 1.50 लाख रुपए से अधिक जमा नहीं किए जा सकते।